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काम न आया मनोज तिवारी का पराक्रम, पुणे सात रन से हारा

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नई दिल्ली। दिल्ली डेयरडेविल्स ने अपने घर में शानदार हरफनमौला प्रदर्शन करते हुए इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 10वें संस्करण के 52वें मैच में शुक्रवार को राइजिंग पुणे सुपरजाएंट को रोमांचक मुकाबले में सात रनों से हरा दिया।

दिल्ली ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए करुण नायर की 64 रनों का पारी के दम पर निर्धारित 20 ओवरों में आठ विकेट खोकर 168 रन बनाए थे। पुणे की टीम काफी प्रयास के बावजूद 20 ओवर खेलने के बाद सात विकेट खोकर 161 रन ही बना सकी।

आखिरी ओवर में उसे 25 रन की जरूरत थी, मनोज तिवारी (60) ने इस ओवर में दो छक्के और एक चौका मार पुणे को जीत दिलाने की भरपूर कोशिश की लेकिन वह सफल नहीं हो सके। आखिरी गेंद पर पैट कमिंस ने उन्हें बोल्ड किया। उन्होंने 45 गेंदें खेलीं और पांच चौके तथा तीन छक्के लगाए।

इस जीत के बाद अब पुणे को प्लेऑफ में क्वालीफाई करने के लिए रविवार को किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ होने वाले मैच में हर हाल में जीत दर्ज करनी होगी।

लक्ष्य का पीछा करने उतरी पुणे की शुरूआत खराब रही और पहली गेंद पर जहीर खान ने अजिंक्य राहणे को बोल्ड कर दिया। राहुल त्रिपाठी (7) इस मैच में असफल रहे और 36 के कुल स्कोर पर जहीर की गेंद पर विकेट के पीछे ऋषभ पंत को कैच देकर पवेलियन लौट गए।

कप्तान स्टीवन स्मिथ (38) ने तिवारी के साथ मिलकर टीम को संभालने की कोशिश की। इन दोनों की साझेदारी जब मजबूत हो रही थी तभी शाहबाज नदीम ने 74 के कुल स्कोर पर स्मिथ को पवेलियन भेज पुणे को बड़ा झटका दिया। इसके बाद तिवारी का साथ देने आए बेन स्टोक्स ने सूझबूझ भरी पारी खेली और अहम समय पर चौथे विकेट के लिए 51 रनों की साझेदारी कर टीम का स्कोर 125 तक पहुंचाया।

इसी स्कोर पर शमी की गेंद पर बड़ा शॉट खेलने के प्रयास में स्टोक्स सीमा रेखा पर कोरी एंडरसन के हाथों लपके गए। उन्होंने 25 गेंदों में तीन चौके और दो छक्कों की मदद से 33 रनों की पारी खेली।

महेंद्र सिंह धौनी (5) से पूरी टीम को काफी उम्मीदें थीं, लेकिन रन लेने की जल्दबाजी में वह रन आउट हो गए। उन्हें शमी ने शॉर्ट फाइनलेग से दूसरे छोर पर सीधा थ्रो मार कर पवेलियन का रास्ता दिखाया।

उनके बाद आए डेनियल क्रिस्टियन (3) को शमी ने पगबाधा किया। एंडरसन 19वें ओवर की दूसरी गेंद पर 138 के कुल स्कोर पर आउट हुए। दिल्ली की तरफ से जहीर और शमी ने दो-दो विकेट लिए। नदीम और कमिंस ने एक-एक विकेट लिए।

इससे पहले पहली पारी खेलने उतरी दिल्ली की शुरूआत खराब रही। संजू सैमसन (2) और पिछले मैच के हीरो श्रेयस अय्यर (3) नौ के कुल स्कोर तक ही पवेलियन लौट गए थे।

