Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

बिजनेस

भारतीय शेयर बाजार मे तेजी, सेंसेक्स मनोवैज्ञानिक स्तर पर

Published

on

सेंसेक्स तीस हजार से नीचे बंद, भारतीय शेयर बाजार मे तेजी, फ्रांस में पहले दौर के राष्ट्रपति चुनाव, इमैन्युएल मैक्रों को मिली बढ़त से बाजार को बल

Loading

मजबूत वैश्विक संकेतों से सेंसेक्स तीस हजार से नीचे बंद

मुंबई| बीते सप्ताह देश के शेयर बाजार मजबूती के साथ बंद हुए। हालांकि, सेंसेक्स 30,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे बंद हुआ। फ्रांस में पहले दौर के राष्ट्रपति चुनाव में इमैन्युएल मैक्रों को मिली बढ़त से बाजार को बल मिला। बम्बई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 553.10 अंकों यानी 1.88 फीसदी की तेजी के साथ 29,918.40 पर बंद हुआ।

सेंसेक्स तीस हजार से नीचे बंद, भारतीय शेयर बाजार मे तेजी, फ्रांस में पहले दौर के राष्ट्रपति चुनाव, इमैन्युएल मैक्रों को मिली बढ़त से बाजार को बल

जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों का संवेदी सूचकांक निफ्टी 184.56 अंकों यानी 2.02 फीसदी की मजबूती के साथ 9,304.05 पर बंद हुआ। कारोबारी सप्ताह के अंत में निफ्टी रिकॉर्ड स्तर पर बंद हुआ। इस सप्ताह पांच में से तीन कारोबारी सत्र में सेंसेक्स और निफ्टी में मजबूती रही।

यह भी पढ़ें- फ्लिपकार्ट ने प्रॉडक्‍ट रिफंड पॉलिसी बहाल की

घरेलू शेयर बाजार 24 अप्रैल, 2017 यानी सोमवार को मजबूती के साथ खुले। फ्रांस के राष्ट्रपति चुनाव के पहले दौर में उदारवादी मध्यमार्गी इमैन्युएल मैक्रों को सर्वाधिक वोट मिलने से बाजार को बल मिला। इस दौरान सेंसेक्स 290.54 अंकों यानी 0.99 फीसदी की मजबूती के साथ 29,65.84 पर बंद हुआ, जो 11 अप्रैल 2017 के बाद अब तक इसका सर्वाधिक उच्चतम बंद स्तर है।

बाजार में 25 अप्रैल यानी मंगलवार को भी मजबूती रही। इस दौरान सेंसेक्स 287.40 अंकों यानी 0.97 फीसदी की मजबूती के साथ 29,943.24 पर बंद हुआ, जो पांच अप्रैल के बाद इसका उच्चतम बंद स्तर रहा।

बाजार में 26 अप्रैल यानी बुधवार को भी लगातार तीसरे दिन मजबूती रही। सेंसेक्स 190.11 अंकों यानी 0.63 फीसदी की बढ़त के साथ 30,133.5 पर बंद हुआ।

घरेलू बाजार में 27 अप्रैल यानी गुरुवार को मुनाफा वसूली की वजह से गिरावट दर्ज की गई। सेंसेक्स 103.61 अंकों यानी 0.34 फीसदी की गिरावट के साथ 30,029.74 पर बंद हुआ, जो 25 अप्रैल, 2017 के बाद इसका सबसे निम्नतम बंद स्तर है।

निवेशकों द्वारा लगातार दूसरे दिन मुनाफा वसूली होने से बाजार में गिरावट देखी गई। सेंसेक्स 111.34 अंकों यानी 0.37 फीसदी की गिरावट के साथ 29,918.40 पर बंद हुआ, जो 24 अप्रैल के बाद इसका सबसे निम्न बंद स्तर है।

इस सप्ताह सेक्टर सूचकांकों में एसएंडपी बैंकिंग में 3.63 फीसदी और बीएसई ऑटो में 3.93 फीसदी की मजबूती रही। वहीं, एसएंडपी बीएसई आईटी में 0.63 फीसदी और बीएसई हेल्थकेयर में 0.93 फीसदी की गिरावट रही।

