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साइंस

प्रेग्नेंसी में स्मोकिंग की तो बच्चे को दमे का खतरा

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नोएडा। चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि प्रेग्नेंसी में स्मोकिंग से बच्चे को दमा (अस्थमा) होने का खतरा हो सकता है। दूषित वातावरण के कारण यह बीमारी किशोरों, वयस्कों या अन्य लोगों को भी हो सकती है। व्यक्ति जहां रहता है यदि वहां का वातावरण धूल और गंदगी भरा हो तो दमा होने की संभावना बहुत बढ़ जाती है।

विश्व दमा दिवस (2 मई) के अवसर पर जेपी हॉस्पिटल के पल्मोनरी एवं क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. ज्ञानेंद्र अग्रवाल ने कहा, “घर की कुछ वस्तुएं जिनसे रोगी को एलर्जी होती हो या एलर्जी के अन्य कारक जैसे कॉकरोच, जानवरों के बालों की रूसी तथा फफूंद भी अस्थमा होने के कारण हो सकते हैं। कुछ विशिष्ट प्रकार के वायरस के कारण भी अस्थमा हो सकता है।”

उन्होंने कहा कि आनुवांशिक या अन्य वजह जैसे घर के पालतू जानवर, बाहर का वायु प्रदूषण, सुगंधित सौन्दर्य प्रसाधन, सर्दी, फ्लू, ब्रोंकाइटिस, साइनोसाइटिस का संक्रमण, धूम्रपान, व्यक्ति विशेष को कुछ विशेष खाद्य पदार्थों से एलर्जी, महिलाओं में हार्मोनल बदलाव एवं कुछ विशेष प्रकार की दवाएं भी अस्थमा का कारण बन सकती हैं।

डॉ. अग्रवाल ने कहा, “यह बीमारी किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है। जब किसी व्यक्ति के श्वसन के रास्ते में सूजन आ जाती है तो श्वसन मार्ग संकीर्ण हो जाता है और छाती में ऑक्सीजन उचित मात्रा में नहीं पहुंच पाती है। व्यक्ति की सांसें उखडऩे लगती है। रोग के कारण मरीज छोटी-छोटी सांसें लेता है और छाती में कसाव महसूस करता है। मरीज की सांसें फूलने लगती हैं और वह बार-बार खांसने लगता है।”

डॉ. ज्ञानेंद्र अग्रवाल ने बताया, “अगर सांस से संबंधित तकलीफ, सीने में जकडऩ, सांसों में घरघराहट, सांस तेज लेते हुए पसीना आना, बेचैनी महसूस होना, सिर भारी होना, जोर-जोर से सांस लेने के कारण थकावट होना, उल्टी होना और खांसी होने जैसा महसूस हो, तो ये अस्थमा के लक्षण हो सकते हैं। इस बीमारी के कारण रोगी को बहुत अधिक खांसी होती है। खांसी द्वारा मरीज अपनी छाती के कफ को बाहर लाने की कोशिश करता है। अधिकांशत: अस्थमा सुबह व्यायाम के समय एवं रात में लोगों को परेशान करता है।”

दमा श्वसन तंत्र में लंबे समय तक रहने वाली बीमारी है। इस बीमारी में व्यक्ति का सांस लेना मुश्किल हो जाता है। कई बार ऐसा देखा गया है कि अस्थमा से पीड़ित व्यक्ति डॉक्टर के परामर्श से दवाई या इनहेलर तो ले लेते हैं लेकिन स्थिति में थोड़ा सुधार होते ही दवाई लेना छोड़ देते हैं। यह जोखिम भरा हो सकता है।

बिजनेस

15 मिनट में फुल चार्ज होगा भारत में लांच हुआ ये इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर, जानें कीमत

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नई दिल्ली। भारत में दुनिया का सबसे तेज़ चार्जिंग वाला इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर लांच हो गया है। ये इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर 15 मिनट में पूरी तरह चार्ज हो जाता है। कंपनी का दावा है कि यह दुनिया के सबसे तेज चार्जिंग वाली ईवी है। ओमेगा सेकी मोबिलिटी ने तेजी से चार्ज होने वाले इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर के लिए एक्सपोनेंट एनर्जी के साथ पार्टनरशिप की है।

कंपनी ने एक बयान में कहा कि 3,24,999 रुपये की कीमत पर ओएसएम स्ट्रीम सिटी क्विक ईवी छह शहरों में मौजूद एक्सपोनेंट के रैपिड चार्जिंग नेटवर्क पर 15 मिनट में शून्य से 100 प्रतिशत तक चार्ज करने की क्षमता रखती है। ओमेगा सेकी मोबिलिटी के संस्थापक अध्यक्ष उदय नारंग ने कहा, सड़क पर डाउनटाइम को कम करके और दक्षता को अधिकतम करके क्विक यह सुनिश्चित करता है कि हर यात्रा हमारे ड्राइवरों के लिए ठोस वित्तीय लाभ में तब्दील हो। वाहन पर दो लाख किलोमीटर या पांच साल, जो भी पहले हो, की वारंटी है।

एक्सपोनेंट एनर्जी ने एक बयान में कहा कि वह इस साल दिल्ली-एनसीआर और बेंगलुरु में 100 चार्जिंग स्टेशन शुरू करेगी, जबकि चेन्नई, अहमदाबाद, कोलकाता और हैदराबाद में अपने नेटवर्क का विस्तार करेगी। एक्सपोनेंट एनर्जी के सह-संस्थापक और सीईओ अरुण विनायक ने कहा, अधिकतम राजस्व और कम लागत का यह दोहरा लाभ किसी अन्य ईवी या आईसीई (आंतरिक दहन इंजन) वाहन की तुलना में यूजर द्वारा अपने एक्सपोनेंट-संचालित ईवी से प्राप्त होने वाले उच्चतम संभावित लाभ को अनलॉक करता है।

पैसेंजर ईवी में 8.8 किलोवाट आवर का बैटरी पैक है और यह एक बार चार्ज करने पर 126 किलोमीटर की सिटी ड्राइव रेंज प्रदान करता है। देश में यात्री तिपहिया वाहनों की बिक्री जनवरी में 53,537 इकाई को पार कर गई थी।

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