इसके बाद ऋषभ पंत ने नायर का अच्छा साथ दिया और तीसरे विकेट के लिए 6.4 ओवरों में 11.10 की औसत से 74 रनों की साझेदारी की। इन दोनों ने जिस अंदाज में बल्लेबाजी शुरू की उसे कायम रखा और पुणे के गेंदबाजों पर लगातार बड़े शॉट खेलते रहे। नौवां ओवर लेकर आए एडम जाम्पा की पहली गेंद पर पंत ने चौका मारा और फिर चौथी गेंद पर मिडविकेट पर छक्का लेकिन अगली ही गेंद पर एक और बड़ा शॉट मारने के प्रयास में वह क्रिस्टियन के हाथों लपके गए। पंत ने 22 गेंदों में चार चौके और दो छक्कों की मदद से 36 रन बनाए।

पंत के जाने के बाद आए मार्लन सैमुएल्स जब लय में आते नजर आ रहे थे तभी 27 रनों के निजी स्कोर पर क्रिस्टियन की गेंद पर धौनी ने उनका शानदार कैच पकड़ा। सैमुएल्स ने 21 गेदों में दो छक्के और एक चौका लगाया।

एंडरसन (3) कुछ कर पाते इससे पहले ही धौनी ने सुंदर की गेंद पर पलक झपकते ही उनकी गिल्लियां बिखेरीं। इसी ओवर में एक गेंद बाद नायर ने अपने पचास रन पूरे किए, जिसके लिए उन्होंने 37 गेंदें खेलीं। यह नायर का इस आईपील में पहला अर्धशतक है। पैट कमिंस (11) को स्टोक्स ने बोल्ड किया। वह 140 के कुल स्कोर पर पवेलियन लौटे।

नायर को स्टोक्स ने 162 के कुल स्कोर पर आउट किया। बड़ा शॉट खेलने गए नायर के बल्ले का गेंद ने ऊपरी किनारा लिया और उनादकट ने पीछे भागते हुए उनका शानदार कैच पकड़ा। नायर ने 45 गेंदों में नौ चौकों की मदद से शानदार पारी खेली।

मोहम्मा शमी ने दो रन बनाए। अमित मिश्रा 13 रन बनाकर नाबाद लौटे। पुणे की ओर से जयदेव उनादकट और बेन स्टोक्स ने दो-दो विकेट लिए जबकि एडम जाम्पा, वाशिंगटन सुंदर और डेनियल क्रिस्टीयन को एक-एक सफलत मिली।

नेशनल

दूसरे चरण में धार्मिक ध्रुवीकरण के समीकरण का चक्रव्यूह भेद पाएंगे मोदी!

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सच्चिदा नन्द द्विवेदी एडिटर-इन-चीफ

लखनऊ। राजस्थान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि अगर कांग्रेस केंद्र में सत्ता में आती है, तो वह लोगों की संपत्ति लेकर मुसलमानों को बांट देगी. इसके बाद ही विकास की रफ्तार पर चलने वाला चुनाव दूसरे चरण के पहले हिन्दू मुस्लिम के बीच बंट गया है। दरअसल मोदी का ये बयान यूं ही नहीं आया है, दूसरे चरण में जहां जहां मतदान होना है वहाँ की बहुतायत सीटों पर मुस्लिम मतदाता निर्णायक स्थिति में है… इसमें राहुल गांधी की वायनाड सीट भी है जहां मुस्लिम वोटर करीब 50 फीसदी है।

26 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान होना है। पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को हो चुका है जिसमें कम मतदान प्रतिशत ने सत्तारूढ़ बीजेपी के केन्द्रीय नेतृत्व को चिंता में डाल दिया है। दूसरे चरण में 88 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हैं। केरल की सभी 20 लोकसभा सीटों पर इसी चरण में मतदान हो जाएगा। कर्नाटक की 14 और राजस्थान की 13 लोकसभा सीटों पर भी मतदान होगा।

