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नेशनल

गोवा के लिए विशेष आतंकवादी अलर्ट नहीं मिला : पार्सेकर

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गोवा के लिए विशेष आतंकवादी अलर्ट नहीं मिला : पार्सेकर

पणजी | गोवा के मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पार्सेकर ने कहा है कि राज्य सरकार को केंद्रीय खुफिया एजेंसियों की ओर से नववर्ष के लिए कोई विशेष आतंकवादी अलर्ट नहीं मिला है। पार्सेकर ने कहा कि इजरायल द्वारा जारी किए गए यात्रा संबंधी दिशा-निर्देश सामान्य हैं और ये खासतौर पर गोवा को लेकर नहीं हैं।

खबरों के मुताबिक, इजरायल ने अपने नागरिकों को दक्षिण पश्चिमी भारत की यात्रा के दौरान सावधान रहने को कहा है। पार्सेकर ने इस संबंध में संवाददाताओं से कहा, “पहली बात यह है कि हालिया समय में ऐसे दिशा निर्देश सामान्य हो गए हैं। सरकारें अपने नागरिकों को सावधान करना अपना कर्तव्य समझती हैं।”

उन्होंने कहा, “जहां तक हमारा सवाल है, हमारा पुलिस विभाग केंद्रीय गृह एजेंसियों के साथ संपर्क में है और किसी प्रकार के खतरे संबंधी कोई अलर्ट या ऐसा कुछ नहीं मिला है।” पार्सेकर ने कहा, “हम अपने पर्यटकों की सुरक्षा के लिए तैयार हैं..गोवा में काफी पर्यटकों के पहुंचने के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है।”

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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