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नेशनल

मोदी, सोनिया ने स्वर्ण पदक जीतने पर देवेंद्र को दी बधाई

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मोदी

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मोदीनई दिल्ली| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को रियो पैरालम्पिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले भारतीय भाला फेंक एथलीट देवेंद्र झाजरिया को बधाई दी। देवेंद्र ने मंगलवार को पुरुष वर्ग में हुई स्पर्धा में अपने ही रिकॉर्ड में सुधार करते हुए 63.97 मीटर का प्रयास कर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। 36 वर्षीय एथलीट विश्व रैंकिंग में तीसरे स्थान पर हैं।

मोदी ने अपने बयान में कहा, “देवेंद्र को पैरालम्पिक में स्वर्ण पदक जीतन पर इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए बधाई। वह इसके हकदार थे। हमें उन पर गर्व है।” सोनिया ने अपने बयान में कहा, “पूरे देश को इस उपलब्धि पर गर्व है और भारत के लिए यह काफी अहम पल है।”

कांग्रेस अध्यक्ष ने देवेंद्र को खेलों और जीवन में असीम सफलता की शुभकामनाएं दी।  देवेंद्र ने इससे पहले 2004 एथेंस पैरालम्पिक में 62.15 मीटर का रिकॉर्ड बनाकर स्वर्ण पदक जीता था।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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