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हेल्थ

बेहतर याददाश्त के लिए भूमध्य आहार लीजिए

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बेहतर सिडनी| भूमध्य देशों का आहार आपकी संज्ञानात्मक कार्यविधि को सुधारने के साथ ही अल्जाइमर घटाने और हृदय संबंधी समस्याओं में भी सुधार लाने में कारगर है। एक नए अध्ययन में यह खुलासा हुआ है। भूमध्य आहार (मेडडाइट) में पत्तेदार साग, ताजे फल और सब्जियां, सेम, बीज, आनाज, नट और फलियां जैसे मुख्य खाद्य पदार्थ शामिल हैं।

मेडडाइट में दूध कम मात्रा में है। रेड मीट का कम से कम इस्तेमाल है और जैतून का तेल वसा के प्रमुख स्रोत के तौर पर इस्तेमाल होता है। यह अध्ययन पत्रिका ‘फ्रंटियर्स न्यूट्रीशन’ में प्रकाशित हुआ है, जिसमें शोधकर्ताओं ने जांच में पाया कि मेडडाइट कैसे हमारी संज्ञानात्मक प्रक्रिया को प्रभावित करती है।

स्वाइनबुर्ने विश्वविद्यालय में शोधकर्ता हर्डमान राय ने कहा, “सबसे आश्चर्यजनक परिणाम यह है कि संसार के सभी देशों में इसके सकारात्मक प्रभाव सामने आए हैं।”

अध्ययन में पता चला कि मेडडाइट के सकारात्मक प्रभाव से ध्यान, भाषा और विशेषकर याददाश्त, जिसमें पहचान में देरी जैसी समस्या से निपटने में मददगार साबित हुई।

मेडडाइट से गुस्सैल प्रतिक्रियाओं में सुधार, सूक्ष्म पोषक तत्वों में वृद्धि, विटामिन और खनिज तत्वों के असंतुलन में सुधार और आहार के मुख्य वसा के स्रोत के तौर पर जैतून के तेल के इस्तेमाल से लिपिड के प्रोफाइल में बदलाव और जोखिम कारकों में बदलाव का अवसर मिलता हैं।

इसके साथ मेडडाइट से वजन को एक समान बनाए रखने, मोटापा घटाने की क्षमता और रक्त में पॉलीफिनाइल की मात्रा में सुधार करने के साथ ही कोशिकीय उपापचय ऊर्जा में भी सकारात्मक बदलाव देखने को मिला।

लाइफ स्टाइल

हार्ट अटैक से बचने के लिए अपनाएं ये उपाय, सही खानपान व व्यायाम है जरूरी

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नई दिल्ली। आजकल हमें लगभग रोज ऐसे वीडियो देखने को मिलते हैं जिनमें बाहर से दिखने वाले एक स्वस्थ इंसान को अचानक हार्ट अटैक आता है और तुरंत ही उसकी मौत हो जाती है। ऐसा वीडियो देखकर लोग डर रहे हैं। आज हम आपको बताएंगे कि कैसे आप हार्ट की बीमारी से दूर रह सकते हैं।

खानपान

गेहूं की रोटी की जगह बाजरा, ज्वार या रागी अथवा इनका आटा मिलाकर बनाई रोटी खाएं।

आम, केला, चीकू जैसे ज्यादा मीठे फल कम खाएं। इनके बजाय पपीता, कीवी, संतरा जैसे कम मीठे फल खाएं।

तली और मीठी चीजें जितना कम कर दें, उतना बेहतर है।

जितनी भूख से उससे 20 फीसदी कम खाएं और हर 15 दिन में वजन चेक करते रहें।

व्यायाम

सप्ताह में पांच दिन 45 मिनट तक कसरत करें। वॉकिंग भी करते हैं तो असर दिखता है।

दिल की बीमारियों की एक बड़ी वजह मोटापा है। वजन जितना बढ़ेगा और हृदय रोगों का खतरा उतना ज्यादा रहेगा।

फिटनेस को इस स्तर पर लाने का प्रयास करें कि सीधे खड़े होने पर जब आप नीचे नजरें करें तो बेल्ट का बक्कल दिखे।

अगर एक से डेढ़ किलोमीटर जाना है तो पैदल जाएं।

7 घंटे की नींद जरूरी

रोजाना कम से कम 7 घंटे की नींद जरूर लें।  जल्दी सोने और जल्द उठने का रूटीन बनाएं।

रात 10 से सुबह 6 बजे तक सोने का सही समय है। इससे शरीर नाइट साइकिल में बेहतर आराम कर सकेगा।

तनाव लेने से बचें, इसका सीधा असर दिमाग और दिल पर होता है।

धूम्रपान पूरी तरह छोड़ दें

लगातार धूम्रपान करने से उसका धुआं धमनियों की लाइनिंग को कमजोर करता है।

इससे धमनियों में वसा के जमा होने की आशंका और भी बढ़ जाती है।

इसी तरह अल्कोहल से दूरी बना लेते हैं तो हार्ट हेल्दी रहेगा।

कौन सा टेस्ट कराएं

30 साल की उम्र पार करते ही शुगर, लीवर, किडनी और ईसीजी जांच करानी चाहिए.

अगर आप जिम या वर्कआउट करते हैं तो अपना हार्ट और कार्डियक चेकअप जरूर कराएं.

40 साल की उम्र के बाद स्ट्रेस टेस्ट कराएं.

ट्रेडमिल टेस्ट (टीएमटी) भी जरूरी है.

स्मोकर्स, डायबिटिक और मोटापे के शिकार लोगों को स्ट्रेस टेस्ट कराना चाहिए.

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डिस्क्लेमर: उपरोक्त जानकारी मात्र सूचना के उद्देश्य से है न कि कोई डाक्टरी सलाह. सटीक जानकारी के लिए सम्बंधित विशेषज्ञ से अवश्य सलाह लें.

 

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