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राष्ट्र निर्माण में कृपालु शिक्षण संस्थान की छात्राएं निभाएंगीं अहम भूमिका : राम नाईक

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जगदगुरु कृपालु परिषत ऐजुकेशन, राम नाईक, सातवें वार्षिक समारोह ‘उत्थान‘,जिमी शेरगिल, राम पुरी,‍ विशाखा त्रिपाठी

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जगदगुरु कृपालु परिषत ऐजुकेशन, राम नाईक, सातवें वार्षिक समारोह ‘उत्थान‘,जिमी शेरगिल, राम पुरी,‍ विशाखा त्रिपाठी

सातवें वार्षिक समारोह ‘उत्थान‘

कुण्डा (प्रतापगढ़)। जगदगुरु कृपालु परिषत ऐजुकेशन द्वारा उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाके कुण्डा में बालिका शिक्षा के क्षेत्र में जो कार्य किया जा रहा है वो वास्तव में तो सरकार की जिम्मेदारी है लेकिन परिषत के द्वारा कहीं बेहतर तरीके संपन्न किया जा रहा है। जगदगुरु कृपालु परिषत ऐजुकेशन के सातवें वार्षिक समारोह ‘उत्थान‘ के अवसर पर उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने यह बात कही।

राज्यपाल राम नाईक को मुख्य अतिथि के रुप में समारोह में शिरकत करना था लेकिन घने कोहरे के कारण उनका हेलीकॉप्टर संचालित नहीं हो पाया और वे महाविद्यालय प्रांगण में नहीं पहुंच पाए। उन्होंने राजभवन लखनऊ से ही ने मोबाईल के द्वारा महाविद्यालय प्रांगण में मौजूद सैकड़ों छात्राओं, शिक्षकों और प्रबंधन के लोगों को संबोधित किया।

राम नाईक ने कहा ‘‘आज के समय में कोई भी राष्ट्र सही मायने में उन्नत नहीं कहा जा सकता जब तक उसकी महिलाएं सशक्त न हों और महिला सशक्तीकरण शिक्षा से ही संभव है।

वर्तमान दौर में महिलाएं वायुयान चला रहीं हैं और सेना में भी प्रतिनिधित्व कर रहीं हैं। सभी छात्राओं को बड़े सपने देखने की आवष्यकता है और उन सपनों को पूरा करने के लिए इच्छाशक्ति जरुरी है जो जगदगुरु कृपालु परिषत ऐजुकेशन जैसी संस्था के द्वारा उच्च स्तरीय शिक्षा से संभव किया जा रहा है। ‘

छात्राओं को सफलता के मंत्र देते हुए राज्यपाल ने कहा कि चेहरे पर मुस्कान, दूसरों के अच्छे कार्यों की प्रषंसा, दूसरों को कभी नीची नज़रों से नहीं देखने और सदैव अपनी राह पर चलते रहने से सफलता निश्चित है।

उन्होंने कहा कि पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन जैसी आज के दौर की समस्याओं के प्रति भी छात्राओं को सचेत रहने की जरुरत है। जगदगुरु कृपालु परिषत की अध्यक्षा डा. विशाखा त्रिपाठी और सचिव राम पुरी के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि ऐसे प्रयासों से ही महिलाओं को पुरुषों के बराबर आने का और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने का पूरा मौका मिलता है ।

jkp06वार्षिक समारोह ‘उत्थान‘ के दूसरे सत्र में मुख्य अतिथि के रुप में फिल्म अभिनेता जिमी शेरगिल और उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री शिवाकांत ओझा मौजूद थे। परिसर में मौजूद छात्राओं ने तालियों से जिमी शेरगिल का जोरदार स्वागत किया।

जिमी शेरगिल महाविद्यालय प्रांगण का माहौल और छात्राओं के सांस्कृतिक कार्यक्रम को देखकर अभिभूत थे। ‘‘ऐसी प्रस्तुति की उम्मीद केवल केवल किसी प्रोफेशनल कलाकार से ही की जा सकती है। मैं डा. विशाखा त्रिपाठी और राम पुरी को ऐसे प्रयास के लिए बहुत मुबारकबाद देता हूं। ‘‘

स्वास्थ्य मंत्री शिवाकांत ओझा ने मेधावी छात्राओं को पुरस्कार वितरित करने के उपरान्त शिक्षण संस्थान की तारीफ करते हुए कहा ‘‘ ग्रामीण क्षेत्र की बालिकाओं को उच्च स्तरीय शिक्षा दी जा रही है और यह महिलाओं को हर तरह से सषक्त करने की दिशा में यह एक बेहतरीन प्रयास है।  इस वार्षिक उत्सव में शामिल होकर मुझे प्रसन्नता तो है ही साथ ही गर्व का भी अनुभव हो रहा है।‘‘

जगदगुरु कृपालु परिषत ऐजुकेशन की समस्त गतिविधियों का संचालन डा. विषाखा त्रिपाठी की व्यक्तिगत देखरेख में होता है। उन्होंने कहा कि परिषत का उद्देश्‍य सही मायने में बालिकाओं को सशक्त करना है। हम चाहते हैं कि इस संस्थान में शिक्षा ग्रहण करने वाली हर बालिका के समक्ष समाज के किसी भी क्षेत्र में योगदान देने की अपार संभावनाएं हों और आधुनिक सुविधाओं की कमी उनके सपनों के पूरा होने में बाधा न बने।

