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नेशनल

जवान की पिटाई का वीडियो वायरल, हमलावरों ने वर्दी भी फाड़ी

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एयरफोर्स जवान, पिटाई, वीडियो वायरल, वर्दी फाड़ी

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नई दिल्ली। दिल्ली में एयरफोर्स के जवान की कुछ लड़कों ने बेरहमी से पिटाई कर दी। बात बस इतनी थी कि  बाइक पर सवार एयरफोर्स के जवान की बाइक की एक कार से हल्की सी टच हो गई। घटना के वक़्त जवान अपनी वर्दी में था। आरोपियों ने उसकी वर्दी तक फाड़ डाली और उसका आईकार्ड भी लूट लिया।

एयरफोर्स जवान, पिटाई, वीडियो वायरल, वर्दी फाड़ी

पुलिस के मुताबिक तुगलकाबाद इलाके में एयरफोर्स में तैनात सुजॉय कुमार सिकंदर 20 अप्रैल को महरौली बदरपुर रोड पर चल रहे थे। इस बीच उनकी बाइक गलती से एक स्विफ्ट कार से टकरा गई। इस पर स्विफ्ट कार सवार लोगों ने आपा खो दिया। इन लोगों ने बत्रा हॉस्पिटल के पास बाइक सवार को ओवरटेक कर रोक लिया। कार सवार 2 लड़कों ने एयरफोर्स के जवान को बुरी तरह पीटना शुरू कर दिया। इसी बीच सेंट्रो कार में एक लड़का आया और उसने भी जवान की पिटाई शुरू कर दी। तीनों ने उसे घसीटकर उसका आईकार्ड और बाइक की आरसी भी लूट ले गए।

पिटाई का यह वीडियो किसी ने अपने मोबाइल पर शूट किया जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। हर कोई सेना के सम्मान और आरोपियों के खिलाफ कड़ी करवाई की मांग करने लगा। इसके बाद एयरफोर्स के जवान ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने जवान की शिकायत पर संगम विहार थाने में मामला कर 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

आरोपियों में नितिन गुप्ता, मालवीय नगर का रहने वाला है जो दूध की सप्लाई करता है। दूसरा आरोपी ईसा संगम विहार का रहने वाला है और एक होटल में स्टोर कीपर है। तीसरा आरोपी नीरज एक क्लब में बाउंसर है। पुलिस के मुताबिक लूटा गया सभी सामान भी बरामद कर लिया गया है।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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