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ममता की राष्ट्रपति से देश को ‘बचाने’ की अपील, ‘कालीदास’ से की पीएम की तुलना

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mamata banerzeeकोलकाता। केंद्र सरकार पर हमला करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से ‘देश को अव्यवस्था से बचाने’ की अपील की और एक ऐसी ‘राष्ट्रीय सरकार’ की मांग की जिसमें नरेंद्र मोदी न हों। देश में मौजूदा हालात को ‘अस्वीकार्य’ करार देते हुए तृणमूल अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र में राष्ट्रीय सरकार का संचालन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का कोई अन्य नेता कर सकता है।

ममता ने कहा, “सभी संस्थानों पर हमले हो रहे हैं। यह एक खतरनाक खेल है। हम राष्ट्रपति से देश को अव्यवस्था से बचाने की अपील करते हैं।” उन्होंने कहा, “केंद्र में शासन के नाम पर आतंकवाद व हल्लाबाजी हो रही है। उन्होंने योजना आयोग को खत्म कर उसे नीति आयोग में बदल दिया और उसमें ऐसे लोग हैं, जो देश को समझते तक नहीं।”

तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ने खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री कालिदास की तरह पेश आ रहे हैं। जिस डाल पर बैठे हैं, उसी को काटने का प्रयास कर रहे हैं।”

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, राजनाथ सिंह तथा अरुण जेटली का नाम लेते हुए ममता ने कहा, “इस देश को बचाने के लिए एक राष्ट्रीय सरकार का गठन किया जाए, जिसका नेतृत्व आडवाणी जी, राजनाथ जी या जेटली कर सकते हैं।”

ममता ने मोदी की ओर स्पष्ट इशारा करते हुए कहा, “मौजूदा हालात पूरी तरह अस्वीकार्य हैं। ‘उन्हें’ जाना पड़ेगा।” उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति तथा सर्वोच्च न्यायालय को इसमें भूमिका निभानी पड़ेगी। ममता ने दावा किया कि आठ नवंबर को की गई नोटबंदी के कारण राजस्व का भारी नुकसान हुआ और कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में भारी संख्या में लोग नोटबंदी के कारण प्रभावित हुए हैं।

उन्होंने कहा, “नोटबंदी के कारण हमें 5,500 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ। राज्य में 1.7 करोड़ लोग इससे प्रभावित हुए।” यहां टाउन हॉल में प्रशासनिक समीक्षा बैठक के बाद ममता ने कहा कि नोटबंदी के कारण चाय, जूट, ज्वेलरी तथा बीड़ी उद्योग के क्षेत्रों में 81.5 लाख लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा। तृणमूल कांग्रेस ने नोटबंदी पर राष्ट्रपति की टिप्पणी का स्वागत किया।

उत्तर प्रदेश

जौनपुर की चुनावी जंग हुई रोचक, बसपा ने धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला को बनाया उम्मीदवार

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लखनऊ। बसपा ने उत्तर प्रदेश की जौनपुर लोकसभा सीट से पूर्व सांसद धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला को अपना उम्मीदवार बनाया है। जबकि दूसरी ओर सपा ने एक वक्त में मायावती के करीबी रहे बाबू सिंह कुशवाहा को यहां से टिकट दिया है। वहीं बीजेपी ने पूर्व कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री कृपाशंकर सिंह को यहां से चुनावी मैदान में उतारा है।

मीडिया रिपोर्टस् के मुताबिक पहले बाहुबली धनंजय सिंह के सपा से चुनाव लड़ने की अफवाहों से सियासी गलियारों में सरगर्मी तेज हो गई थी। इसके बाद उन्हें सजा हो गई और उनका लोकसभा चुनाव लड़ना टल गया। इन सबके बीच सपा ने बाबू सिंह कुशवाहा को इस सीट से मैदान में उतार दिया। इसके बाद बसपा ने धनंजय सिंह की पत्नी को टिकट देकर यहां मुकाबला त्रिकोणीय कर दिया है। उन्होंने बीएसपी के ऐलान के बाद एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, ‘जय भीम जय जौनपुर’। उनके इस पोस्ट से सियासी हलचल बढ़ गई है।सूत्रों की मानें तो अब जौनपुरी सीट पर सियासी जंग काफी रोचक हो गई है।

इससे पहले उन्होंने धनंजय सिंह के जेल जाने के बाद एक सोशल मीडिया पोस्ट कर लिखा था, ‘आप सभी से एक अपील।हम आपकी भावनाओं की कद्र करते हैं लेकिन फैसला न्यायपालिका ने दिया है जिसका हमें सम्मान करना‌ चाहिए व साथ ही साथ अपने नेता श्री धनंजय जी का अनुसरण करते हुए किसी भी नेता अथवा दल के बारे में आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे आपके नेता के व्यक्तित्व पर दुष्प्रभाव पड़ेगा।

उन्होंने आगे कहा था, ‘कभी किसी भी दल अथवा नेता के लिए ग़लत शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया, कृपया आप भी संयम बनाएं, धैर्य से काम लें।आपके नेता को आपके सहानुभूति की जरूरत है। उम्मीद करती हूं कि आप मेरी बातों पर अमल करेंगे।बता दें कि जौनपुर सीट पर छठवें चरण में 25 मई को वोट डाले जाएंगे।

 

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