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नोटबंदी को लेकर संसद में संग्राम जारी, पीएम मोदी को बुलाने पर अड़ा विपक्ष

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Sansad hungamaनई दिल्ली। संसद के दोनों सदनों में नोटबंदी के मुद्दे पर विपक्ष व सत्तापक्ष के बीच जारी घमासान आठवें दिन सोमवार को भी जारी रहा, जिसके कारण सोमवार की कार्यवाही भी हंगामे की भेंट चढ़ गई। लोकसभा में हालांकि सरकार ने अघोषित आय पर भारी कर लगाने को लेकर एक विधेयक पेश किया।

संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू होने के बाद क्यूबा के क्रांतिकारी नेता फिदेल कास्त्रो के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। उनके सम्मान में एक मिनट का मौन रखा गया। इसके बाद, दोनों सदनों में नोटबंदी पर हंगामे के कारण सदनों की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी। विपक्ष राज्यसभा में प्रधानमंत्री की मौजूदगी तथा लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव के तहत नोटबंदी पर चर्चा की मांग को लेकर अड़े रहे।

लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने प्रश्नकाल का संचालन करने का प्रयास किया, लेकिन हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित करनी पड़ी। सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर अध्यक्ष ने सदस्यों से नोटबंदी पर बोलने को कहा। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खडग़े ने इस स्थिति को आर्थिक अव्यवस्था करार दिया।

उन्होंने कहा, नोटबंदी की सर्वाधिक मार गरीबों पर पड़ी है। वे अपने खुद के खातों से पैसा नहीं निकाल पा रहे हैं। यह आर्थिक अव्यवस्था है। खडग़े ने कहा, हम काले धन को रोकने का समर्थन करते हैं, लेकिन इस तरह से नहीं। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष से स्थगन प्रस्ताव के तहत चर्चा का आग्रह किया। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि नोटबंदी का फैसला देशहित में काफी विचार-विमर्श के बाद लिया गया है।

उन्होंने सदन को आश्वस्त किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में आएंगे और चर्चा में हिस्सा लेंगे। विपक्षी सदस्यों ने हालांकि स्थगन प्रस्ताव शुरू करो की नारेबाजी जारी रखी। सदन में जारी हंगामे के बीच कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक स्थगित कर दी गई। सदन की कार्रवाई दोबारा शुरू होने पर हंगामा जारी रहने पर उसे दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया।

वहीं, राज्यसभा में नोटबंदी तथा एकजुट विपक्ष द्वारा इसके विरोध में आहूत आक्रोश दिवस को लेकर सत्ता पक्ष व विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली, जिसके कारण सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी। नोटबंदी पर चर्चा के दौरान सदन में प्रधानमंत्री की मौजूदगी की मांग को विपक्षी सदस्यों ने दोहराया और हंगामा किया।

सदन में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि ऐसा पहली बार हो रहा है कि नीति से संबंधित एक महत्वपूर्ण मुद्दे पर संसद के किसी भी सदन में सरकार ने कोई बयान नहीं दिया है। इस बीच, केंद्रीय मंत्री एम.वेंकैया नायडू ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए कहा, मैं आपसे (अध्यक्ष) से आग्रह करता हूं कि प्रक्रिया के अनुसार शून्यकाल चलने दें। वे (विपक्ष) जो चाह रहे हैं, उसी पर चर्चा कर रहे हैं।

सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर आजाद ने कहा, ऐसा पहली बार है, जब प्रधानमंत्री ने किसी भी सदन में बयान नहीं दिया है। इस मुद्दे पर दोनों सदनों में चर्चा होनी चाहिए। विमुद्रीकरण के फैसले के बाद से ही कांग्रेस नेता संसद में चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के मौजूद रहने की मांग कर रहे हैं।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा केंद्रीय वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने कहा कि संविधान या किसी भी अन्य कानून ने प्रधानमंत्री को लोगों के अपने पैसे निकालने से रोकने का कोई अधिकार नहीं दिया है। शर्मा ने कहा, यहां तक कि वित्तीय आपातकाल में भी प्रधानमंत्री ऐसा नहीं कर सकते हैं।” उन्होंने कहा कि नोटबंदी अवैध है।

इस पर प्रतिक्रिया जताते हुए केंद्रीय संसदीय मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री सदन में आएंगे और चर्चा का जवाब देंगे। लेकिन, विपक्षी सदस्यों ने उनकी नहीं सुनी और मोदी तथा केंद्र सरकार के खिलाफ नारे लगाना जारी रखा।

विपक्षी सदस्यों ने एक सुर में सुर मिलाते हुए नारा लगाया, मोदी तेरे मन की बात, गरीब खाए पेट पे लात। इसके बाद उपसभापति ने सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी।

नेशनल

कर्नाटक के मंत्री बोले- मोदी-मोदी के नारे लगाने वालों को थप्पड़ मारे जाने चाहिए

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बेंगलुरु। कर्नाटक के मंत्री शिवराज तंगाडागी ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि ‘मोदी-मोदी’ के नारे लगाने वाले युवकों और छात्रों को थप्पड़ मारे जाने चाहिए। मंत्री ने हर साल दो करोड़ नौकरियां देने का वादा पूरा नहीं करने का आरोप लगाते हुए बीजेपी नीत केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा। कन्नड़ एवं संस्कृति मंत्री ने यह भी कहा कि भाजपा को आगामी लोकसभा चुनाव में वोट मांगने के लिए शर्म आनी चाहिए, क्योंकि वह विकास के मोर्चे पर भी विफल रही है।

“दो करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था”

तंगाडागी ने कहा, “उन्हें शर्म आनी चाहिए। वे विकास का एक काम तक नहीं कर पाए, फिर किस मुंह से वोट मांग रहे हैं। उन्होंने दो करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था। क्या उन्होंने किसी को नौकरी दी। जब नौकरियों के बारे में पूछो तो वे कहते हैं- पकौड़े बेचो, उन्हें शर्म आनी चाहिए।” कोप्पल जिले के करातागी में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, अगर कोई छात्र या युवक अब भी ‘मोदी-मोदी’ कहे तो उन्हें थप्पड़ मारे जाने चाहिए

भाजपा के वरिष्ठ नेता और पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव सी टी रवि ने मंत्री की टिप्पणियों को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “आगामी लोकसभा चुनाव कांग्रेस के बहुत बुरी तरह से हारने को भांपकर वे निचले स्तर पर पहुंच गए हैं और वे प्रधानमंत्री मोदी को तानाशाह कहते हैं!” भाजपा ने निर्वाचन आयोग को याचिका देकर मंत्री के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

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