सेंसेक्स के शेयरों में से एशियन पेंट्स (5.42 फीसदी), ऐक्सिस बैंक (4.9 फीसदी), बजाज ऑटो (1.69 फीसदी), भारती एयरटेल (3.25 फीसदी) और गेल (5.81 फीसदी) में मजबूती रही। वहीं, सिप्ला (1.17 फीसदी), कोल इंडिया (0.13 फीसदी), डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज (0.15 फीसदी), ल्युपिन (5.06 फीसदी) और एनटीपीसी (1.59 फीसदी) में गिरावट रही।

इस सप्ताह राजनीतिक मोर्चे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के चुनाव में बंपर जीत दर्ज की, जिससे घरेलू बाजार को बल मिला।

वैश्विक मोर्चे की बात करें तो अमेरिका में नई महत्वाकांक्षी कर कटौती योजना पेश की गई, जिसे अमेरिकी इतिहास में सबसे बड़ा कर सुधार माना जा रहा है।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कर प्रणाली में सुधार के लिए जो प्रस्ताव पेश किया है, उसमें कॉरपोरेट कर में बड़ी कटौती करते हुए इसे 35 फीसदी से घटाकर 15 फीसदी करना शामिल है। वहीं, यूरोपीय सेंट्रल बैंक (ईसीबी) ने मौद्रिक नीति में कोई बदलाव नहीं किया, जिससे निवेशकों को राहत मिली है।

Continue Reading

बिजनेस

मुंबई बना एशिया के अरबपतियों की राजधानी, बीजिंग को पीछे छोड़ा

Published

on

Loading

मुंबई। मुंबई में अरबपतियों की संख्या बीजिंग से अधिक हो गई है। हुरुन रिसर्च की 2024 ग्लोबल रिच लिस्ट के अनुसार, मुंबई में 92 अरबपति हैं, जबकि बीजिंग में 91 अरबपति हैं। हालांकि चीन में भारत के 271 की तुलना में कुल मिलाकर 814 अरबपति हैं। ग्लोबल लेवल पर, मुंबई अब न्यूयॉर्क के बाद अरबपतियों के मामले में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है, न्यूयार्क में अरबपतियों की संख्या 119 है। लिस्ट के मुताबिक, सात साल बाद लंदन 97 के साथ दूसरे स्थान पर है।

रिपोर्ट में कहा गया है, “मुंबई दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते अरबपतियों की राजधानी है, इस साल इसमें 26 अरबपति शामिल हुए और यह दुनिया में तीसरा व एशिया में अरबपतियों की राजधानी बन गया है। नई दिल्ली पहली बार शीर्ष 10 में शामिल हुई।” भारत की आर्थिक शक्ति उसकी अरबपति आबादी में उल्लेखनीय वृद्धि से और भी अधिक रेखांकित हुई। देश में आश्चर्यजनक रूप से 94 नए अरबपति जुड़े, जो संयुक्त राज्य अमेरिका को छोड़कर किसी भी देश में सबसे अधिक है। कुल मिलाकर यहां 271 अरबपति हो गए। यह उछाल 2013 के बाद से सबसे ज्‍यादा है और भारतीय अर्थव्यवस्था में बढ़ते आत्मविश्‍वास का प्रमाण है।

2024 हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अरबपतियों की संचयी संपत्ति चीन की प्रति अरबपति औसत संपत्ति (3.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर बनाम 3.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर) को पार करते हुए 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गई।

रिपोर्ट में बताया गया है कि उद्योग के लिहाज से फार्मास्युटिकल क्षेत्र 39 अरबपतियों के साथ सबसे आगे है, इसके बाद ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट उद्योग (27) और रसायन क्षेत्र (24) का स्थान है। सामूहिक रूप से भारतीय अरबपतियों की संपत्ति 1 खरब डॉलर के बराबर है, जो वैश्विक अरबपतियों की संपत्ति का 7 फीसदी है, जो देश के पर्याप्त आर्थिक प्रभाव को दर्शाता है।

Continue Reading

Trending