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केंद्र ने साफ किया रुख किसानों को नहीं मिलेगी कर्ज माफी

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नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने किसानों को दिए गए ऋण में किसी भी प्रकार की छूट की संभावना से इनकार करते हुए सोमवार को कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार का उद्देश्य किसानों का सशक्तिकरण करना और ऋण माफी के बजाय उनकी आय बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाओं व पहलों में निवेश की है।

सिंह ने अपने मंत्रालय की तीन साल की उपलब्धियों को गिनाने के लिए आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, “हमारा उद्देश्य किसानों का सशक्तिकरण करना है। हम कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी और गोदामों की मरम्मत करना चाहते हैं। हम उन योजनाओं में निवेश कर रहे हैं, जिनका उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना है।”

उन्होंने कहा कि ऋण माफ करने से किसानों की समस्याएं खत्म नहीं होंगी, इसलिए सरकार का ध्यान कृषि वस्तुओं की कीमतें कम करने तथा किसानों को सुविधाएं प्रदान करने पर है।

उत्तर प्रदेश द्वारा छोटे तथा सीमांत किसानों के एक लाख रुपये तक के ऋण माफ करने के बाद सभी प्रदेशों से किसानों के ऋण माफ करने की मांग उठने लगी है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले अपने चुनावी घोषणा पत्र में वादा किया था कि सत्ता में आने पर वह प्रदेश के किसानों के ऋण माफ कर देगी।

इस बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “प्रदेश में ऋण माफी का फैसला उत्तर प्रदेश सरकार का था। हमारी (केंद्र) प्राथमिकता किसानों को साहूकारों के चंगुल में फंसने से बचाने की है। हम इसमें पारदर्शिता चाहते हैं। हमने अल्पकालिक ऋण के लिए क्रेडिट को 8.5 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये कर दिया है।”

लगातार दो साल से सूखे की मार झेल रहे तमिलनाडु के किसानों ने ऋण माफी की मांग को लेकर मार्च में राष्ट्रीय राजधानी में 40 दिवसीय आंदोलन शुरू किया था।

बाद में, मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु सरकार को किसानों के ऋण माफ करने को कहा। साल 2009 में हुए लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेतृत्व वाली संप्रग सरकार ने साल 2008 के बजट में छोटे तथा सीमांत किसानों के ऋण माफ कर उन्हें राहत प्रदान करने के लिए 60,000 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की थी।

कांग्रेस सहित अधिकांश विपक्षी पार्टियां देश भर में किसानों की ऋण माफी की मांग कर रही हैं। इसी तरह की मांग महाराष्ट्र तथा पंजाब से भी आई है। पिछले सप्ताह महाराष्ट्र के विदर्भ इलाके के लगभग 150 किसानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लोकसभा चुनाव से पहले किसानों को किए गए वादे याद दिलाने के लिए एक दिन की भूख हड़ताल की थी।

इसी तरह के एक विरोध प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस नेताओं ज्योतिरादित्य सिंधिया, ऑस्कर फर्नाडीस ने किसानों को भरोसा दिलाया कि संसद के आगामी सत्र में उनके मुद्दे उठाए जाएंगे।

इस साल मार्च में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अध्यक्ष अरुं धती भट्टाचार्य ने कहा था कि ऋण माफी के प्रचलन से ऋण लेने वालों में गलत धारणा पैदा होगी। एसबीआई की अध्यक्ष के इस बयान पर राजनीति सहित विभिन्न हलकों में खासा बवाल हुआ था।

नेशनल

कर्नाटक के मंत्री बोले- मोदी-मोदी के नारे लगाने वालों को थप्पड़ मारे जाने चाहिए

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बेंगलुरु। कर्नाटक के मंत्री शिवराज तंगाडागी ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि ‘मोदी-मोदी’ के नारे लगाने वाले युवकों और छात्रों को थप्पड़ मारे जाने चाहिए। मंत्री ने हर साल दो करोड़ नौकरियां देने का वादा पूरा नहीं करने का आरोप लगाते हुए बीजेपी नीत केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा। कन्नड़ एवं संस्कृति मंत्री ने यह भी कहा कि भाजपा को आगामी लोकसभा चुनाव में वोट मांगने के लिए शर्म आनी चाहिए, क्योंकि वह विकास के मोर्चे पर भी विफल रही है।

“दो करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था”

तंगाडागी ने कहा, “उन्हें शर्म आनी चाहिए। वे विकास का एक काम तक नहीं कर पाए, फिर किस मुंह से वोट मांग रहे हैं। उन्होंने दो करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था। क्या उन्होंने किसी को नौकरी दी। जब नौकरियों के बारे में पूछो तो वे कहते हैं- पकौड़े बेचो, उन्हें शर्म आनी चाहिए।” कोप्पल जिले के करातागी में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, अगर कोई छात्र या युवक अब भी ‘मोदी-मोदी’ कहे तो उन्हें थप्पड़ मारे जाने चाहिए

भाजपा के वरिष्ठ नेता और पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव सी टी रवि ने मंत्री की टिप्पणियों को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “आगामी लोकसभा चुनाव कांग्रेस के बहुत बुरी तरह से हारने को भांपकर वे निचले स्तर पर पहुंच गए हैं और वे प्रधानमंत्री मोदी को तानाशाह कहते हैं!” भाजपा ने निर्वाचन आयोग को याचिका देकर मंत्री के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

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