अन्तर्राष्ट्रीय
जलविहीन यूएई को आइसबर्ग से मिलेगा पीने का पानी
बूंद–बूंद पानी को तरस रहे यूएई को अब आइसबर्ग का सहारा
नई दिल्ली। बूंद–बूंद पानी को तरस रहे संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में इस विकट समस्या से निपटने के लिए अब आईसबर्ग का सहारा लिया जाएगा। अबुधाबी की एक कंपनी ने आइसबर्ग से पीने का पानी निकालने की योजना पर काम शुरू कर दिया है। कंपनी ने कहा कि वो पानी के लिए लगभग 8800 किमी दूर अंटार्कटिका से आइसबर्ग खींचकर यूएई लाएगा।
एक आइसबर्ग से यूएई के 10 लाख लोगों को अगले 5 साल तक पीने का पानी मिलेगा। आपको बता दें कि यूएई हमेशा से ही पानी की भीषण कमी से जूझता आ रहा है। यूएई का नाम सूखाग्रस्त देशों की टॉप टेन सूची में भी है। वैज्ञानिकों के मुताबिक अगले 25 सालों में यहां इतना सूखा पड़ने वाला है कि लोगों का जीना मुश्किल हो जाएगा।
आने वाली विपदा से निपटने के लिए अबुधाबी की एक कंपनी ने अनोखा प्लान तैयार किया है। कंपनी के हिसाब से यूएई से करीब 10 हजार किमी दूर अंटार्कटिका से आइसबर्ग को खींचकर लाया जाएगा। इसके बाद उसे पिघलाकर निकले पानी को पीने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
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अगले साल शुरू होगा प्रोजेक्ट
अंटार्कटिका से आइसबर्ग को खींचकर लाने और फिर उसको पिघलाना इतना आसान नहीं है। इन दिक्कतों के मददेनजर कंपनी ने इस पोजेक्ट को 2018 में शुरू करने का ऐलान किया है। आईसबर्ग को खींचकर लाने में ही कंपनी को महीनों लग जाएंगे।
आइसबर्ग से निकलेगा 20 बिलियन पानी
रिपोर्ट के अनुसार एक आइसबर्ग के लगभग 20 बिलियन गैलेन पानी निकाला जा सकता है, जो यूएई के लिए पर्याप्त है, क्योंकि वहां जनसंख्या काफी कम है। हालांकि इस प्रोजेक्ट में कितना खर्च आएगा कंपनी ने इस बात का खुलासा नहीं
किया है।
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान में अपने नागरिकों की मौत से भड़का चीन, घटना की गहन जांच की मांग की
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में अपने चार नागरिकों की हत्या के बाद चीन भड़का हुआ है। गृह मंत्री मोहसिन नकवी हमले के तुरंत बाद चीन के दूतावास पहुंचे और राजदूत जियांग जैदोंग से मुलाकात की। राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने भी हमले की कड़ी निंदा की, उन्होंने हमले को पाक चीन की दोस्ती को नुकसान पहुंचाने की साजिश बताया।
चीनी नागरिकों पर हुए हमले पर सिंघुआ विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय रणनीति संस्थान के अनुसंधान विभाग के निदेशक कियान फेंग ने कहा है कि यह हमला पाकिस्तान के लिए एक चेतावनी की तरह है। ये बताता है कि पाकिस्तान को अभी सुरक्षा क्षेत्र में बहुत काम करने की जरूरत है। ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित लेख में उन्होंने इस हमले को उस हमले की कॉपी बताया जो 2021 में किया गया था, जिसमें 9 चीनी नागरिकों की मौत हो गई थी। इस लेख में ये भी कहा गया है कि इस तरह के हमले बताते हैं कि आतंकी ताकतें चीन और पाकिस्तन के आर्थिक गलियारे की सफलता नहीं देखना चाहती हैं और लगातार इसे विफल करने की साजिश रच रही हैं।
उधर अपने नागरिकों की मौत के बाद चीन ने घटना की गहन जांच की मांग भी कर डाली है। पाकिस्तान स्थित चीनी दूतावास ने एक बयान में कहा, “पाकिस्तान में चीनी दूतावास और वाणिज्य दूतावासों ने आपात कार्य शुरू कर दिया है और पाकिस्तानी पक्ष से हमले की गहन जांच करने, दोषियों को कठोर सजा देने तथा चीनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए व्यावहारिक और प्रभावी उपाय करने की मांग की है।”
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