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नेशनल

नेपाली राष्ट्रपति का भारत दौरा 17 अप्रैल को

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नेपाली राष्ट्रपति, नेपाल, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज

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काठमांडू | नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी 17 अप्रैल से भारत दौरे पर होंगी। नेपाल के राष्ट्रपति कार्यालय ने उनके भारत दौरे की पुष्टि की है। बिद्या देवी भंडारी का अक्टूबर 2015 में पद संभालने के बाद यह पहला विदेशी दौरा होगा।

नेपाली राष्ट्रपति, नेपाल, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज

भंडारी के विदेशी मामलों के सलाहकार मदन कुमार भट्टराई ने कहा कि इस दौरे के दौरान वह राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, सत्तारूढ़ एवं विपक्षी पार्टियों के शीर्ष अधिकारियों से 18 अप्रैल को नई दिल्ली में मुलाकात करेंगी।

उन्होंने कहा कि हालांकि अभी उनकी यात्रा की रूपरेखा तैयार नहीं हुई है। यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच कुछ समझौतों पर हस्ताक्षर होने की भी उम्मीद है। राष्ट्रपति भंडारी पिछले साल मई में भारत जाने की तैयारी कर रही थीं, लेकिन सरकार की ओर से तैयारियों में कमी की वजह से इसे रद्द कर दिया गया था।

वह दिल्ली में तय समझौतों के बाद वाराणसी में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम में भी शिरकत करेंगी।

 

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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