प्रादेशिक
शिवराज के 11 साल बनाम 132 घोटालों की सरकार : कांग्रेस
भोपाल | मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के 11 वर्ष के कार्यकाल पर हो रहे कार्यक्रमों पर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव ने यहां कहा कि यह 132 घोटालों की सरकार है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान को यह बताना चाहिए कि उन्होंने बीते 11 वर्षो में पांच ऐसे कौन से काम किए हैं, जिससे जनता का हित हुआ है।
यादव ने कहा, “शिवराज को राज्य की सत्ता संभाले 132 माह अर्थात 11 साल पूरे हो गए हैं, उनके शासनकाल में हर माह एक घोटाला हुआ है। इस तरह यह ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जिनके कार्यकाल में अब तक 132 घोटाले हो चुके हैं। जश्न के दौरान मुख्यमंत्री चौहान जनता को यह भी बताते कि कितने घोटाले और होंगे तो बेहतर होता।”
उन्होंने आगे कहा, “राज्य के हर वर्ग का बुरा हाल है, महिलाओं पर अत्याचार हो रहे हैं, किसान आत्महत्या कर रहा है, रोजगार का संकट है, शिक्षा व्यवस्था चौपट है, स्वास्थ्य सेवाएं दम तोड़ रही हैं, मगर सरकार जश्न मनाने में व्यस्त है।”
यादव ने कहा कि जनता की गाढ़ी कमाई को सरकार अपना जश्न मनाने में उड़ा रही है, नोटबंदी के बाद राज्य की जनता को दो-ढाई हजार रुपये पाने के लिए घंटों और पूरे दिन-दिन बैंकों की कतारों में लगना पड़ रहा है, जिस पर राज्य सरकार का ध्यान नहीं है।
राज्य में व्याप्त अव्यवस्थाओं का जिक्र करते हुए यादव ने मुख्यमंत्री चौहान से मांग की कि वे पांच ऐसे काम भी गिनाएं, जिनसे प्रदेश की जनता का भला हुआ है।
राज्य के सागर, ग्वालियर, इंदौर, उज्जैन, सहित अन्य स्थानों पर कांग्रेस नेताओं ने संवाददाता सम्मेलन कर सरकार की नीतियों की आलोचना की।
उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
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