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माईआईटीवाई से घर बैठे ठीक कराएं कंप्यूटर-लैपटॉप

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माईआईटीवाई से घर बैठे ठीक कराएं कंप्यूटर-लैपटॉपनई दिल्ली | क्या आपको डेस्कटॉप, लैपटॉप, प्रिंटर, राउटर, एप्पल टीवी, स्ट्रीमिंग आदि खराब होने पर उसको ठीक कराने के लिए वक्त निकालने, बाजार जाने और सही इंजीनियर ढूंढने की समस्याओं से जूझना पड़ता है? अक्सर देखा गया है कि लोगों के पास इन समस्याओं के समाधान के लिए स्थानीय बाजार के चक्कर लगाने के लिए न तो उनके पास समय होता है न ही धैर्य। ऐसे में उनके लिए घर बैठे आईटी समाधान मुहैया करानेवाली कंपनी माईआईटीवाई ने अपनी सेवाएं शुरू की है।

छोटे कार्यालयों और घरों (सोहो) को आईटी समाधान उपलब्ध कराने वाली कंपनी माईआईटीवाई ने दिल्ली/एनसीआर में अपनी सेवाओं को लांच किया। इसके तहत व्यक्तिगत उपभोक्ताओं, काम करने वाले पेशेवरों, गृहिणियों, विद्यार्थियों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए सेवाओं की व्यापक रेंज पेश की जाती है।

माईआईटीवाई के संस्थापक आरूश सोगानी ने बताया, “भारत का आईटी बाजार खंडित है और कई छोटे स्थानीय खिलाड़ियों से बना है, जो सत्यापित नहीं है। एक लैपटॉप पर 30-40 हजार रुपये खर्च के बाद भी लोगों को नेहरू प्लेस जैसे स्थानीय बाजार में जाना पड़ता है, जहां स्पेयर पार्ट्स और उनकी गुणवत्ता की कोई गारंटी नहीं होती।”

उन्होंने कहा, “माईआईटीवाई आपकी सुविधानुसार, आपके घर या ऑफिस में आपकी आईटी समस्याओं का समाधान करता है, साथ ही इनके द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले स्पेयर पार्ट्स पूरी तरह से प्रमाणित होते हैं (माईआईटीवाई से खरीदे जाने वाले)। इसके अलावा इनके इंजीनियरों को उद्योग जगत के विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया गया है। ये आपसे कोई छिपा हुआ शुल्क नहीं लेते हैं और जब तक काम पूरा नहीं हो जाता, आपको कोई अतिरिक्त बिल नहीं दिया जाता, फिर चाहे इंजीनियर को कितनी बार भी आपके कार्यस्थल पर आना पड़े।”

ऑन डिमांड हाइपर लोकल स्टार्ट-अप माईआईटीवाई को उद्योग की प्रमुख कंपनी सिस्नेट ग्लोबल टेकनोलोजीज का समर्थन प्राप्त है, जो 20 सालों से इस कारोबार में है। माईआईटीवाई विभिन्न सेक्टरों में छोटे एवं मध्यम आकार की कम्पनियों को आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने में भी मदद करता है।

कंपनी ने बताया कि वह व्यक्तिगत उपभोक्ताओं, काम करने वाले पेशेवरों, गृहिणियों, विद्यार्थियों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए सेवाओं की व्यापक रेंज पेश करते हैं। इसके साथ ही मैनुफैक्चरिंग, रीयल एस्टेट, कानूनी फर्मो और स्कूलों जैसे छोटे कारोबारों को भी टेक सपोर्ट एवं कंसल्टिंग सेवाएं उपलब्ध कराते हैं।

कंपनी का दावा है कि उसके पास इंजीनियरों एवं तकनीशियनों के लिए सख्त सत्यापन प्रक्रिया है। माईआईटीवाई की टीम में शामिल होने वाले हर इंजीनियर की निजी एवं पेशेवर पृष्ठभूमि की जांच की जाती है। ऐसे में अगर उनके इंजीनियर पर एक ब्रांड के रूप में भरोसा किया जा सकता है, जो बेहद महत्वपूर्ण है।

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केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन, 70 लाख मोबाइल नंबर हुए सस्पेंड; जानें क्या है कारण 

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70 lakh mobile numbers suspended in INDIA

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बड़ा एक्शन लेते हुए 70 लाख मोबाइल नंबर को सस्पेंड कर दिया है। यानी इन मोबाइल नंबर का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अब आपके जेहन में ही यही सवाल आ रहा होगा कि आखिर सरकार की ओर से यह कदम क्यों उठाया गया है। दरअसल, यह कदम बढ़ते डिजिटल फ्रॉड को देखते हुए उठाया गया है।

इस वजह से हुए मोबाइल नंबर सस्पेंड

सस्पेंड किए गए ये वे मोबाइल नंबर थे जो किसी तरह के संदिग्ध लेन-देन से जुड़े थे। दरअसल, इस मामले को लेकर वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने मंगलवार को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के समय में डिजिटल पेमेंट को लेकर हो रही धोखाधड़ी को देखते हुए ऐसा किया गया है। बता दें, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने यह जानकारी डिजिटल पेमेंट को लेकर धोखाधड़ी और इससे जुड़े मुद्दों पर बैठक के बाद दी है।

जनवरी में होगी अगली बैठक

जोशी ने कहा है कि डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं। बैंकों को उनकी प्रक्रियाओं और प्रणालियों को पहले से मजबूत बनाने को कहा गया है। उन्होंने बैठक को लेकर जानकारी देते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर आगे भी बैठकें होती रहेंगी। इसी के साथ मामले पर अगली बैठक अगले साल जनवरी में रखी गई है।

वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS) धोखाधड़ी को लेकर कहा है कि राज्यों को इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है। इसी के साथ राज्य सरकारों को डेटा सुरक्षा को भी मजबूत बनाने पर गौर देना चाहिए।

फ्रॉड के मामले कैसे होंगे कम

विवेक जोशी ने कहा है कि डिजिटल धोखाधड़ी को लेकर जागरुकता बेहद जरूरी है। इस तरह की धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है कि समाज को इन मामलों से अवगत करवाया जाए और जागरुक किया जाए। मालूम हो कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी साइबर धोखाधड़ी को लेकर समाज को जागरुक करने की बात पर जोर दिया था।

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