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डीएनडी पर फैसला सुरक्षित, फिलहाल टोल फ्री

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Delhi noida toll plazaनई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा स्थित डीएनडी फ्लाइवे को टोल फ्री करने के आदेश पर अंतरिम रोक लगाने से शुक्रवार को इन्कार कर दिया। दिल्ली-नोएडा-डायरेक्ट फ्लाइवे को टोल फ्री करने के इलाहाबाद उ‘च न्यायालय के फैसले के खिलाफ नोएडा टोल ब्रिज कंपनी लिमिटेड की ओर से दायर याचिका पर सर्वो‘च न्यायालय ने शुक्रवार को फैसला सुरक्षित रख लिया।

सर्वो‘च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति टी.एस.ठाकुर, न्यायमूर्ति डी.वाई.चंद्रचूड़ तथा न्यायमूर्ति एल.नागेश्वर राव ने संकेत दिया कि न्यायालय एक स्वतंत्र ऑडिटर की नियुक्ति कर सकता है, जो इस बात का पता लगाएगा कि कंपनी ने अपनी लागत तथा 20 फीसदी मुनाफा वसूल किया है या नहीं।

कंपनी की तरफ से न्यायालय में पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने दिल्ली-नोएडा डायरेक्ट टोल प्लाजा का निर्माण व संचालन के समझौते से जब न्यायालय को अवगत कराया, तो पीठ ने कहा, समझौते के तहत आपको कितना वसूलने का अधिकार दिया गया है? समझौते के तहत कितना वसूलना जायज है? आप कितना वसूलने के हकदार हैं?

पीठ ने इलाहाबाद उ‘च न्यायालय के फैसले का संदर्भ देते हुए कहा कि कंपनी ने परियोजना पर जितना खर्च किया, उससे दोगुना वसूल चुकी है और यह काफी है। अब घर जाइए। पीठ ने कहा, उ‘च न्यायालय ने आपसे कहा है कि आपने 400 करोड़ रुपये लगाए और 1,100 करोड़ रुपये वसूल किए। टोल टैक्स वसूली पर लगी रोक को हटाने की मांग करते हुए सिंघवी ने कहा कि कंपनी फैसला आने तक वसूले गए पैसों को अलग अकाउंट में रखेगी और न्यायालय द्वारा नियुक्त ऑडिटर दो महीने में अपनी रिपोर्ट देगा।
सिंघवी ने न्यायालय से कहा कि डीएनडी ब्रिज सात फरवरी, 2001 से शुरू हुआ और साल 2007-08 तक यातायात अनुमान से कम रहा, जिसके कारण कॉस्ट रिकवरी तथा रिटर्न में कमी आई। उन्होंने न्यायालय से कहा कि साल 2008 के बाद डीएनडी से एनटीबीसीएल की आय बढ़ी। उन्होंने कहा कि यह पहली परियोजना है, जिसे पूरी तरह कंसेसिनायर के तौर पर क्रियान्वित किया गया, वह भी वैसे वक्त में जब कोई कंपनी आने को तैयार नहीं थी। उ‘च न्यायालय के आदेश को त्रुटियुक्त बताते हुए सिंघवी ने कहा कि कंपनी ने टोल वसूलना बंद कर दिया है, लेकिन वह डीएनडी पर दुर्घटना, उसकी सुरक्षा व मरम्मत के लिए जिम्मेदार है।

नेशनल

कर्नाटक के मंत्री बोले- मोदी-मोदी के नारे लगाने वालों को थप्पड़ मारे जाने चाहिए

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बेंगलुरु। कर्नाटक के मंत्री शिवराज तंगाडागी ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि ‘मोदी-मोदी’ के नारे लगाने वाले युवकों और छात्रों को थप्पड़ मारे जाने चाहिए। मंत्री ने हर साल दो करोड़ नौकरियां देने का वादा पूरा नहीं करने का आरोप लगाते हुए बीजेपी नीत केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा। कन्नड़ एवं संस्कृति मंत्री ने यह भी कहा कि भाजपा को आगामी लोकसभा चुनाव में वोट मांगने के लिए शर्म आनी चाहिए, क्योंकि वह विकास के मोर्चे पर भी विफल रही है।

“दो करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था”

तंगाडागी ने कहा, “उन्हें शर्म आनी चाहिए। वे विकास का एक काम तक नहीं कर पाए, फिर किस मुंह से वोट मांग रहे हैं। उन्होंने दो करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था। क्या उन्होंने किसी को नौकरी दी। जब नौकरियों के बारे में पूछो तो वे कहते हैं- पकौड़े बेचो, उन्हें शर्म आनी चाहिए।” कोप्पल जिले के करातागी में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, अगर कोई छात्र या युवक अब भी ‘मोदी-मोदी’ कहे तो उन्हें थप्पड़ मारे जाने चाहिए

भाजपा के वरिष्ठ नेता और पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव सी टी रवि ने मंत्री की टिप्पणियों को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “आगामी लोकसभा चुनाव कांग्रेस के बहुत बुरी तरह से हारने को भांपकर वे निचले स्तर पर पहुंच गए हैं और वे प्रधानमंत्री मोदी को तानाशाह कहते हैं!” भाजपा ने निर्वाचन आयोग को याचिका देकर मंत्री के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

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