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बाबा रामदेव बोले- 2000 का नोट देश के लिए ठीक नहीं, भ्रष्टाचार को मिलेगा बढ़ावा

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भोपाल। योगगुरु और पतंजलि ब्रांड के स्वामी बाबा रामदेव ने सोमवार को कहा कि उच्च मूल्य वर्ग वाले नोट किसी भी मुल्क के लिये अच्छे नहीं होते, इसलिये सरकार को देश में 2000 रुपये के नोट के प्रचलन पर पुन: विचार करना चाहिये। रामदेव ने देश की अर्थव्यवस्था पर विदेशी कंपनियों के बढ़ते प्रभाव और राजनीतिक दलों के मौन पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि वह आगामी कुछ वर्षों में देश में एक लाख करोड़ रुपये का स्वदेशी बाजार तैयार करना चाहते हैं।

मध्यप्रदेश सरकार द्वारा नर्मदा नदी के संरक्षण और उसे प्रवाहमान बनाए रखने के लिए निकाली जा रही ‘नमामि देवी नर्मदे सेवा यात्रा’ में हिस्सा लेने पहुंचे बाबा रामदेव ने कहा, “योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा है कि 2000 का नोट हमारे देश की अर्थव्यवस्था के लिए ठीक नहीं है, इससे भ्रष्टाचार बढ़ेगा। यह ले जाने में आसान है और इससे अवैध लेन-देन को बढ़ावा मिलने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।”

योगगुरु ने कहा कि विदेशी कंपनियों का भारत की 50 लाख करोड़ की अर्थव्यवस्था पर कब्जा है, मगर कोई राजनीतिक दल नहीं बोलता। जो सत्ता में है, वह पिछली सरकारों के साथ हुए अनुबंध से बंधा है और विपक्षी दल इन कंपनियों से चंदा लेता है, लिहाजा कोई राजनीतिक दल स्वेदशी की बात नहीं करता।

संन्यासी उद्योगपति ने कहा कि वह आगामी कुछ वर्षों में देश में एक लाख करोड़ रुपये का स्वदेशी बाजार तैयार करना चाहते हैं। पतंजलि ब्रांड के स्वामी रामदेव ने कोकाकोला व पेप्सी पर हमला बोलते हुए कहा कि ये कंपनियां पानी में जहर घोल रही हैं। इन कंपनियों ने नदियों के पवित्र जल को अपवित्र किया है, इन्हें नदियों ही नहीं देश से दूर होना चाहिए।

नदियों में मिलते सीवेज और संयंत्रों के गंदे पानी का जिक्र करते हुए बाबा ने कहा, “कई स्थानों पर देखा है कि गंगा, यमुना से लेकर नर्मदा नदी के किनारे बसे शहर और संयंत्रों का गंदा पानी मिलता है, क्योंकि वाटर ट्रीटमेंट प्लांट नहीं लगाए जाते हैं। ये प्लांट इसलिए नहीं लगाए जाते, क्योंकि इसमें धन खर्च होता है।”

रामदेव ने आगे कहा कि उन्हें बताया गया है कि नर्मदा नदी में गंदा पानी मिलने से रोकने के लिए नदी के किनारे वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पर 1500 करोड़ रुपये खर्च किए जाने हैं, वहीं नदी के कटाव को रोकने के लिए नदी किनारे पौधरोपण भी किया जाना प्रस्तावित है, यह आंशिक तौर पर शुरू भी हो गया है।

उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सराहना करते हुए कहा कि नर्मदा यात्रा के जरिए राज्य में आध्यात्मिक और धार्मिक दायित्व का निर्वहन हो रहा है। इस यात्रा ने नर्मदा को गौरव दिया है। इस तरह के काम पर कुछ लोग उंगली उठाते हैं, मगर शिवराज की यह सोच उन्हें सात्विक लगी, इसलिए खुद चलकर आए हैं।

योगगुरु शिवराज के साथ नर्मदा सेवा यात्रा में भी शामिल हुए। नर्मदा नदी के उद्गम स्थल अमरकंटक से 11 दिसंबर को यात्रा शुरू हुई। यह यात्रा 144 दिन की है और इसका समापन 11 मई को अमरकंटक में ही होगा। यह यात्रा मध्यप्रदेश के उन हिस्सों से गुजर रही है, जहां से नर्मदा नदी गुजरती है।

नर्मदा में रेत का अवैध खनन प्रदेश में विपक्ष का बड़ा मुद्दा है। हाल ही में अवैध रेत की ढुलाई में लगे चार डंपर पकड़े गए, जो मुख्यमंत्री शिवराज के भतीजे प्रद्युम्न सिंह के बताए जा रहे हैं। विपक्षी कांग्रेस का कहना है कि अवैध रेत खनन प्रदेश सरकार के संरक्षण में हो रहा है, नर्मदा सेवा यात्रा उसी पर पर्दा डालने के लिए शुरू की गई है।

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सीएम बने रहेंगे केजरीवाल, कोर्ट ने पद से हटाने वाली याचिका की खारिज

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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके पद से हटाने की मांग वाली जनहित याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि ऐसी कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं है कि अरविंद केजरीवाल अपने पद पर बने नहीं रह सकते हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि ये कार्यपालिका से जुड़ा मामला है। दिल्ली के उपराज्यपाल इस मामले को देखेंगे और फिर वह राष्ट्रपति को इस भेजेंगे। इस मामले में कोर्ट की कोई भूमिका नहीं है।

केजरीवाल को सीएम पद से हटाने के लिए याचिका दिल्ली के रहने वाले सुरजीत सिंह यादव ने दी है, जो खुद किसान और सामाजिक कार्यकर्ता बताते हैं। सुरजीत सिंह यादव का कहना था कि वित्तीय घोटाले के आरोपी मुख्यमंत्री को सार्वजनिक पद पर बने रहने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। याचिकाकर्ता सुरजीत ने अपनी याचिका में कहा था कि केजरीवाल के पद पर बने रहने से न केवल कानून की उचित प्रक्रिया में दिक्कत आएगी, बल्कि न्याय प्रक्रिया भी बाधित होगी और राज्य में कांस्टीट्यूशनल सिस्टम भी ध्वस्त हो जाएगा।

याचिका में कहा गया था कि सीएम ने गिरफ्तार होने के कारण एक तरह से मुख्यमंत्री के रूप में अपना पद खो दिया है, चूंकि वह हिरासत में भी हैं, इसलिए उन्होंने एक लोक सेवक होने के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाने से खुद को अक्षम साबित कर लिया है, अब उन्हें इस मुख्यमंत्री पद पर नहीं बने रहना चाहिए।

 

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