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बिजनेस

‘जीएसटी से जीडीपी में 150-200 आधार अंकों की वृद्धि होगी’

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जीएसटी, एचडीएफसी के अध्यक्ष दीपक पारेख, जीडीपी में 150-200 आधार अंकों की वृद्धि

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जुलाई 2017 से लागू हो सकता है जीएसटी

मुंबई| एचडीएफसी के अध्यक्ष दीपक पारेख ने शुक्रवार को कहा कि जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) व्यवस्था से देश के विकास को बढ़ावा मिलेगा और जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में 150-200 आधार अंकों की बढ़ोतरी हो सकती है।

जीएसटी, एचडीएफसी के अध्यक्ष दीपक पारेख, जीडीपी में 150-200 आधार अंकों की वृद्धि

एचडीएफसी के अध्यक्ष दीपक पारेख

पारेख ने यहां आयोजित इंडिया टुडे कॉनक्लेव में कहा, “अगर हमारे पास अच्छी जीएसटी प्रणाली होती है तो बहुत सारे विशेषज्ञों का कहना है कि इससे जीडीपी में 150-200 अंकों की बढ़ोतरी हो सकती है।”

साल 2016 के दिसंबर में खत्म हुई तीसरी तिमाही में देश का जीडीपी दर सात फीसदी दर्ज किया गया था और संपूर्ण वित्त वर्ष 2016-17 के लिए जीडीपी दर 7.1 फीसदी होने का अनुमान लगाया गया है। जाने-माने उद्योगपति आदि गोदरेज का कहना है कि एक बार जीएसटी लागू हो जाएगा तो इससे जीडीपी को काफी बढ़ावा मिलेगा।

यह भी पढ़ें- एक जुलाई से जीएसटी लागू होने की उम्मीद

गोदरेज ने कहा, “एक बार हम जीएसटी के दायरे में आ जाएंगे तो कई सारी चीजें सुधर जाएंगी। इससे अप्रत्यक्ष कर चोरी मुश्किल हो जाएगी, जिससे ज्यादा राजस्व इकट्ठा होगा और उम्मीद है कि कर की दरें घटेंगी।” उन्होंने आगे कहा, “जीएसटी के लागू होने से काले धन पर लगाम लगेगा। यह बेनामी धन घटाने के लिए एक बड़ा कदम होगा।”

निजी निवेश के बारे में गोदरेज ने कहा कि पिछले कई सालों से इसमें गिरावट आई है और उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2017-18 की दूसरी छमाही में यह रफ्तार पकड़ेगी।

पारेख ने कहा कि निजी निवेश में तेजी बस आने ही वाली है और चौथी तिमाही में यह रफ्तार पकड़ेगी। नोटबंदी की प्रशंसा करते हुए गोदरेज ने कहा कि इसका असर उम्मीद से बेहतर हुआ है तथा उपभोक्ता मांग में तेजी वापस आई है।

बिजनेस

मुंबई बना एशिया के अरबपतियों की राजधानी, बीजिंग को पीछे छोड़ा

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मुंबई। मुंबई में अरबपतियों की संख्या बीजिंग से अधिक हो गई है। हुरुन रिसर्च की 2024 ग्लोबल रिच लिस्ट के अनुसार, मुंबई में 92 अरबपति हैं, जबकि बीजिंग में 91 अरबपति हैं। हालांकि चीन में भारत के 271 की तुलना में कुल मिलाकर 814 अरबपति हैं। ग्लोबल लेवल पर, मुंबई अब न्यूयॉर्क के बाद अरबपतियों के मामले में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है, न्यूयार्क में अरबपतियों की संख्या 119 है। लिस्ट के मुताबिक, सात साल बाद लंदन 97 के साथ दूसरे स्थान पर है।

रिपोर्ट में कहा गया है, “मुंबई दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते अरबपतियों की राजधानी है, इस साल इसमें 26 अरबपति शामिल हुए और यह दुनिया में तीसरा व एशिया में अरबपतियों की राजधानी बन गया है। नई दिल्ली पहली बार शीर्ष 10 में शामिल हुई।” भारत की आर्थिक शक्ति उसकी अरबपति आबादी में उल्लेखनीय वृद्धि से और भी अधिक रेखांकित हुई। देश में आश्चर्यजनक रूप से 94 नए अरबपति जुड़े, जो संयुक्त राज्य अमेरिका को छोड़कर किसी भी देश में सबसे अधिक है। कुल मिलाकर यहां 271 अरबपति हो गए। यह उछाल 2013 के बाद से सबसे ज्‍यादा है और भारतीय अर्थव्यवस्था में बढ़ते आत्मविश्‍वास का प्रमाण है।

2024 हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अरबपतियों की संचयी संपत्ति चीन की प्रति अरबपति औसत संपत्ति (3.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर बनाम 3.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर) को पार करते हुए 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गई।

रिपोर्ट में बताया गया है कि उद्योग के लिहाज से फार्मास्युटिकल क्षेत्र 39 अरबपतियों के साथ सबसे आगे है, इसके बाद ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट उद्योग (27) और रसायन क्षेत्र (24) का स्थान है। सामूहिक रूप से भारतीय अरबपतियों की संपत्ति 1 खरब डॉलर के बराबर है, जो वैश्विक अरबपतियों की संपत्ति का 7 फीसदी है, जो देश के पर्याप्त आर्थिक प्रभाव को दर्शाता है।

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