Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

योगी सरकार का बेटियों को बड़ा तोहफा, जन्म पर 50 हजार का बॉन्ड, मां को मिलेंगे 5100

Published

on

Loading

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने शुक्रवार को महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए कहा कि गरीब परिवारों में बेटी के जन्म पर प्रदेश सरकार 50 हजार रुपए का बॉन्ड देगी। इसके लिए महिला कल्याण विभाग ‘भाग्यलक्ष्मी योजना’ का ब्लूप्रिंट तैयार कर रहा है। इसके तहत बेटी को जन्म देने वाली मां को भी 5100 रुपए दिए जाएंगे।

इस योजना के अनुसार, बेटियों की उम्र बढऩे के साथ अभिभावकों को पढ़ाई के लिए वित्तीय मदद मिलती जाएगी। कक्षा 6 में आने पर बेटियों को 3 हजार रुपए, कक्षा 8 में आने पर 5 हजार रुपए, कक्षा 10 में पहुंचने पर 7 हजार व इंटरमीडिएट में आने पर 8 हजार रुपए मिलेंगे। इसी तरह 21 वर्ष की आयु में 2 लाख रुपए अभिभावकों को दिए जाएंगे।

सरकार के महिला कल्याण विभाग ने इस पर तेजी से काम करना शुरू कर दिया है। ऐसा माना जा रहा है कि सरकार के कदम से भ्रूण हत्या जैसे मामलों को काफी हद तक नियंत्रण में लाया जा सकेगा।

सरकार भाग्यलक्ष्मी योजना के तहत बीपीएल परिवारों के साथ ही दो लाख रुपये तक की सालाना आय वाले परिवारों को भी शामिल करने जा रही है। बॉन्ड के साथ बैंक की एफडी के विकल्प पर भी विचार हो रहा है।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

Published

on

Loading

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

Continue Reading

Trending