नेशनल
काटजू ने दिया विवादित बयान, पलानीस्वामी को बताया कठपुतली
नई दिल्ली। अपने बयानों को लेकर विवादों में रहने वाले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मार्कंडेय काटजू एक बार फिर अपनी फेसबुक पोस्ट को लेकर चर्चा में हैं। जस्टिस काटजू ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई पलानीस्वामी को एआईएडीएमके की महासचिव शशिकला की कठपुतली बताया है।
जस्टिस काटजू ने तमिल समुदाय को अपनी फेसबुक पोस्ट में खुला खत लिखा है। उन्होंने लिखा है कि पलानीस्वामी को सीएम के तौर पर स्वीकार करना अपमान की बात है। जस्टिस काटजू ने कहा, जेल में बंद शशिकला के कठपुतली को आपका मुख्यंत्री बना दिया गया है और आपने कुछ भी नहीं किया।
बता दें, जस्टिस काटजू अपने आपको गर्व के साथ तमिल बताते हैं। लेकिन उन्होंने पोस्ट में कहा है कि पलानीस्वामी जब तक तमिलनाडु के सीएम रहेंगे, वे तमिल समुदाय के सदस्य नहीं रहेंगे। फेसबुक पर काटजू ने लिखा, जब तक पलानीस्वामी तमिल लोगों के मुख्यमंत्री रहेंगे, मैं तमिल नहीं रहूंगा।
मैं ऐसे लोगों के समुदाय का सदस्य रहना नहीं चाहता, जहां लोग अपमान और जल्लात की जिंदगी जीने पर कोई ऐतराज नहीं जताते। बता दें, पलानीस्वामी ने हाल ही में विधानसभा में बहुमत हासिल किया था। पलानीस्वामी को 122 विधायकों का समर्थन मिला था, जबकि पन्नीरसेल्वम को केवल 11 लोगों का समर्थन मिला था।
पलानीस्वामी के बहुमत के दौरान विधानसभा में काफी हंगामा हुआ था। डीएमके के विधायकों ने सदन में काफी हंगामा मचाया था, इस दौरान एक दूसरे पर कुर्सियां फेंकी गई, टेबल तोड़ दिया गया। साथ ही विधानसभा के स्पीकर धनपाल ने दावा किया था कि उसके साथ सदन में बदतमिजी गई थी। इस दौरान दो बार सदन को स्थगित किया गया। बाद में डीएमके के विधायकों को सदन से बाहर कर दिया गया।
उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
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