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प्रादेशिक

नोटबंदी से ओडिशा के किसान संकट में

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नोटबंदी से ओडिशा के किसान संकट में

भुवनेश्वर । नोटबंदी से ओडिशा में खेती-बारी काफी अधिक प्रभावित हुई है, क्योंकि इस क्षेत्र में नकदी के माध्यम से ही लेन-देन किया जाता है।

राज्य की करीब 60 फीसदी आबादी खेती पर निर्भर है। रायगाडा जिले के अकुशिंगी गांव के रघु प्रधान में आईएएनएस को बताया, “हमें खाद और बीज खरीदने में काफी परेशानी हो रही है। दुकानदार पुराने नोट ले नहीं रहे। वहीं, मजदूर भी पुराने नोट नहीं ले रहे।”

गांवों में अभी तक नए नोट पहुंच नहीं पाएं हैं। यह खरीफ फसल की बुआई का मौसम है। देश के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि का 15 फीसदी योगदान है।

राज्य सरकार ने आशंका जताई है कि नोटबंदी से करीब 40 लाख किसान प्रभावित होंगे।

मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) को सहकारी बैकों पर लगी रोक की समीक्षा का निर्देश देने की मांग की है।

कृषि मंत्री प्रदीप महारथे ने आईएएनएस को बताया, “हमने केंद्र सरकार से किसानों की परेशानी दूर करने की गुजारिश की है। उम्मीद है कि केंद्र जल्द ही कदम उठाएगा।”

राज्य के 4,400 पंचायतों में बैंकिंग सुविधा नहीं है, इसलिए किसानों को नोट बदलने में काफी परेशानी हो रही है।

ऑल ओडिशा सेंट्रल कॉपरेटिव बैंक इंप्लाई फेडरेशन के अध्यक्ष, अजय कुमार मोहंती ने बताया, “राज्य में हमारी 355 शाखाएं हैं। लेकिन हम किसानों को कर्ज नहीं दे सकते, क्योंकि हमारे पास नकदी नहीं है।”

किसानों को पुराने नोट से बीज खरीदने की राहत मिली है। लेकिन ज्यादातर किसान निजी दुकानों से खरीदते हैं, जहां पुराने नोट नहीं चलते।

उत्तर प्रदेश

हरदोई में 16 बार चुनाव लड़ा, हर बार मिली हार, फिर से मैदान में उतरे शिवकुमार

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हरदोई। देश भर में चुनाव का माहौल गरमाया हुआ है और ऐसे में हरदोई में भी चुनाव की गरमा गरमी अब खूब देखने को मिल रही है। यहां पर एक ऐसे प्रत्याशी भी है जो 17 वी बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं। अब तक कुल 16 बार चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन उन्हें आजतक किसी भी चुनाव में जीत नहीं मिली है। इनका नाम है शिवकुमार और यह शहर कोतवाली क्षेत्र के मन्नापुरवा के रहने वाले है।

इनका कहना है कि वह हारने के बाद भी वह चुनाव लड़ते रहेंगे क्योंकि जनता उनका सम्मान बरकरार रखती है। उन्होंने कहा कि इस बार अगर वह जीतते हैं तो लोकसभा क्षेत्र के लोगों की हर समस्या के समय उनके साथ खड़े रहेंगे और उनका सहयोग करेंगे। शिवकुमार ने प्रत्येक बार निर्दलीय होकर चुनाव लड़ा है।

शिवकुमार ने 3 प्रधानी के चुनाव 3 जिला पंचायत के साथ 7 चुनाव विधानसभा और अब तक 3 चुनाव दिल्ली वाले यानी लोकसभा ले लड़े है और अब वह चौथी बार 2024 में लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। उनका कहना है कि उनके मुद्दे क्या है अगर वह बता देंगे तो लोग नकल कर लेंगे।

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