परिषत के प्रतिनिधि राम पुरी ने कार्यक्रम में आए सभी विशिष्ट अतिथियों का धन्यवाद किया तथा इस पूरे आयोजन को सफल बनाने के लिए छात्राओं और इवेन्ट प्लान करने वाली टीम की सराहना की । ‘‘ कृपालु शिक्षण संस्थान में हमारा हमेशा यह प्रयास रहता है कि हम छात्राओं को सबसे बेहतर सुविधाएं और अवसर प्रदान करें और हमारी छात्राओं ने हमेशा साबित किया है कि वे किसी भी अन्य आधुनिक संस्थान की छात्राओं से कम नहीं हैं ।‘‘ उन्होंने सहयोग और उत्साहवर्धन के लिए परिषत की अध्यक्षाओं का आभार व्यक्त किया।

इससे पूर्व जगदगुरु कृपालु परिषत की अध्यक्षाओं ने वार्षिकोत्सव उत्थान का दीप प्रज्जवलन के साथ शुभारंभ किया। संस्थान ने मेधावी छात्राओं के साथ साथ सबसे उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली शिक्षिकाओं और गैर शिक्षण कर्मचारियों को भी सम्मानित किया।

jkp03संस्थान की प्राईमरी, इंटरमीडिएट और परास्नातक छात्राओं ने शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। बात चाहे श्री राणा वन्दना की हो या फिर नवरस की, नृत्य नाटिका ‘‘दीवारें‘‘ की प्रस्तुति हो या फिर महिलाओं के विरुद्ध हिंसा पर आधारित नाटक ‘‘पंख‘‘ में छात्राओं का अभिनय, सभी प्रस्तुतियों को दर्शकों ने खूब सराहा।

ग्रैण्ड फिनाले को देखने के बाद पूरा परिसर तालियों से गुंजायमान हो उठा। कार्यक्रम में कृपालु महाविद्यालय की छात्राएं, उनके अभिभावक और स्थानीय लोग भी बड़ी संख्या में मौजूद थे। ज्ञात रहे कि जगदगुरु कृपालु परिषत द्वारा संचालित शिक्षण संस्थानों में करीब चार हजार बालिकाओं को प्राईमरी से परास्नातक स्तर तक पूर्णतया निःशुल्क शिक्षा प्रदान की जाती है।

नेशनल

प्रियंका गांधी ने सहारनपुर में किया रोड शो, कहा- मोदी सत्ता को पूजते हैं सत्य को नहीं

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सहारनपुर। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने 2024 लोकसभा चुनाव के तहत सहारनपुर में रोड शो किया। इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। प्रियंका ने कहा कि इस देश ने सत्ता को नहीं सत्य को पूजा है और मोदी सत्ता को पूजते हैं सत्य को नहीं। रोड शो के दौरान प्रियंका गांधी ने रामनवमी पर कहा कि भगवान राम ने भी सत्य की लड़ाई लड़ी थी। जब उनके सामने रावण युद्ध करने के लिए आया तो सारी शक्ति रावण के पास थी, लेकिन भगवान राम ने नौ व्रत रखकर सारी शक्ति अपने पास ले ली थी। इसके बाद रावण से युद्ध किया और सत्य की जीत हुई।

यह रोड शो कांग्रेस के लोकसभा उम्मीदवार इमरान मसूद के समर्थन में आयोजित किया गया था। प्रियंका गांधी ने कहा कि मैं हर जगह यही कह रही हूं कि ये चुनाव जनता का होना चाहिए, जनता के मुद्दों पर होना चाहिए। मोदी जी और बीजेपी के नेता बेरोजगारी, महंगाई, किसानों, महिलाओं की बात नहीं कर रहे हैं। जो असली समस्याएं महिलाओं-किसानों की है, उनके बारे में बात ही नहीं हो रही है। बात इधर उधर की ध्यान भटकाने की हो रही है। उन्होंने आगे कहा कि जो सत्ता में बैठे हैं, वह माता शक्ति और सत्य के उपासक नहीं हैं, ‘सत्ता’ के उपासक हैं। वो सत्ता के लिए किसी भी हद तक गिर जाएंगे। सत्ता के लिए सरकारें गिरा देंगे, विधायकों को खरीदेंगे, अमीरों को देश की संपत्ति दे देंगे। यह हमारे देश की परंपरा नहीं है। भगवान श्रीराम ‘सत्ता’ के लिए नहीं, ‘सत्य’ के लिए लड़े। इसलिए हम उनकी पूजा करते हैं। आज रामनवमी का शुभ दिन है, इसलिए मैं बहुत खुश हूं। वाल्मीकि रामायण में लिखा है कि जब भगवान राम युद्ध भूमि में उतरे तो देखा कि माता की शक्तियां रावण के पास थीं। जिसके बाद उन्होंने नौ दिनों तक माता की आराधना की और 108 नील कमल मां के चरणों में अर्पण किए।

उन्होंने कहा कि जिसके बाद माता ने उनकी परीक्षा लेने को सोची और 108वां कमल छिपा दिया। लेकिन, भगवान राम के पास श्रद्धा की शक्ति थी, उन्हें याद आया कि उनकी मां उन्हें बचपन में ‘राजीव लोचन’ कहती थीं। यह बात याद आते ही भगवान राम अपने नयन निकालने ही जा रहे थे, तभी माता ने उन्हें रोकते हुए कहा कि मैं तुम्हारी श्रद्धा से प्रसन्न हुई। मेरी शक्ति तुम्हारे साथ है। हम भगवान राम को इसलिए पूजते हैं, क्योंकि उन्होंने सच्ची श्रद्धा के साथ यह लड़ाई लड़ी और जनता को सर्वोपरि रखा। जनता पर अन्याय करने वाली भाजपा की विदाई तय है।

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