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खेल-कूद

कुछ खास था यह विश्वकप

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अमान जावेद 

क्रिकेट विश्व कप का सफर पूरा हो चुका है। कहीं करोड़ों सपने टूटे तो कहीं परवान चढ़े। देखते ही देखते ऑस्ट्रेलिया ने पांचवीं बार ट्रॉफी कर कब्जा कर वनडे क्रिकेट में अपनी बादशाहत कायम कर ली। फाइनल में भावनाएं जरूर न्यूजीलैंड के साथ थीं लेकिन 22 गज की पट्टी पर जो टीम बेहतर खेली, वह चैम्पियन बनी।न्यूजीलैंड का पहली बार विश्वविजेता बनने का सपना बिखर गया। यह विश्‍व कप कई मायनों में खास कहा जाएगा। गत चैम्पियन भारत के दृष्टिकोण से देखें तो सेमीफाइनल तक की उसकी रेस स्वप्न सरीखी रही लेकिन बेहद मजबूत ऑस्ट्रेलिया के सामने उसकी उम्मीदों पर पानी फिर गया। इस मैच में खेल से ज्यादा विराट कोहली और अनुष्का शर्मा चर्चा में रहे। मैच में विराट कोहली मात्र 13 गेंदों पर 1 रन बना कर पवेलियन लौट गए। इस विकेट के बाद तो मानो पूरे देश में कयामत आ गई। क्रिकेट प्रशंसकों का विराट से खफा होना तो समझ आता है लेकिन मैच देखने सिडनी पहुंचीं अनुष्का को निशाना बनाया जाना समझ से परे रहा। सोशल मीडिया पर अनुष्का से जुड़े चुटकुलों की बाढ़ आ गई। ऐसा लग रहा था मानो विराट के साथ अनुष्का पिच पर खेलने गई थीं। यह भी नहीं भूलना चाहिए कि विराट अकेले हार के लिए दोषी नहीं थे। टीम में 10 अन्य खिलाड़ी भी खेल रहे थे। वह भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के उत्तराधिकारी भी माने जाते हैं। ऐसे में इस तरह की मुखर आलोचना उनका मनोबल तोड़ सकती है।

कुछ विवादास्पद फैसलों को लेकर भी ये विश्व कप याद किया जाएगा। भारत ने बांग्लादेश को नॉकआउट राउंड में बाहर का रास्ता तो दिखा दिया परंतु बांग्लादेशी प्रसंशकों को यह रास नहीं आया। रोहित शर्मा बांग्लादेश के गेंदबाज़ रूबेल हुसैन की फुल टॉस पर कैच हुए लेकिन अंपायर को लगा शायद बॉल बेहद ऊंची हैं और उसे नो बॉल क़रार दिया। रोहित शर्मा नॉटआउट रहे लेकिन रिप्ले में पता चला कि गेंद कमर की ऊंचाई तक थी और नो बॉल नहीं थी। इस बात ने बेहद तूल पकड़ा। यहां तक कि आईसीसी के अध्यक्ष बांग्लादेश के मुस्तफा कमाल ने अम्पायरों की निष्पक्षता पर ही सवाल खड़े कर दिए। इससे भी एक कदम आगे बढ़कर बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने इसी निर्णय को टीम की हार का कारण माना। इसके अलावा पाकिस्तान की क्वार्टर फाइनल में हार के बाद गुस्साई जनता का टीवी सेटों को तोड़ना भी सुर्खियों में रहा।

विश्व कप खत्म होने के साथ उसके फार्मेट को लेकर जरूर आलोचना की जा रही है। कुछ लोग इसे बोरिंग यानी उबाऊ विश्व कप बता रहे हैं। उनकी दलील है कि 49 में से महज पांच मैच ही ऐसे रहे जिनमें क्रिकेट का रोमांच नजर आया। द. अफ्रीका और न्यूजीलैंड के बीच खेला गया सेमीफाइनल इस विश्व कप का सर्वश्रेष्ठ मैच करार दिया जा रहा है। इसके अलावा समूह चरण में ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड का मुकाबला भी खासा रोचक रहा। इसी सूची में जिम्बाब्वे बनाम आयरलैंड, स्कॉटलैंड बनाम अफगानिस्तान और इंग्लैंड बनाम ऑस्ट्रेलिया मुकाबलों को गिना जा रहा है। इनके अलावा कोई मैच ऐसा नहीं रहा, जब दर्शक अपने पैसे वसूल कर सके। मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर खेला गया फाइनल मुकाबला भी एकतरफा रहा। एक बार भी नहीं लगा कि दो बराबर की टीमों का मुकाबला हो रहा है। कहीं न कहीं इसे वनडे प्रारूप में बदलाव की जरूरत के रूप में भी समझा जा सकता है।

