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बसपा ने जारी की उम्मीदवारों की चौथी सूची, अब तक 401 नामों की घोषणा

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Mayawatiलखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने रविवार को अपने 101 उम्मीदवारों की चौथी सूची जारी कर दी। मालूम हो कि बसपा पिछले तीन दिनों से लगातार अपने सौ-सौ उम्मीदवारों की सूची जारी कर रही थी। इसी क्रम में पार्टी द्वारा आज 101 उम्मीदवारों की जारी सूची के बाद बसपा ने अब तक 401 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है।

बसपा की चौथी सूची में छठे और सातवें चरण का चुनाव लडऩे वाले उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं। खास बात यह है कि आरक्षण की सीट निर्धारित न होने के कारण बसपा सोनभद्र जिले की दो सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित नहीं कर पाई है। आरक्षण की सीट निर्धारित होने के बाद पार्टी अपने उम्मीदवार घोषित करेगी। बसपा ने अपनी चौथी सूची में 17 जनपदों को कवर किया है।

पार्टी के प्रदेश कार्यालय से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, बसपा की चौथी सूची में जनपद अमेठी के तिलोई से मोहम्मद साऊद अहमद, जगदीशपुर से जगदत्त कोरी, गौरीगंज से विजय किशोर तिवारी, अमेठी से रामजी मौर्य को उम्मीदवार घोषित किया गया है।

इसी तरह जनपद सुल्तानपुर की इसौली से डॉ. शैलेंद्र त्रिपाठी, सुल्तानपुर से मूजीब अहमद, सदर से राज प्रसाद उपाध्याय और लम्भुआ से विनोद सिंह को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है।

जनपद बस्ती की हरैया से विपिन कुमार शुक्ल, कप्तानगंज से राम प्रसाद चौधरी, रुदौली से राजेंद्र प्रसाद चौधरी, बस्ती सदर से जितेंद्र कुमार उर्फ नंदू चौधरी और महदेवा से दूधराम को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है।

जनपद महाराजगंज की फरेंदा से बेचन निषाद, नौतनवा से एजाज अहमद खान, सिसवां से राघवेंद्र प्रताप उर्फ अंकित सिंह, महाराजगंज से निर्मेष मंगल और पनियरा से गणेश शंकर पांडेय को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है।

इसी तरह जनपद गोरखपुर की कैंपियरगंज से आनंद निषाद, पिपराइच से आफताब आलम, गोरखपुर शहर से जनार्दन चौधरी, गोरखपुर देहात से राजेश पांडेय, सहजनवां से देवनारायण सिंह उर्फ जीएम सिंह, खजनी से राज कुमार, चौरी चौरा से जय प्रकाश निषाद, बांसगांव से धर्मेंद्र कुमार और चिल्लूपार से विनय शंकर तिवारी को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है।

जनपद कुशीनगर की खड्डा से विजय प्रताप कुशवाहा, पडऱौना से जावेद इकबाल, तमकुहीराज से विजय कुमार राय, फाजिलनगर से जगदीश सिंह, कुशीनगर से राजेश प्रताप राव, हाटा से वीरेंद्र सिंह सैथवार और रामकोला से शंभू चौधरी को पार्टी ने उम्मीदवार घोषित किया है।

जनपद देवरिया की रुद्रपुर से चंद्रिका निषाद, देवरिया से अभयनाथ त्रिपाठी, पथरदेवा से नीरज वर्मा, रामपुर कारखाना से गिरिजेश शाही, भाटपार रानी से सभाकुंवर कुशवाहा, सलेमपुर से रणविजय कुमार और बरहज से मुरली मनोहर जायसवाल को पार्टी ने उम्मीदवार घोषित किया है।

वहीं जनपद आजमगढ़ की अतरौलिया से अखंड प्रताप सिंह, गोपालपुर से कमला प्रसाद यादव, सगड़ी से वंदना सिंह, मुबारकपुर से शाह आलम, आजमगढ़ सदर से भूपेंद्र सिंह, निजामाबाद से चंद्रदेव राम यादव, फूलपुर पवई से अबुल कैश, दीदारगंज से सुखदेव राजभर, लालगंज से आजाद अरिमर्दन, मेंहनगर से विद्या चौधरी को पार्टी ने उम्मीदवार घोषित किया है।

जनपद मऊ की मधुवन से उमेश पांडेय, घोसी से वसीम इकबाल, मोहम्मदाबाद गोहना से राजेंद्र कुमार, मऊ से मनोज कुमार राय को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है।