इसके पहले कि मोदी के बयान के गूढ़ार्थ को समझा जाए एक बार दूसरे चरण की सीटों का गणित समझना जरूरी हो जाता है। इसमें सबसे ज्यादा जरूरी है केरल राज्य जहां पर चल रहे लव जिहाद के किस्से और धार्मिक ध्रुवीकरण के समीकरण का चक्रव्यूह आज तक बीजेपी नहीं भेद पाई है। केरल में हिन्दू आबादी करीब 54 फीसदी है तो मुस्लिम आबादी करीब 26 फीसदी तो ईसाई वहां 18 फीसदी हैं। जबकि सिख बौद्ध और जैन महज 1 फीसदी हैं। यही वो धार्मिक समीकरण का तिलिस्म हैं जिसे बीजेपी इस बार तोड़ने का प्रयास कर रही हैं।

इतना ही नहीं केरल में करीब 15 लोकसभा सीट ऐसी हैं मुस्लिम बहुतायत में हैं। वहीं वायनाड में तो मुस्लिम आबादी करीब 50 फीसदी है जहां से राहुल गांधी पिछले बार जीत कर सांसद चुने गए थे और इस बार भी वायनाड़ के रास्ते दिल्ली पहुंचना चाहते हैं। राज्यवार नजर डालें तो पिक्चर काफी हद तक साफ हो जाती है। आखिर शब्दों पर संयम रखने वाले मोदी ने चुनावी फिजा बदलने वाला ये बयान क्यों दिया? इसके लिए इन सीटों पर नजर डालिए।

इन सीटों पर दूसरे चरण में मतदान

असम: दर्रांग-उदालगुरी, डिफू, करीमगंज, सिलचर और नौगांव।
बिहार: किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, भागलपुर और बांका।
छत्तीसगढ़: राजनांदगांव, महासमुंद और कांकेर।
जम्मू-कश्मीर: जम्मू लोकसभा ।
कर्नाटक: उडुपी-चिकमगलूर, हासन, दक्षिण कन्नड़, चित्रदुर्ग, तुमकुर, मांड्या, मैसूर, चामराजनगर, बेंगलुरु ग्रामीण, बेंगलुरु उत्तर, बेंगलुरु केंद्रीय, बेंगलुरु दक्षिण,चिकबल्लापुर और कोलार।
केरल: कासरगोड, कन्नूर, वडकरा, वायनाड, कोझिकोड, मलप्पुरम, पोन्नानी, पलक्कड़, अलाथुर, त्रिशूर, चलाकुडी, एर्णाकुलम, इडुक्की, कोट्टायम, अलाप्पुझा, मवेलिक्कारा, पथानमथिट्टा, कोल्लम, अट्टिंगल और तिरुअनंतपुरम।
मध्य प्रदेश: टीकमगढ़, दमोह, खजुराहो, सतना, रीवा और होशंगाबाद।
महाराष्ट्र: बुलढाणा, अकोला, अमरावती, वर्धा, यवतमाल- वाशिम, हिंगोली, नांदेड़ और परभणी।
राजस्थान: टोंक-सवाई माधोपुर, अजमेर, पाली, जोधपुर, बाड़मेर, जालोर, उदयपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, भीलवाड़ा, कोटा और झालावाड़-बारा।
त्रिपुरा: त्रिपुरा पूर्व।
उत्तर प्रदेश: अमरोहा, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़ और मथुरा।
पश्चिम बंगाल: दार्जिलिंग, रायगंज और बालूरघाट।

दरअसल देश की 543 लोकसभा सीटों में से 65 सीटें ऐसी हैं जहां मुस्लिम वोटर जीत और हार में बड़ी भूमिका निभाते हैं। ये वो सीटें हैं जहां मुस्लिम वोटरों की संख्या 30 फीसदी से लेकर 80 फीसदी तक है। वहीं, करीब 35-40 लोकसभा सीटें ऐसी हैं जहां इनकी मुस्लिम समुदाय के वोटरों की अच्छी खासी संख्या है। यानि करीब 100 लोकसभा सीट ऐसी हैं जहां अगर वोटों का ध्रुवीकरण हो गया तो भाजपा के लिए उसके लक्ष्य 400 के आंकड़े को हासिल करना आसान हो जाएगा। ऐसे में एक बार फिर ये साफ हो गया विपक्षी कितनी भी कोशिश कर लें वो चुनाव बीजेपी की पिच पर ही लड़ने को मजबूर हैं।

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