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प्रादेशिक

कुमार विश्वास पर आप को तोड़ने की कोशिश का लगा आरोप

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आम आदमी पार्टी (आप), विधायक अमानतुल्ला खान, कुमार विश्वास, भाजपा

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 नई दिल्ली । आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक अमानतुल्ला खान ने रविवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता कुमार विश्वास पर आरोप लगाया कि वह पार्टी तोड़ने की साजिश रच रहे हैं और उन्होंने कुछ विधायकों से 30-30 करोड़ रुपये के बदले भाजपा में शामिल होने के लिए कहा है।

आम आदमी पार्टी (आप), विधायक अमानतुल्ला खान, कुमार विश्वास, भाजपा

खान ने व्हाट्सएप पर एक संदेश जारी किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि विश्वास ने कुछ आप विधायकों को भारतीय जनता पार्टी की तरफ से इस पेशकश के साथ अपने घर बुलाया है।

ओखला के विधायक ने कहा, “कुमार विश्वास ने कुछ विधायकों को बुलाया और कहा कि उन्हें पार्टी का संयोजक बनाया जाना चाहिए।”

उसके बाद उन्होंने विधायकों के सामने दूसरा प्रस्ताव भाजपा में शामिल होने का रखा, जो प्रत्येक विधायक को 30-30 करोड़ रुपये देने का तैयार है।

खान ने कहा, “मुझे लगता है कि यह सब भाजपा के इशारे पर किया जा रहा है।” उन्होंने कहा कि आप के चार विधायकों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है और वे कुमार विश्वास से विधायकों की मुलाकात का बंदोबस्त करा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि इन चारों विधायकों ने एक अनाम मंत्री के आवास पर बैठक की। खान ने कहा कि 10 अनाम विधायकों ने यह जानकारी उन्हें दी। खान ने कहा कि उन्होंने इसलिए यह संदेश प्रसारित किया है, क्योंकि विश्वास आप को तोड़ना चाहते हैं।

कुमार विश्वास ने शुक्रवार को एक टीवी साक्षात्कार में कहा था कि पार्टी दिल्ली नगर निगम चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद अपने नेतृत्व परिवर्तन पर विचार करने में नहीं हिचकेगी। उन्होंने कहा था कि चुनावी हार के लिए पूरी तरह ईवीएम को दोष देना गलत है, क्योंकि जनता में पार्टी को लेकर अविश्वास है।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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