जनपद बलिया की बेलथरा रोड से घूराराम, रसड़ा से उमाशंकर? सिंह, सिकंदरपुर से राजनारायण यादव, फेफना से अभिराम सिंह, बलिया सदर से रामजी गुप्ता, बांसडीह से शिवशंकर चौहान और बैरिया से जवाहर प्रसाद वर्मा को पार्टी ने उम्मीदवार घोषित किया है।

जनपद जौनपुर की बदलापुर से लालजी यादव, शाहगंज से ओपी सिंह, जौनपुर से दिनेश टंडन, मल्हानी से विवेक कुमार यादव, मुगरा बादशाहपुर से डॉ सुषमा पटेल, मछलीशहर से सुशीला सरोज, मडय़िाहूं से भोलानाथ शुक्ला, जफराबाद से संजीव कुमार उपाध्याय और केराकत से उर्मिला राज को पार्टी ने उम्मीदवार घोषित किया है।

जनपद गाजीपुर की जखनियां से संजीव कुमार, सैदपुर से राजीव किरण, गाजीपुर से संतोष कुमार सिंह यादव, जंगीपुर से मनीष पांडेय, जहूराबाद से कालीचरन राजभर, मोहम्मदाबाद से विनोद कुमार राय और जमानियां विस सीट से अतुल राय को बसपा ने उम्मीदवार घोषित किया है।

जनपद चंदौली की मुगलसराय से तिलकधारी बिंद, सकलडीहा से उपेंद्र सिंह गुड्डू, सैयदराजा से श्यामनारायण सिंह उर्फ विनीत सिंह और चकिया से जितेंद्र कुमार को बसपा ने उम्मीदवार घोषित किया है।

इसी तरह जनपद वाराणसी की पिंडरा से बाबूलाल पटेल, अजगरा से त्रिभुवन राम, शिवपुर से ठाकुर वीरेंद्र सिंह, रोहनिया से प्रमोद कुमार सिंह, वाराणसी उत्तर से सुजीत कुमार मौर्य, वाराणसी दक्षिण से राकेश त्रिपाठी, वाराणसी कैंट से मोहम्मद रिजवान अहमद और सेवापुरी से महेंद्र नाथ पांडेय को उम्मीदवार बनाया गया है।

जनपद भदोही की विधानसभा सीट भदोही से रंगनाथ मिश्रा, ज्ञानपुर से राजेश कुमार यादव, औराई से वैजनाथ गौतम को उम्मीदवार बनाया गया है।

वहीं जनपद मिजार्पुर की छानबे विस सीट से धनेश्वर गौतम, मिजार्पुर से मोहम्मद परवेज खां, मझवां से रमेश चंद्र बिंद, चुनार से अनमोल सिंह पटेल और मड़िहान से अवधेश सिंह पटेल को उम्मीदवार बनाया गया है।

बसपा ने जनपद सोनभद्र की घोरावल से वीना सिंह और राबर्ट्सगंज विधानसभा सीट से सुनील सिंह यादव को उम्मीदवार बनाया है।

नेशनल

दूसरे चरण में धार्मिक ध्रुवीकरण के समीकरण का चक्रव्यूह भेद पाएंगे मोदी!

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सच्चिदा नन्द द्विवेदी एडिटर-इन-चीफ

लखनऊ। राजस्थान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि अगर कांग्रेस केंद्र में सत्ता में आती है, तो वह लोगों की संपत्ति लेकर मुसलमानों को बांट देगी. इसके बाद ही विकास की रफ्तार पर चलने वाला चुनाव दूसरे चरण के पहले हिन्दू मुस्लिम के बीच बंट गया है। दरअसल मोदी का ये बयान यूं ही नहीं आया है, दूसरे चरण में जहां जहां मतदान होना है वहाँ की बहुतायत सीटों पर मुस्लिम मतदाता निर्णायक स्थिति में है… इसमें राहुल गांधी की वायनाड सीट भी है जहां मुस्लिम वोटर करीब 50 फीसदी है।

26 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान होना है। पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को हो चुका है जिसमें कम मतदान प्रतिशत ने सत्तारूढ़ बीजेपी के केन्द्रीय नेतृत्व को चिंता में डाल दिया है। दूसरे चरण में 88 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हैं। केरल की सभी 20 लोकसभा सीटों पर इसी चरण में मतदान हो जाएगा। कर्नाटक की 14 और राजस्थान की 13 लोकसभा सीटों पर भी मतदान होगा।

