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नेशनल

मेडिकल प्रश्नपत्र लीक मामले में फैसला 15 जून को

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सर्वोच्च न्यायालय ऑल इंडिया

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नई दिल्ली | सर्वोच्च न्यायालय ऑल इंडिया प्री मेडिकल इंट्रेंस टेस्ट (एआईपीएमईटी) को दोबारा कराए जाने की मांग करने वाली याचिकाओं पर 15 जून को फैसला सुनाएगा। ये याचिकाएं 10 राज्यों के विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर इलेक्ट्रॉनिक उपकरण के जरिए प्रश्न पत्र के लीक हो जाने तथा उत्तर कुंजी का प्रसार हो जाने के कारण दायर की गई थीं। सीबीएसई ने दोबारा परीक्षा कराए जाने वाली याचिका का विरोध करते हुए कहा कि इसमें लंबी प्रक्रिया का पालन करना पड़ेगा। इसके बाद, न्यायमूर्ति आर.के.अग्रवाल और न्यायमूर्ति अमिताभ रॉय की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की अवकाशकालीन पीठ ने शुक्रवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

सीबीएसई की तरफ से महाधिवक्ता रंजीत कुमार ने कहा कि दोबारा परीक्षा कराया जाना सवालों के घेरे में है, क्योंकि इसकी तैयारी पिछले अक्टूबर में शुरू कर दी गई थी और तीन मई को परीक्षा आयोजित कराई गई। उन्होंने कहा कि अगर न्यायालय दोबारा परीक्षा कराए जाने के आदेश देता है तो फिर उसी प्रक्रिया का पालन करना पड़ेगा। महाधिवक्ता ने यह दलील दी कि सिर्फ 44 विद्यार्थी ही प्रश्नपत्र लीक होने से कथित रूप से लाभान्वित हुए हैं और उन्होंने कहा कि इससे प्रवेश परीक्षा में भाग लेने वाले 6.30 लाख विद्यार्थियों के परिणाम प्रभावित नहीं होने

अन्तर्राष्ट्रीय

जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत

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नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।

इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।

उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।

डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

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