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प्रादेशिक

नॉनवेज खाने से नहीं रोक सकती योगी सरकार : हाईकोर्ट

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हाईकोर्ट, मांसाहार, सरकार बनवाए बूचड़खाने

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बूचड़खाने बनवाएं योगी सरकार : हाईकोर्ट

नई दिल्ली। बूचड़खाने के मुद्दे पर इलाहबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने यूपी की योगी सरकार को फटकार लगाई है। हाईकोर्ट ने 60 पेज का अंतरिम आदेश जारी करते हुए कहा कि बूचड़खाना बनाना सरकार और स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी है। कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि 17 जुलाई तक लोगों को स्लाउटर हाउस का लाइसेंस जारी करे।

हाईकोर्ट, मांसाहार, सरकार बनवाए बूचड़खाने

इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि किसी को मांसाहार खाने से नहीं रोका जा सकता। कोर्ट ने यूपी सरकार की उस दलील को खारिज किया जिसमें सरकार ने कहा था कि बूचड़खाने बनाना सरकार की जिम्मेदारी
नहीं है।

इस मामले में याचिकाकर्ता के वकील वीके सिंह ने कहा, ”सरकार ने अपने इस आदेश से सराकर को बांध दिया है। कोर्ट ने सरकार से कहा है आप ऐसी व्यवस्था करें कि स्थानीय स्तर पर बूचड़खाने बन जाएं।

इसके लिए जहां–जहां जमीनों का चिन्हींकरण नहीं हुआ वहां जल्द से जल्द जमीनों को चिन्हित किया जाए। कोर्ट ने इस बात पर भी जोर दिया कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो ना तो हमारी सेना को और ना ही चिड़ियाघरों को मांस मिलेगा, जबकि ये बहुत जरूरी है।”

इस मामले में अब यूपी सरकार, राज्य के सभी जिलाधिकारी, नगर पालिका परिषद के चेयमैन और खाद्य सुरक्षा विभाग को कोर्ट में अपना पक्ष रखना है। अगली सुनवाई के लिए 17 जुलाई की तारीख तय की
गयी है।

याचिकाकर्ता ने याचिका में आरोप लगाया था कि उसका लाइसेंस 31 मार्च को खत्म हो गया लेकिन लाइसेंस के नवीनीकरण का आवेदन देने के बाद भी सरकार उसे रिन्यू नहीं कर रही है। याचिकाकर्ता ने मांग की  थी कि उसके लाइसेंसों का नवीनीकरण किया जाए। गौरतलब है कि यूपी में सत्ता संभालने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने अवैध बूचड़खानों को बंद करने का आदेश दिया था।

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश समेत अलग-अलग राज्यों में अवैध बूचड़खानों के खिलाफ मुहिम शुरू किये जाने के बीच सूचना का अधिकार के तहत मिली जानकारी से पता चला है कि देश में केवल 1,707 बूचड़खाने खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के तहत पंजीकृत हैं।

सबसे ज्यादा पंजीकृत बूचड़खाने वाले सूबों की फेहरिस्त में क्रमश: तमिलनाडु, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र शीर्ष तीन स्थानों पर हैं, जबकि अरुणाचल प्रदेश और चंडीगढ़ समेत आठ राज्यों में एक भी बूचड़खाना पंजीकृत नहीं है।

उत्तर प्रदेश

जौनपुर की चुनावी जंग हुई रोचक, बसपा ने धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला को बनाया उम्मीदवार

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लखनऊ। बसपा ने उत्तर प्रदेश की जौनपुर लोकसभा सीट से पूर्व सांसद धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला को अपना उम्मीदवार बनाया है। जबकि दूसरी ओर सपा ने एक वक्त में मायावती के करीबी रहे बाबू सिंह कुशवाहा को यहां से टिकट दिया है। वहीं बीजेपी ने पूर्व कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री कृपाशंकर सिंह को यहां से चुनावी मैदान में उतारा है।

मीडिया रिपोर्टस् के मुताबिक पहले बाहुबली धनंजय सिंह के सपा से चुनाव लड़ने की अफवाहों से सियासी गलियारों में सरगर्मी तेज हो गई थी। इसके बाद उन्हें सजा हो गई और उनका लोकसभा चुनाव लड़ना टल गया। इन सबके बीच सपा ने बाबू सिंह कुशवाहा को इस सीट से मैदान में उतार दिया। इसके बाद बसपा ने धनंजय सिंह की पत्नी को टिकट देकर यहां मुकाबला त्रिकोणीय कर दिया है। उन्होंने बीएसपी के ऐलान के बाद एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, ‘जय भीम जय जौनपुर’। उनके इस पोस्ट से सियासी हलचल बढ़ गई है।सूत्रों की मानें तो अब जौनपुरी सीट पर सियासी जंग काफी रोचक हो गई है।

इससे पहले उन्होंने धनंजय सिंह के जेल जाने के बाद एक सोशल मीडिया पोस्ट कर लिखा था, ‘आप सभी से एक अपील।हम आपकी भावनाओं की कद्र करते हैं लेकिन फैसला न्यायपालिका ने दिया है जिसका हमें सम्मान करना‌ चाहिए व साथ ही साथ अपने नेता श्री धनंजय जी का अनुसरण करते हुए किसी भी नेता अथवा दल के बारे में आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे आपके नेता के व्यक्तित्व पर दुष्प्रभाव पड़ेगा।

उन्होंने आगे कहा था, ‘कभी किसी भी दल अथवा नेता के लिए ग़लत शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया, कृपया आप भी संयम बनाएं, धैर्य से काम लें।आपके नेता को आपके सहानुभूति की जरूरत है। उम्मीद करती हूं कि आप मेरी बातों पर अमल करेंगे।बता दें कि जौनपुर सीट पर छठवें चरण में 25 मई को वोट डाले जाएंगे।

 

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