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मनोरंजन

‘ दंगल ’ जीत क्या दर्शकों के दिलों पर राज कर पाएंगे आमिर ?

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‘ दंगल ’ जीत क्या दर्शकों के दिलों पर राज कर पाएंगे आमिर ?

सितारे: आमिर खान, साक्षी तंवर, फातिमा सना शेख, जाइरा वसीम, सानया मल्होत्रा, सुहानी भटनागर, अपारशक्ति खुराना, गिरीश कुलकर्णी

निर्देशक: नीतेश तिवारी

संगीत निर्देशक: प्रीतम

निर्माता: आमिर खान, किरण राव, सिद्धार्थ रॉय कपूर

दंगल एक ऐसे पिता की कहानी है, जिसका सपना है रेसलिंग पर अपने घर की आर्थिक स्थितियां खराब होने के कारण वह रेसलिंग पर बिराम लगा कर नौकरी करने लगा है। पर रेसलिंग में गोल्ड मेडल जीतने की चाहत उसे हमेशा कचोटती है। अपनी इस चाहत को वह अपनी बेटियों से पूरी करवाता है। ये कहानी मानव जीवन के मुकम्मल मकसद पर रौशनी डालती है। वह यह कि जिंदगी में मिसाल बनने से कम कुछ भी मत स्वीकारो। बनना है तो प्रतिमान बनो। खुद के लिए। अपनों के लिए। समाज और राष्ट्र के लिए।

कहानी

aamir-dangalये कहानी एक ऐसे पहलवान यानि एक ऐसे पिता की है, जिसके सख्त अनुशासन, मेहनत और लगन ने देश को दो प्रतिभाशाली महिला रेस्लर दी हैं। महावीर सिंह फोगाट (आमिर खान) की शादी शोभा कौर (साक्षी तंवर) से होती है। महावीर की चाहत है कि उसे एक बेटा हो जो उनके लिए किसी इंटरनैशनल इवेंट से गोल्ड मेडल जीतकर ला सके। इसी चाहत में उन्हें चौथी बार भी बेटी ही होती है, जिसके बाद वह काफी दुखी हो जाते है। देश के लिए गोल्ड का सपना दम तोड़ रहा था कि एक दिन उनकी बड़ी बेटी गीता (जाइरा वसीम) और छोटी बेटी बबीता (सुहानी भटनागर) गली के लडक़ों को पीट-पाटकर आ जाती हैं। गुस्से में भन्नाए महावीर को अचानक कुछ सूझता है। गीता-बबीता से वो कुछ नहीं कहते और अगले दिन सुबह पांच बजे उनकी दौड़ लगवाना शुरू कर देते हैं। दौड़ और दंड-बैठक का सिलसिला शुरू हो जाता है, जो फोगाट की पत्नी दया (साक्षी) से देखा नहीं जाता।

बच्चियों को अपना पिता राक्षस लगने लगता है। लेकिन एक दिन उन्हें अहसास होता है कि उनका बापू उन तमाम बापूओं से बेहतर है, जो छोटी उम्र में अपनी बच्चियों का ब्याह कर देते हैं। अब गीता-बबीता पूरी जान से अखाड़े की माटी में अपनी मेहनत घोल देती हैं। और इन्हीं तैयारियों के बीच एक दिन गीता की कुश्ती मर्दों के दंगल में हो जाती है। गीता अपनी पहली कुश्ती को हार जाती है, लेकिन लोगों का दिल जीतने में वो कामयाब रहती है। और उसकी यही कामयाबी उसे नेशनल लेवल का चैम्पियन बना देती है। उधर बबीता भी जूनियर स्तर के बाद नेशनल तक खेलती है।

