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नेशनल

मलयालम अभिनेत्री अपहरण मामले का मुख्य आरोपी गिरफ्तार

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कोच्चि। मलयालम फिल्म जगत की अभिनेत्री के अपहरण मामले के मुख्य आरोपी पुल्सर सुनील को घटना के छह दिन बाद गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, सुनील को गुरुवार को गिरफ्तार किया गया।

केरल पुलिस प्रमुख लोकनाथ बेहरा ने मीडिया को दिए बयान में कहा कि सुनील और उसके एक साथी को हिरासत में ले लिया गया है। लोकनाथ ने इस बारे में अधिक जानकारी देने से इनकार कर दिया। दोनों आरोपियों को एक अदालत से पकड़े जाने की रिपोर्ट के बारे में पूछने पर लोकनाथ ने कहा, “मैं इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। ”

केरल पुलिस प्रमुख ने कहा, “मैंने यह पहले भी कहा था कि जांच कोई जादुई छड़ी नहीं होती। कभी-कभी आरोपी को पकडऩे में समय लगता है। हमने हर संभव प्रयास किया और अंतत: उन्हें पकड़ लिया।” अभिनेत्री का 17 फरवरी की रात को त्रिसूर से कोच्चि लौटते वक्त कुछ लोगों ने अपहरण कर लिया था। इसके बाद उन्हें निर्देशक व अभिनेता लाल के घर के बाहर फेंक दिया गया।

इस घटना पर हैरान लाल ने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद अभिनेत्री के कार चालक मार्टिन को गिरफ्तार कर लिया गया। अभिनेत्री ने पुलिस को बताया कि सुनील ने अपने अन्य साथियों की मदद से उनका अपहरण किया था। फिल्म जगत में सुनील कई लोगों के साथ संपर्क में है।

अभिनेत्री ने बताया कि सुनील ने उनसे कहा कि उसे इस अपहरण के लिए कहा गया है और अगर वह अपना बचाव करेंगी तो वह बल प्रयोग करेगा। इस घटना की नेताओं और फिल्म जगत के सदस्यों ने कड़े शब्दों में निंदा की है और कहा है कि इसने महिलाओं की सुरक्षा पर फिर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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