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प्रादेशिक

प्रेग्नेंट बीवी से सडक़ पर शौहर बोला- तलाक, तलाक, तलाक

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अलीगढ़ (यूपी)। तीन तलाक का मुद्दा उठाकर भाजपा जहां अपनी पैठ मुस्लिम महिलाओं के बीच बनाने में जुटी है, वहीं उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से तीन तलाक के चौंकाने वाले मामले सामने आ रहे हैं। अलीगढ़ जनपद में एक गर्भवती महिला को उसके शौहर ने बीच सडक़ पर तीन बार तलाक बोलकर छोड़ दिया।

जानकारी मिली है कि पीडि़त महिला फातिमा का मायका बिहार के भागलपुर जिले में है। उसका निकाह अलीगढ़ के क्वार्सी इलाके में रहने वाले यामीन के साथ एक साल पहले हुआ था। कुछ दिनों से यामीन पत्नी फातिमा को प्रताडि़त कर रहा था। प्रताडऩा की सारी हदें तब पार हो गई, जब यासीन ने फातिमा को बीच सडक़ पर तीन तलाक कहकर छोड़ दिया।

फातिमा अब न्याय के लिए थाने से लेकर अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर काट रही है। थक-हारकर फातिमा अपने वकील के साथ एसएसपी कार्यालय पहुंची। वहां एसपी (क्राइम) पी.के. तिवारी से मिलकर उसने अपनी आपबीती सुनाई। तिवारी ने थाना पुलिस को कार्रवाई के आदेश दिए हैं।

फातिमा ने बताया कि वह तीन माह की गर्भवती है। वह न्याय के लिए अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर काट रही है।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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