नेशनल
वैध नोट जमा करने वालों पर नहीं होगी निकालने की सीमा : आरबीआई
मुंबई | बैंक खातों में नकदी जमा कराने को बढ़ावा देते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कहा है कि जो लोग प्रचलन से बाहर हो चुके पुराने नोट की बजाए वैध नोट जमा करेंगे, वे 24,000 रुपये की साप्ताहिक सीमा से अधिक धनराशि निकाल सकेंगे। आरबीआई द्वारा सोमवार की रात जारी इस अधिसूचना का लक्ष्य लोगों को बैंक खातों में धनराशि जमा करने को प्रोत्साहित करना है।
आरबीआई ने कहा, “ऐसी जानकारी मिली है कि कई लोग आजकल बैंक में इसलिए धन जमा नहीं करा रहे हैं, क्योंकि निकालने की सीमा निर्धारित कर दी गई है। जो लोग वैध मुद्रा बैंक में जमा करेंगे, वे 29 नवंबर के बाद से 24,000 की साप्ताहिक सीमा से अधिक धन निकाल सकेंगे।”
आरबीआई ने यह भी कहा कि इस बात की अधिक संभावना है कि निकासी के वक्त उन्हें नए 2,000 और 500 रुपये के नोट जारी किए जाएं।
आरबीआई के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति बैंक में 10,000 रुपये जमा करता है और अगर इसमें से 4,000 रुपये की राशि वैध मुद्रा (100, 50, 20, 10, 5 आदि के नोट व सिक्के) के रूप में हैं और शेष राशि अमान्य करार दिए जा चुके 500 और 1000 रुपये के नोट हैं, तो वह व्यक्ति 24,000 की सीमा के अतिरिक्त 4,000 रुपये कभी भी निकाल सकता है।
अन्तर्राष्ट्रीय
जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत
नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।
इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।
उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।
डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।
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