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बिजनेस

भारत खुली अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर : जेटली

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लंदन/नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को कहा कि भारत अधिक खुली अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है जहां संरक्षणवादी नीतियों की कोई जगह नहीं है।

जेटली ने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में ‘बदलता भारत : अगले दशक का विजन’ व्याख्यान देते हुए कहा, “देश का जोर अवसंरचना और ग्रामीण क्षेत्रों पर है।”

वित्त मंत्री ब्रिटेन की पांच दिवसीय यात्रा पर आएं हैं। इस दौरान वे अपने ब्रिटिश समकक्ष के साथ मुलाकात करेंगे। जेटली 26 फरवरी को इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की), ब्रिटिश काउंसिल और ब्रिटेन की भारतीय उच्चायोग द्वारा आयोजित स्वागत समारोह में शामिल होंगे।

जेटली 27 फरवरी को लंदन स्टॉक एक्सजेंच में बाजार खोलने के कार्यक्रम में भाग लेंगे, जिसके बाद में उद्योगपतियों और प्रस्तावित निवेशकों के साथ एक बैठक करेंगे।

इसी दिन वे बाद में ब्रिटेन-भारत व्यापार परिषद (यूकेआईबीसी) के 100 वरिष्ठ उद्योगपतियों के साथ व्यापारिक बैठक करेंगे। इसके बाद वित्त मंत्री ब्रिटेन के विदेश सचिव बोरिस जॉनसन के साथ मुलाकात करेंगे।

इसी दिन शाम में वित्त मंत्री क्वीन एलिजावेथ द्वारा बकिंघम पैलेस में आयोजित एक स्वागत कार्यक्रम में शामिल होंगे। इसके वे कंडफेडरेशन ऑफ ब्रिटिश इंडस्ट्री द्वारा आयोजित सीईओ की बैठक में भाग लेंगे और शाम में भारत लौटने के लिए रवाना हो जाएंगे। जेटली राष्ट्रीय राजधानी में 1 मार्च के सुबह पहुंचेंगे।

बिजनेस

मुंबई बना एशिया के अरबपतियों की राजधानी, बीजिंग को पीछे छोड़ा

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मुंबई। मुंबई में अरबपतियों की संख्या बीजिंग से अधिक हो गई है। हुरुन रिसर्च की 2024 ग्लोबल रिच लिस्ट के अनुसार, मुंबई में 92 अरबपति हैं, जबकि बीजिंग में 91 अरबपति हैं। हालांकि चीन में भारत के 271 की तुलना में कुल मिलाकर 814 अरबपति हैं। ग्लोबल लेवल पर, मुंबई अब न्यूयॉर्क के बाद अरबपतियों के मामले में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है, न्यूयार्क में अरबपतियों की संख्या 119 है। लिस्ट के मुताबिक, सात साल बाद लंदन 97 के साथ दूसरे स्थान पर है।

रिपोर्ट में कहा गया है, “मुंबई दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते अरबपतियों की राजधानी है, इस साल इसमें 26 अरबपति शामिल हुए और यह दुनिया में तीसरा व एशिया में अरबपतियों की राजधानी बन गया है। नई दिल्ली पहली बार शीर्ष 10 में शामिल हुई।” भारत की आर्थिक शक्ति उसकी अरबपति आबादी में उल्लेखनीय वृद्धि से और भी अधिक रेखांकित हुई। देश में आश्चर्यजनक रूप से 94 नए अरबपति जुड़े, जो संयुक्त राज्य अमेरिका को छोड़कर किसी भी देश में सबसे अधिक है। कुल मिलाकर यहां 271 अरबपति हो गए। यह उछाल 2013 के बाद से सबसे ज्‍यादा है और भारतीय अर्थव्यवस्था में बढ़ते आत्मविश्‍वास का प्रमाण है।

2024 हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अरबपतियों की संचयी संपत्ति चीन की प्रति अरबपति औसत संपत्ति (3.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर बनाम 3.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर) को पार करते हुए 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गई।

रिपोर्ट में बताया गया है कि उद्योग के लिहाज से फार्मास्युटिकल क्षेत्र 39 अरबपतियों के साथ सबसे आगे है, इसके बाद ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट उद्योग (27) और रसायन क्षेत्र (24) का स्थान है। सामूहिक रूप से भारतीय अरबपतियों की संपत्ति 1 खरब डॉलर के बराबर है, जो वैश्विक अरबपतियों की संपत्ति का 7 फीसदी है, जो देश के पर्याप्त आर्थिक प्रभाव को दर्शाता है।

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