Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

लोकसभा में जीएसटी विधेयकों पर चर्चा

Published

on

लोकसभा, जीएसटी विधेयकों, केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली, जीएसटी परिषद, जीएसटी

Loading

नई दिल्ली | केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को लोकसभा में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से संबंधित चार विधेयक पेश किए, उसके बाद विधेयकों पर चर्चा शुरू हुई। जेटली ने विधेयकों को पेश करते हुए कहा, “इन चारों विधेयकों को एक साथ पेश किया जा रहा है, क्योंकि विधेयकों की विषयवस्तु एक जैसी ही है।”

लोकसभा, जीएसटी विधेयकों, केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली, जीएसटी परिषद, जीएसटी

उन्होंने कहा, “अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के तहत संविधान संशोधन से पहले केंद्र के पास कुछ करों को लागू करने का अधिकार था। एकीकृत कर प्रणाली पर लंबे समय से चर्चा होती रही है, जिसके तहत राज्य और केंद्र सरकार संग्रहित कर को साझा करेंगे।”

उन्होंने कहा, “जीएसटी परिषद पहला संघीय संस्थान है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि यह संघीय संस्था काम करे। इसमें केंद्र और राज्यों का संतुलित मेलजोल है, जबकि हम परिषद को सुझाव देने के लिए मुक्त है। एक ही समय पर हमें संघीय ढांचे को सम्मान देने की भी जरूरत है।”

जीएसटी को एक जुलाई से देशभर में लागू किया जाना है। इसके पंजीकरण, भुगतान, रिटर्न्‍स और इनवॉयस रिफंड से संबंधित नियमों को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है। इसके बाकी नियमों पर 31 मार्च को जीएसटी परिषद में चर्चा होगी।

गौरतलब है कि बुधवार को संसद के निचले सदन में केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) सहित तीन अन्य जीएसटी विधेयकों को चर्चा के लिए पेश किया गया। जेटली ने कहा कि अगले महीने से कमोडिटीज की कर दरें तय की जाएंगी। आवश्यक खाद्य सामानों पर शून्य फीसदी कर दर तय होगी। इसके अलावा करों की चार दरें हैं, जिसमें पांच फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी दरें हैं।

वित्तमंत्री जेटली ने कहा कि विलासिता की वस्तुओं और स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले उत्पादों पर लगभग एक जैसे प्रभावकारी कराधान तय किए जाएंगे।

यदि आपके लग्जरी वाहन पर 40 फीसदी कराधान और सिगरेट पर 65 फीसदी कराधान लगता है तो उन्हें 28 फीसदी की कर दरों में रखा जाएगा और राज्यों का राजस्व घटने की भरपाई के हर्जाने के तौर पर उपकर (सेस) लगाया जाएगा। केंद्रीय जीएसटी विधेयक 2017 कर वसूली, केंद्र सरकार द्वारा राज्य के भीतर सामानों, सेवाओं या दोनों पर कर संग्रह की व्यवस्था करेगा।

जेटली ने इसके अलावा समेकित वस्तु एवं सेवा कर विधेयक 2017 को भी सदन में पेश किया, जिससे राज्य के भीतर आपूर्ति पर कर संग्रह का प्रावधान होगा। जेटली ने वस्तु एवं सेवा कर (राज्यों को क्षतिपूर्ति) विधेयक भी पेश किया, जिसके तहत जीएसटी लागू होने पर राज्यों के राजस्व घाटे पर मुआवजा दिया जाएगा।

इसके साथ ही केंद्रीय प्रशासित वस्तु एवं सेवा कर विधेयक 2017 भी पेश किया गया, जिसमें केंद्र प्रशासित क्षेत्र में सामानों, सेवाओं या दोनों की आपूर्ति पर कर संग्रह का प्रावधान है।

 

नेशनल

प्रियंका गांधी ने सहारनपुर में किया रोड शो, कहा- मोदी सत्ता को पूजते हैं सत्य को नहीं

Published

on

Loading

सहारनपुर। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने 2024 लोकसभा चुनाव के तहत सहारनपुर में रोड शो किया। इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। प्रियंका ने कहा कि इस देश ने सत्ता को नहीं सत्य को पूजा है और मोदी सत्ता को पूजते हैं सत्य को नहीं। रोड शो के दौरान प्रियंका गांधी ने रामनवमी पर कहा कि भगवान राम ने भी सत्य की लड़ाई लड़ी थी। जब उनके सामने रावण युद्ध करने के लिए आया तो सारी शक्ति रावण के पास थी, लेकिन भगवान राम ने नौ व्रत रखकर सारी शक्ति अपने पास ले ली थी। इसके बाद रावण से युद्ध किया और सत्य की जीत हुई।

यह रोड शो कांग्रेस के लोकसभा उम्मीदवार इमरान मसूद के समर्थन में आयोजित किया गया था। प्रियंका गांधी ने कहा कि मैं हर जगह यही कह रही हूं कि ये चुनाव जनता का होना चाहिए, जनता के मुद्दों पर होना चाहिए। मोदी जी और बीजेपी के नेता बेरोजगारी, महंगाई, किसानों, महिलाओं की बात नहीं कर रहे हैं। जो असली समस्याएं महिलाओं-किसानों की है, उनके बारे में बात ही नहीं हो रही है। बात इधर उधर की ध्यान भटकाने की हो रही है। उन्होंने आगे कहा कि जो सत्ता में बैठे हैं, वह माता शक्ति और सत्य के उपासक नहीं हैं, ‘सत्ता’ के उपासक हैं। वो सत्ता के लिए किसी भी हद तक गिर जाएंगे। सत्ता के लिए सरकारें गिरा देंगे, विधायकों को खरीदेंगे, अमीरों को देश की संपत्ति दे देंगे। यह हमारे देश की परंपरा नहीं है। भगवान श्रीराम ‘सत्ता’ के लिए नहीं, ‘सत्य’ के लिए लड़े। इसलिए हम उनकी पूजा करते हैं। आज रामनवमी का शुभ दिन है, इसलिए मैं बहुत खुश हूं। वाल्मीकि रामायण में लिखा है कि जब भगवान राम युद्ध भूमि में उतरे तो देखा कि माता की शक्तियां रावण के पास थीं। जिसके बाद उन्होंने नौ दिनों तक माता की आराधना की और 108 नील कमल मां के चरणों में अर्पण किए।

उन्होंने कहा कि जिसके बाद माता ने उनकी परीक्षा लेने को सोची और 108वां कमल छिपा दिया। लेकिन, भगवान राम के पास श्रद्धा की शक्ति थी, उन्हें याद आया कि उनकी मां उन्हें बचपन में ‘राजीव लोचन’ कहती थीं। यह बात याद आते ही भगवान राम अपने नयन निकालने ही जा रहे थे, तभी माता ने उन्हें रोकते हुए कहा कि मैं तुम्हारी श्रद्धा से प्रसन्न हुई। मेरी शक्ति तुम्हारे साथ है। हम भगवान राम को इसलिए पूजते हैं, क्योंकि उन्होंने सच्ची श्रद्धा के साथ यह लड़ाई लड़ी और जनता को सर्वोपरि रखा। जनता पर अन्याय करने वाली भाजपा की विदाई तय है।

Continue Reading

Trending