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बिहार चुनाव : प्रवासी बिहारी बढ़ाएंगे मतदान प्रतिशत

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मनोज पाठक
पटना | दिल्ली और कानपुर जैसे शहरों में पत्रकारिता कर चुके पूर्णिया जिले के चनका गांव निवासी गिरींद्रनाथ झा राज्य से बाहर रहने वाले मित्रों को ‘फेसबुक’ और ‘व्हाट्सएप’ के माध्यम से दशहरा और दिवाली के मौके पर अपने गांव आने की अपील कर रहे हैं, ताकि वे मतदान में हिस्सा ले सकें। पत्रकारिता छोड़ किसान बने गिरींद्र ही नहीं, राजस्थान में इंजिनीयरिंग की पढ़ाई करने वाले आदर्श ने भी बिहार से बाहर रहने वाले अपने मित्रों से घर आकर मतदान करने की अपील की है।

गिरींद्र और आदर्श का कहना है कि यह चुनाव पर्व-त्योहारों के बीच पड़ रहा है। इसलिए राज्य से बाहर रह रहे लोग योजना इस तरह बनाएं कि वे अपने घर आकर त्योहार भी मना लें और अपने मताधिकार का उपयोग भी कर लें। बिहार विधानसभा चुनाव में 12 अक्टूबर से पांच नवंबर के बीच पांच चरणों में मतदान होना है। पहले चरण का मतदान सोमवार को संपन्न हो गया, अब चार चरणों का मतदान बाकी है।

विजय दशमी (दशहारा) 22 अक्टूबर को है तो दीपावली 11 नवंबर को। इस बीच और भी कई छोटे-छोटे पर्व हैं। इसके अलावा 24 अक्टूबर को मुहर्रम भी मनाया जाएगा। आमतौर पर बिहार से बाहर रहकर नौकरी या व्यवसाय करने तथा पढ़ाई करने वाले लोग मुख्य रूप से पर्व-त्योहारों में ही अपने घर आते हैं। त्योहारों के बीच ही चुनाव की तिथियां पड़ने के कारण वे मतदान करने से नहीं चूकेंगे। ऐसे में संभावना व्यक्त की जा रही है कि इस चुनाव में प्रवासी मतदाता बड़ी संख्या में अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे।

गिरींद्र ने बताया है कि मेरे कई दोस्त अपनी छुट्टियों को चुनाव की तारीख के साथ एडजस्ट कर रहे हैं। इस बार बाहर रहने वाले लोगों के मत कई क्षेत्रों में चुनाव परिणामों को प्रभावित भी कर सकते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, राज्य में कुल मतदाताओं की संख्या करीब 6.68 करोड़ है। यह माना जाता है कि बिहार की एक बड़ी आबादी राज्य के बाहर रोजगार की तलाश में या पढ़ाई करने जाती है। गैर सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, राज्य की करीब 60 से 70 लाख की आबादी राज्य से बाहर रहती है। ऐसे में यह संख्या कुल मतादाताओं के 10 प्रतिशत के करीब है।

माना जाता है कि बाहर रहने वाले लोगों में से करीब 50 फीसदी लोग अपने अधिकार के प्रति सजग हैं। ऐसे में अगर वे मतदान करें तो प्रवासियों का मत परिणाम को प्रभावित करने की स्थिति में दिखाई देता है। पटना कॉलेज के प्राचार्य रहे नवल किशोर चौधरी कहते हैं| इसमें कोई शक नहीं कि इस चुनाव में बाहर रहने वाले बिहार के मतदाता भी अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। पर्व-त्यौहार के मौके पर घर आने की पुरानी परंपरा है| ऐसे में कोई भी व्यक्ति मतदान की तिथि को ध्यान में रखकर ही कार्यक्रम बनाएगा।

उल्लेखनीय है कि बिहार विधानसभा की 243 सीटों के लिए 12 अक्टूबर से पांच नवंबर के बीच पांच चरणों में मतदान होना है। प्रथम चरण में 49 विधानसभा सीटों के लिए सोमवार को चुनाव संपन्न हो चुका है। शेष चार चरणों में 16 अक्टूबर, 28 अक्टूबर, एक नवंबर और पांच नवंबर को मतदान होना है। मतों की गिनती आठ नवंबर को होगी।

 

नेशनल

गृहमंत्री अमित शाह ने वाराणसी में काल भैरव मंदिर में की पूजा-अर्चना, बीजेपी की जीत का मांगा आशीर्वाद

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वाराणसी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को काशी के कोतवाल कहे जाने वाले काल भैरव के दर्शन किए। इस दौरान उन्होंने बीजेपी और पीएम मोदी की जीत का आशीर्वाद मांगा।

बता दें कि गृह मंत्री बुधवार की शाम काशी दौरे पर पहुंचे थे। वे महमूरगंज के मोतीझील में पीएम नरेंद्र मोदी और वाराणसी से भाजपा प्रत्याशी के चुनाव कार्यालय का उद्घाटन किया। फिर मोतीझील मैदान में जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने काशी के कार्यकर्ताओं में लोकसभा चुनाव को लेकर जोश भरने का काम किया। उसके बाद उन्होंने काशी में ही रात्रि विश्राम किया था। गुरुवार सुबह अचानक से दर्शन पूजन का प्लान तैयार किया गया था। इसके क्रम में प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में गृहमंत्री ने सबसे पहले काल भैरव मंदिर में दर्शन पूजन किया.

काशी के कोतवाल का दर्शन करने के बाद उन्हें विश्वनाथ मंदिर भी जाना था लेकिन अचानक से उनके कार्यक्रम में हुए बदलाव के बाद वह सीधे एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गए, जहां से वह अगले कार्यक्रम के लिए जाएंगे। फिलहाल गृहमंत्री ने काल भैरव मंदिर में विशेष पूजन किया है। काल भैरव मंदिर के महंत नवीन गिरी का कहना है कि काल भैरव अष्टक के साथ उनका विशेष पूजन करवाया गया है ताकि सुख, शांति व समृद्धि के साथ उन्हें बड़ी जीत मिल सके।

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