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नेशनल

दिल्ली में जाट आंदोलन कल, विद्यार्थियों को समयपूर्व परीक्षा केंद्र पहुंचने की सलाह

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नई दिल्ली | राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आरक्षण की मांग को लेकर जाटों का आंदोलन सोमवार को होने जा रहा है, जिसके मद्देनजर केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों को निर्धारित समय से पहले परीक्षा केंद्र पहुंचने की सलाह दी है।

अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति (एआईजेएएसएस) के नेतृत्व में जाट समुदाय ने राष्ट्रीय राजधानी में विशाल प्रदर्शन का ऐलान किया है। उन्होंने संसद भवन परिसर की ‘घेराबंदी’ की भी घोषणा की है।

सीबीएसई सोमवार को 10वीं की पेंटिंग, स्पेनिश और रूसी भाषाओं की परीक्षा ले रही है, जबकि 12वीं के विद्यार्थियों की सोमवार को गणित, फर्स्ट एड एंड इमरजेंसी मेडिकल केयर, क्लिनिकल बायो-केमेस्ट्रिी और माइक्रोबायोलॉजी-2, माइक्रोबायोलॉजी (एमएलटी), हेल्थ सेंटर मैनेजमेंट, ऑपथाल्मिक टेक्नीक्स-2, रेडियोग्राफी-2 (स्पेशल इन्वेस्टीगेशन इमेजिंग रेडियोग्राफी) विषयों की परीक्षा होने वाली है।

सीबीएसई ने एक बयान में कहा है, “जाट आंदोलन के मद्देनजर विद्यार्थियों और अभिभावकों को परीक्षा केंद्र पर समय से पहले पहुंचने तथा इसके लिए उचित उपाय करने की सलाह दी जाती है।”

 

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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