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नेशनल

मनमोहन का मोदी पर हमला, कहा ‘बदतर हालात आना बाकी’

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मनमोहन का मोदी पर हमला, कहा 'बदतर हालात आना बाकी'नई दिल्ली | नोटबंदी के फैसले पर टिप्पणी करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बुधवार को कहा कि आर्थिक हालात पहले ही खराब हो चुके हैं, जबकि ‘बदतर होना बाकी है।’ कांग्रेस के ‘जन वेदना सम्मेलन’ के दौरान मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए कहा कि यह उनका कर्तव्य बनता है कि वह लोगों को बताएं कि मोदी क्या गलतियां कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, “नोटबंदी ने देश को बुरी तरह से नुकसान पहुंचाया है। बीते दो महीनों में हालात खराब हुए हैं, लेकिन बद्तर हालात आना अभी बाकी है।”

सिंह ने कहा, “अंत की शुरुआत हो चुकी है। मोदी का गलत आंकड़ा दिखाने का दुष्प्रचार नाकाम हो चुका है।”

सिंह ने कहा, “मोदी का यह प्रचार कि देश की आय बीते दो वर्षो में बढ़ी है, नाकाम रहा है। देश की 7.6 फीसदी की वृद्धि दर कुछ महीनों में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में भारी गिरावट की वजह से 7 फीसद पर आ गई है।”

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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