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नेशनल

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पारित

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राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पारित

नई दिल्ली | विपक्ष के विरोध के बीच लोकसभा ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा संसद की संयुक्त बैठक के दौरान दिए गए अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को मंगलवार को पारित कर दिया। प्रस्ताव के मुताबिक, “लोकसभा में इस सत्र में मौजूद सदस्य राष्ट्रपति के अभिभाषण के लिए बेहद आभारी हैं, जिसे उन्होंने 31 जनवरी, 2017 को संसद के दोनों सदनों को संबोधित करते हुए दिया था।”

प्रस्ताव को सदन ने ध्वनिमत से पारित किया। कांग्रेस सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने द्वारा सुझाए गए संशोधन पर मतविभाजन पर जोर दिया।

लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने हालांकि कहा कि शोरगुल के कारण वह विपक्षी सदस्यों की बातें नहीं सुन पाईं और प्रस्ताव को आगे बढ़ा दिया।

आक्रोशित कांग्रेस तथा मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया, जिसके बाद प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।

विपक्षी सदस्यों द्वारा सुझाए गए सभी संशोधनों को दरकिनार कर दिया गया।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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