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कृपालु महिला महाविद्यालय से अब विज्ञान परास्नातक भी कर सकेंगीं छात्राएं

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जगदगुरु कृपालु परिषत् एजुकेशन, कृपालु महिला महाविद्यालय, गणित और भौतिकी में विज्ञान परास्नातक, सचिव राम पुरी, जगद्गुरु श्रीकृपालुजी महाराज, सुश्री विशाखा त्रिपाठी

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जगदगुरु कृपालु परिषत् एजुकेशन, कृपालु महिला महाविद्यालय, गणित और भौतिकी में विज्ञान परास्नातक, सचिव राम पुरी, जगद्गुरु श्रीकृपालुजी महाराज, सुश्री विशाखा त्रिपाठी

kripalu mahila maha vidyalaya

कुण्डा प्रतापगढ़। जगदगुरु कृपालु परिषत् एजुकेशन द्वारा संचालित डिग्री कालेज कृपालु महिला महाविद्यालय मौजूदा शैक्षणिक सत्र 2016-2017 से गणित और भौतिकी में विज्ञान परास्नातक यानि एम.एस.सी. की डिग्री प्रदान करेगा। डा. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, फैज़ाबाद से संबद्ध कृपालु महिला महाविद्यालय वर्तमान में बी.ए., बी.एस.सी., बी.एड. तथा एम.ए. हिन्दी एवं गृह विज्ञान के पाठ्यक्रम संचालित करता है। जनपद प्रतापगढ़ के कुण्डा जैसे पिछड़े क्षेत्र में स्थित कृपालु महिला महाविद्यालय इस क्षेत्र का उच्च कोटि की महिला शिक्षा प्रदान करने वाला एकमात्र संस्थान है। विज्ञान के क्षेत्र में अपना भविष्य तलाश रहीं छात्राओं को अब आगे की पढ़ाई के लिए कहीं और जाने की आवश्यकता नहीं रहेगी।

जगदगुरु कृपालु परिषत् एजुकेशन के सचिव राम पुरी ने महाविद्यालय की इस उपलब्धि पर प्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने कहा ‘‘ गुणवत्ता परक शिक्षा के लिए कृपालु महिला महाविद्यालय हमेशा कटिबद्ध रहा है और विज्ञान परास्नातक के पाठ्यक्रम से बड़ी संख्या में छात्राओं को लाभ मिलेगा। महाविद्यालय का प्रयास है कि जल्द ही प्रबंधन के पाठ्यक्रम भी शुरु किए जाएं। ‘‘

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के एक अत्यंत पिछड़े क्षेत्र प्रतापगढ़ जनपद की कुण्डा  तहसील में जगद्गुरु श्रीकृपालुजी महाराज की प्रेरणा से स्थापित जगद्गुरू कृपालु परिषत् एजूकेशन ने बालिका शिक्षा की जो अलख जगाई है, वह अपने आप में बेमिसाल है। श्रीमहाराज जी के ब्रह्मलीन होने के बाद उनके द्वारा चलाए जा रहे सभी सेवा कार्यों को उनकी ज्येष्ठ सुपुत्री व जगद्गुरू कृपालु परिषत् की अध्यक्षा सुश्री विशाखा त्रिपाठी ने बखूबी संभाला है। जगद्गुरू कृपालु एजूकेशन परिषत् प्राइमरी से लेकर पोस्ट ग्रेजुएट स्तर तक की निःशुल्क शिक्षा की व्यपवस्था अपने संस्थानों कृपालु बालिका प्राईमरी स्कूल, कृपालु बालिका इंटरमीडिएट कालेज एवं कृपालु महिला महाविद्यालय के द्वारा करता है। लगभग 5000 छात्राओं को इन संस्थानों द्वारा शिक्षा प्रदान की जाती है जिसमें बड़ी संख्या  अल्प्संख्यक समाज के बालिकाओं की भी है ।

