नेशनल
दंगा भड़काने की कोई भी कोशिश बर्दाश्त नहीं : ममता बनर्जी
कालिम्पोंग। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि किसी भी समुदाय द्वारा की जाने वाली हिंसा से उनकी सरकार सख्ती से निपटेगी। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में दंगा भडक़ाने की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ममता ने कहा, “हम उन्हें नहीं बख्शेंगे जो दंगे की आग भडक़ाते हैं और दूसरों को उकसाते हैं। हम किसी भी समुदाय, चाहे वह हिंदू हो, मुसलमान हो, सिख हो या फिर ईसाई, किसी की भी हिंसक गतिविधियों से सख्ती से निपटेंगे।”
उन्होंने कहा, “एक सच्चा हिंदू या सच्चा मुसलमान कभी भी दंगे में शामिल नहीं होना चाहेगा। वह हमेशा शांति से रहना चाहता है और लोगों की बेहतरी के लिए काम करना चाहता है। जो लोग दंगे की आग भडक़ाते हैं, वे अपनी पार्टी के लाभ के लिए ऐसा करते हैं।”
इस साल उत्तरी बंगाल के दौरे पर दूसरी बार पहुंचीं ममता बनर्जी ने कालिम्पोंग उप संभाग को आधिकारिक रूप से राज्य का 21वां जिला घोषित किया।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार अतीत में पश्चिम बंगाल को नेपाल व भूटान से जोडऩे वाले ‘सिल्क रूट’ को फिर से शुरू करने के लिए प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार इस मार्ग के लिए 220 करोड़ रुपये देगी। उन्होंने इलाके के लिए 50 करोड़ की लागत से एक जलशोधन परियोजना का ऐलान किया।
उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
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