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प्रादेशिक

फरार यूपी के मंत्री प्रजापति के 2 और साथी गिरफ्तार

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यौन शोषण, उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति, स्पेशल टास्क फोर्स, दलजीत चौधरी,

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लखनऊ । यौन शोषण के आरोप में फरार चल रहे उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के दो साथियों को उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने नोएडा से गिरफ्तार किया है। उनकी पहचान आशीष और अशोक के रूप में की गई है। प्रजापति के गनर सहित अब तक तीन लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।

यौन शोषण, उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति, स्पेशल टास्क फोर्स, दलजीत चौधरी,

उप्र के एडीजी (लॉ एंड आर्डर) दलजीत चौधरी ने बताया, “यौन शोषण मामले में मंगलवार तड़के गायत्री के साथी आशीष शुक्ला व अशोक तिवारी को उप्र एसटीएफ ने नोएडा पुलिस के सहयोग से जेवर टोल प्लाजा यमुना एक्सप्रेस-वे से गिरफ्तार किया। दोनों को नोएडा से लखनऊ लाया गया और पूछताछ की जा रही है।”

उन्होंने बताया कि प्रजापति के गनर चंद्रपाल को सोमवार को गिरफ्तार किया गया था। इस प्रकार अब मामले के तीन आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आ चुके हैं।

एडीजी ने बताया, “गायत्री प्रजापति के गिरफ्तारी के प्रयास तेज कर दिए गए हैं। उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी हो चुका है। उनके पासपोर्ट पहले ही निरस्त कर दिए गए हैं। जरूरत पड़ी तो आगे कुर्की की कार्रवाई की जाएगी।” उन्होंने कहा कि गायत्री सहित शेष आरोपियों की जल्द ही गिरफ्तारी हो जाएगी।

गिरफ्तारी से बचकर भाग रहे मंत्री प्रजापति सहित सातों आरोपियों के खिलाफ शनिवार को न्यायालय ने गैर जमानती वारंट (एनबीडब्लू) जारी किया था। इसके साथ ही मंत्री के देश से भागने की आंशका के चलते उनका पासपोर्ट चार सप्ताह के लिए निलंबित कर उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस कर दिया गया है।

18 फरवरी को सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर गौतमपल्ली थाने में गायत्री प्रजापति सहित सात लोगों पर सामूहिक दुष्कर्म, दुष्कर्म का प्रयास, धमकी, पॉक्सो एक्ट सहित आइपीसी की अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था।

महिला ने तहरीर में कहा है कि तीन वर्ष पूर्व वह गायत्री प्रसाद प्रजापति से खनन की जमीन के पट्टे के लिए उनके पांच गौतमपल्ली मंत्री आवास पर मिली थी, जहां चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर उससे सभी सात लोगों ने दुष्कर्म किया था।

महिला ने अपनी नाबालिग बेटी संग दुष्कर्म के प्रयास करने का मामला भी दर्ज कराया था। महिला के आरोप पर मंत्री गायत्री प्रजापति के अलावा विकास वर्मा, चंद्रपाल, रूपेश, आशीष शुक्ला, अशोक तिवारी और पिंटू सिंह पर मुकदमा दर्ज किया गया। इन सात आरोपियों में से पुलिस अब तक तीन चंद्रपाल, अशोक तिवारी और आशीष शुक्ला को गिरफ्तार कर चुकी है।

 

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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