इन विद्यालयों में पांच हजार से अधिक छात्राएं शिक्षा प्राप्त करती हैं। परिषत् इन छात्राओं को विद्यालय आने-जाने के लिए निःशुल्कक परिवहन की व्यवस्थां करता है। शिक्षा से संबंधित सभी सामग्रियां जैसे यूनीफार्म, स्टेशनरी, लंच बाक्स, वाटर बोतल,साईकिल आदि भी निःशुल्कन उपलब्ध कराई जाती हैं तथा छात्राओं से किसी भी प्रकार की फीस नहीं ली जाती। इस पिछड़े क्षेत्र में बालिका शिक्षा के प्रति लोगों के कम रूझान के मद्देनजर परिषत् के कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों से अपनी बेटियों को शिक्षित करने के प्रति जागरूक भी करते हैं और उनको परिषत् के विद्यालयों में निःशुल्क  प्रवेश दिलाने के लिए प्रेरित भी करते हैं। परिषत का यह प्रयास है कि निर्धनता किसी भी बालिका की शिक्षा के आड़े नहीं आए । इस वर्ष शैक्षणिक सामग्री वितरण कार्यक्रम 21 जुलाई को संपन्न हुआ जिसमें समस्त छात्राओं को स्कूल बैग, रेनकोट, नोटबुक तथा शिक्षण के कार्य में प्रयुक्त होने वाली वस्तुएं निःशुलक प्रदान की गई ।

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मई-जून में होगी झारखंड पात्रता परीक्षा, जेपीएससी ने जारी की अधिसूचना

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रांची। विवि में असिस्टेंट प्रोफेसर और पीएचडी प्रवेश परीक्षा के लिए राज्य में 17 वर्ष बाद झारखंड पात्रता परीक्षा (जेट) का आयोजन मई/जून 2024 में किया जायेगा. झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) ने इस आशय की सूचना गुरुवार को जारी कर दी है. आयोग ने स्पष्ट किया है कि इसके लिए आवेदन भरने के लिए विस्तृत सूचना शीघ्र ही आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध करा दी जायेगी.

जेट का आयोजन रूल फॉर झारखंड इलिजिबिलिटी टेस्ट फॉर असिस्टेंट प्रोफेसर एंड एडमिशन इन पीएचडी इन यूनिवर्सिटी एंड कॉलेज ऑफ झारखंड-2024 के तहत किया जायेगा. जेपीएससी द्वारा इससे पूर्व पहली बार वर्ष 2007 में जेट का आयोजन किया गया था. हालांकि, इस परीक्षा में अनियमितता की शिकायत की जांच अब भी सीबीआइ द्वारा की जा रही है.

जेट में कुल 43 विषयों को शामिल किया गया है. परीक्षा का आयोजन कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट (सीबीटी) मोड पर लिया जायेगा. दो पेपर की परीक्षा होगी. प्रथम पेपर 100 अंक की होगी. इसमें 50 प्रश्न पूछे जायेंगे. इनमें मुख्य रूप से टीचिंग/रिसर्च एप्टिट्यूड, रिजनिंग एबिलिटी, रीडिंग कंप्रींहेंस आदि से संबंधित प्रश्न होंगे. जबकि, द्वितीय पत्र की परीक्षा 200 अंकों की होगी. इसमें 100 प्रश्न पूछे जायेंगे.

इस पत्र में अभ्यर्थी द्वारा लिये गये विषय से संबंधित प्रश्न पूछे जायेंगे. दोनों पत्र की परीक्षा तीन घंटे में होगी. एक पेपर व दूसरे पेपर के बीच कोई ब्रेक नहीं होगा. सभी प्रश्न का हल करना अनिवार्य है. प्रत्येक प्रश्न दो अंक के होंगे. गलत उत्तर पर निगेटिव मार्किंग नहीं होगी. शुल्क सहित परीक्षा के आयोजन के लिए स्टेयरिंग कमेटी का गठन किया जा रहा है. इस कमेटी के अध्यक्ष आयोग की अध्यक्ष होंगी. इसके अलावा रोटेशन के आधार पर दो विवि के कुलपति, दो प्रोफेसर (विज्ञान व ह्यूमिनिटिज), राज्य सरकार के प्रतिनिधि, आयोग के सदस्य सचिव होंगे.

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