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दोनों बच्चियां बड़ी हो चुकी हैं। बड़ी होने के नाते गीता (फातिमा सना) शेख को अंतराष्ट्रीय स्तर पर खेलना का मौका पहले मिलता है। वह ट्रेनिंग के लिए पटियाला स्थित नेशनल स्पोट्र्स एकेडमी जाती है जहां उसे कोच प्रमोद कदम (गिरीश कुलकर्णी) की देख-रेख में प्रशिक्षण पाना है। छह महीने अपने पिता से दूर रहने के दौरान गीता की जिंदगी से अनुशासन लगभग गायन हो जाता है। फोगाट ने अपनी बच्चियों को कभी खट्टा तक खाने नहीं दिया, अब गीता बाजार का खाना धड़ल्ले से खाती है। इन तमाम बातों का उसकी ट्रेनिंग पर बुरा असर पड़ता है और अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उसका प्रदर्शन लगातार खराब होता रहता है। तब उसे बापू की याद आती है। अब बबीता (सानया मल्होत्रा) भी अंतराष्ट्रीय स्तर पर खेलने की ट्रेनिंग के लिए गीता के साथ एकेडमी आ गई है। दोनों को

दिल्ली में 2010 में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स में भाग लेना है, जिसके लिए गीता की पूरी तैयारी नहीं है। कुश्ती को लेकर कोच प्रमोद के अपने नियम कायदे हैं जो फोगाट की समझ से परे हैं। बावजूद इसके फोगाट गीता को अपने स्टाइल की कुश्ती की ट्रेनिंग देते हैं, लेकिन तभी ये बात फेडरेशन को पता चल जाती है और गीता-बबीता के लिए कॉमनवेल्थ गेम्स खेलना लगभग नामुमकिन सा हो जाता है।

यह आमिर खान की एक और दमदार फिल्म है। वजनी महावीर फोगाट के रूप में उनका कायांतरण अलहदा है। पिता, कोच और अपने सपने साकार की बेचैनी दिल में लिए सालों से जी रहे शख्स की भूमिका को उन्होंने जीवंत बना दिया है। पर्दे पर आमिर खान नहीं, महावीर फोगाट नजर आ रहे थे। उनके सहकलाकारों ने भी उन्हें पूरी टक्कर दी। वह चाहे बाल गीता-बबीता बनीं जायरा वसीम सुहानी भटनागर हों या युवा गीता-बबीता के रोल में फ ातिमा सना शेख, सान्या मल्होत्रा। दोनों बहनों के चचेरे भाई की भूमिका निभाने वाले का काम भी उम्दा है। नेशनल कोच बने गिरीश कुलकर्णी के अहंकार और काइंयापन को गिरीश कुलकर्णी ने बखूबी जाहिर किया है।

अवधि 161 मिनट

प्रादेशिक

धनबाद में बॉलीवुड एक्टर पंकज त्रिपाठी के जीजा की सड़क हादसे में मौत, बहन की हालत गंभीर

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धनबाद। बॉलीवुड एक्टर पकंज त्रिपाठी के जीजा राकेश तिवारी की एक सड़क हादसे में मौत हो गई है। वहीं उनकी बहन की हालत गंभीर है जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है।.हादसा बेहद भीषण था जिसमें उनकी कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुई है। ये एक्सिडेंट शनिवार की शाम करीब चार बजे धनबाद जिले के निरसा चौक के पास हुआ है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राकेश तिवारी पत्नी सरिता तिवारी के साथ अपनी कार से धनबाद से कोलकाता जा रहे थे। चश्मदीदों के मुताबिक कार तेज रफ्तार में थी। निरसा चौक पर एक ऑटो को बचाने के चक्कर में कार अनियंत्रित हो गई और डिवाइडर से टकरा गई। इसमें कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है।

हादसे में दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए थे। स्थानीय लोगों की मदद से एंबुलेस से धनबाद एसएनएमएमसीएच भेज दिया गया था। यहां राकेश तिवारी की इलाज के दौरान मौत हो गई। हालांकि, उनकी पत्नी की हालत गंभीर बनी हुई है. हादसे की खबर पाकर पंकज त्रिपाठी मुंबई से कोलकाता एयरपोर्ट उतरकर निजी कार से धनबाद के लिए रवाना हो गए हैं।

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