इसके पहले कि मोदी के बयान के गूढ़ार्थ को समझा जाए एक बार दूसरे चरण की सीटों का गणित समझना जरूरी हो जाता है। इसमें सबसे ज्यादा जरूरी है केरल राज्य जहां पर चल रहे लव जिहाद के किस्से और धार्मिक ध्रुवीकरण के समीकरण का चक्रव्यूह आज तक बीजेपी नहीं भेद पाई है। केरल में हिन्दू आबादी करीब 54 फीसदी है तो मुस्लिम आबादी करीब 26 फीसदी तो ईसाई वहां 18 फीसदी हैं। जबकि सिख बौद्ध और जैन महज 1 फीसदी हैं। यही वो धार्मिक समीकरण का तिलिस्म हैं जिसे बीजेपी इस बार तोड़ने का प्रयास कर रही हैं।

इतना ही नहीं केरल में करीब 15 लोकसभा सीट ऐसी हैं मुस्लिम बहुतायत में हैं। वहीं वायनाड में तो मुस्लिम आबादी करीब 50 फीसदी है जहां से राहुल गांधी पिछले बार जीत कर सांसद चुने गए थे और इस बार भी वायनाड़ के रास्ते दिल्ली पहुंचना चाहते हैं। राज्यवार नजर डालें तो पिक्चर काफी हद तक साफ हो जाती है। आखिर शब्दों पर संयम रखने वाले मोदी ने चुनावी फिजा बदलने वाला ये बयान क्यों दिया? इसके लिए इन सीटों पर नजर डालिए।

इन सीटों पर दूसरे चरण में मतदान

असम: दर्रांग-उदालगुरी, डिफू, करीमगंज, सिलचर और नौगांव।
बिहार: किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, भागलपुर और बांका।
छत्तीसगढ़: राजनांदगांव, महासमुंद और कांकेर।
जम्मू-कश्मीर: जम्मू लोकसभा ।
कर्नाटक: उडुपी-चिकमगलूर, हासन, दक्षिण कन्नड़, चित्रदुर्ग, तुमकुर, मांड्या, मैसूर, चामराजनगर, बेंगलुरु ग्रामीण, बेंगलुरु उत्तर, बेंगलुरु केंद्रीय, बेंगलुरु दक्षिण,चिकबल्लापुर और कोलार।
केरल: कासरगोड, कन्नूर, वडकरा, वायनाड, कोझिकोड, मलप्पुरम, पोन्नानी, पलक्कड़, अलाथुर, त्रिशूर, चलाकुडी, एर्णाकुलम, इडुक्की, कोट्टायम, अलाप्पुझा, मवेलिक्कारा, पथानमथिट्टा, कोल्लम, अट्टिंगल और तिरुअनंतपुरम।
मध्य प्रदेश: टीकमगढ़, दमोह, खजुराहो, सतना, रीवा और होशंगाबाद।
महाराष्ट्र: बुलढाणा, अकोला, अमरावती, वर्धा, यवतमाल- वाशिम, हिंगोली, नांदेड़ और परभणी।
राजस्थान: टोंक-सवाई माधोपुर, अजमेर, पाली, जोधपुर, बाड़मेर, जालोर, उदयपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, भीलवाड़ा, कोटा और झालावाड़-बारा।
त्रिपुरा: त्रिपुरा पूर्व।
उत्तर प्रदेश: अमरोहा, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़ और मथुरा।
पश्चिम बंगाल: दार्जिलिंग, रायगंज और बालूरघाट।

दरअसल देश की 543 लोकसभा सीटों में से 65 सीटें ऐसी हैं जहां मुस्लिम वोटर जीत और हार में बड़ी भूमिका निभाते हैं। ये वो सीटें हैं जहां मुस्लिम वोटरों की संख्या 30 फीसदी से लेकर 80 फीसदी तक है। वहीं, करीब 35-40 लोकसभा सीटें ऐसी हैं जहां इनकी मुस्लिम समुदाय के वोटरों की अच्छी खासी संख्या है। यानि करीब 100 लोकसभा सीट ऐसी हैं जहां अगर वोटों का ध्रुवीकरण हो गया तो भाजपा के लिए उसके लक्ष्य 400 के आंकड़े को हासिल करना आसान हो जाएगा। ऐसे में एक बार फिर ये साफ हो गया विपक्षी कितनी भी कोशिश कर लें वो चुनाव बीजेपी की पिच पर ही लड़ने को मजबूर हैं।

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