ये विश्व कप कई दिग्गज खिलाड़ियों की विदाई के रूप में भी जाना जाएगा। ऑस्ट्रेलिया के कप्तान माइकल क्लार्क ने जरूर अपनी विदाई को शानदार बना लिया। पाकिस्तान के दिग्गज खिलाड़ी शाहिद अफरीदी और मिस्बाह उल हक, श्रीलंका के महेला जयवर्धने और कुमार संगकारा, न्यूजीलैंड के डेनियल विटोरी अपनी-अपनी टीमों को जीत तो नहीं दिला सके लेकिन अपने देश का प्रतिनिधिव करना भी कम महत्वपूर्ण नहीं रहा। बहुत हद तक महेंद्र सिंह धोनी का भी यह आखिरी विश्वकप था। अगर भारतीय टीम के प्रदर्शन की बात करें तो टीम इंडिया ने लगातार 7 मुकाबले जीतकर सेमीफाइनल में जगह बनाई, साथ ही लगातार 11 विश्व कप मुकाबले जीतने का रिकॉर्ड भी दर्ज किया। इसमें चार मैच पिछले विश्व कप के भी शामिल रहे। भारत ने टूर्नामेंट के अपने सभी 7 मैचों में किसी भी टीम को 50 ओवर नहीं खेलने दिया व सभी टीमों को ऑलआउट करने का रिकॉर्ड बनाया। पहली बार विश्व कप क्वॉर्टर फाइनल में चार एशियाई टीमें पहुंचने में सफल रहीं। भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान और श्रीलंका सभी क्वॉर्टर फाइनल में पहुंचे लेकिन सिर्फ टीम इंडिया ही सेमीफाइनल तक पहुंचने में सफल हुई। फिलहाल अब टीमों के लिए वक्त है अपनी कमियों को सुधारने का। जो टीम आज से नई रणनीति के साथ तैयारियों में जुटेगी वहीं अपने कल को सुनहरा बना पाएगी।

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आईपीएल से पहले अयोध्या पहुंचे दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेटर केशव महाराज, राम लला के किए दर्शन

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अयोध्या। आईपीएल शुरू होने से पहले दक्षिण अफ्रीकी स्पिनर केशव महाराज अयोध्या पहुंचे और उन्होंने राम लला के दर्शन किए। उन्होंने अपनी तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की है। IPL 2024 में महाराज लखनऊ सुपर जायंट्स के बल्लेबाजों की मदद करते नजर आएंगे और पूरे सीजन टीम के साथ रहेंगे। केशव महाराज काफी धार्मिक क्रिकेटर हैं। उन्होंने राम मंदिर में दर्शन के बाद इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर शेयर की। तस्वीर के साथ कैप्शन में उन्होंने लिखा, “जय श्री राम, सभी को आशीर्वाद।”

इस साल की शुरुआत में ही केशव महाराज में राम मंदिर के दर्शन की इच्छा जताई थी। SA20 में वह लखनऊ सुपर जाइंट्स की सिस्टर फ्रेंचाइजी डरबन सुपर जाइंट्स का हिस्सा हैं। अक्सर देखा गया है कि महाराज जब मैदान पर बल्लेबाजी के लिए उतरते हैं तो ‘राम सिया राम’ भजन प्ले किया जाता है। इस पर महाराज ने बताया था कि इससे उनका ध्यान क्रेंद्रित होता है।

महाराज ने कहा था, “भगवान में मेरी आस्था बहुत दृढ़ है। मैं हमेशा मानता हूं कि भगवान ने मुझे दृष्टिकोण और मार्गदर्शन दिया है और मुझे उस स्थिति में रखा है जहां मैं आज हूं। मैं हमेशा आभारी हूं और धन्यवाद देता हूं। मैं भगवान हनुमान और भगवान राम का भक्त हूं।”

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