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एपल के आईफोन 8 में होंगे बड़े बदलाव
सैन फ्रांसिसको। आईफोन 8 के एक नए आरेख (डाइग्राम) से पता चलता है कि एपल फिंगरप्रिंट रीडर को फोन के पीछे ले जा सकती है और कैमरा मॉड्यूल भी बदला जा सकता है।
सीएनबीसी डॉट कॉम की गुरुवार की रपट में कहा गया, “फिंगरप्रिंट रीडर का जगह बदलने के अलावा एपल दोहरा कैमरा मॉडयूल भी जोड़ सकती है, जो फोन के पिछले हिस्से में होगा।” कैमरा मॉडयूल में इस बदलाव से कुछ प्रकार की आभासी वास्तविकता (एआर) प्रणाली जोड़ी जाएगी।
अफवाह है कि एपल की अगली पीढ़ी का आईफोन 8 एक बोल्ड नए डिजायन का होगा और इसमें ओएलईडी डिस्प्ले होगा। एपल इनसाइडर डॉट कॉम इस साल की शुरुआत में एक रिपोर्ट में कहा था, “एपल द्वारा ‘इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पेटेंट’ दाखिल करने के दौरान एक विधि का वर्णन किया गया है जिसके द्वारा विभिन्न घटकों को एक डिवाइस स्क्रीन में लगाया जा सकता है, जिसे नंगी आंखों से पता नहीं चलता। इससे इंजीनियर ऐसा स्मार्टफोन या टैबलेट डिजाइन कर सकते हैं तो किनारे से किनारे फुल फेस डिस्प्ले वाला होगा।”
कंपनी अपने स्मार्टफोन में पहली बार ‘ट्रू कलर आईपैड प्रो’ स्क्रीन प्रौद्योगिकी लेकर आ रही है, जो आसपास के प्रकाश के मुताबिक अपनी रंग व चमक को मेल कर लेती है।
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केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन, 70 लाख मोबाइल नंबर हुए सस्पेंड; जानें क्या है कारण
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बड़ा एक्शन लेते हुए 70 लाख मोबाइल नंबर को सस्पेंड कर दिया है। यानी इन मोबाइल नंबर का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अब आपके जेहन में ही यही सवाल आ रहा होगा कि आखिर सरकार की ओर से यह कदम क्यों उठाया गया है। दरअसल, यह कदम बढ़ते डिजिटल फ्रॉड को देखते हुए उठाया गया है।
इस वजह से हुए मोबाइल नंबर सस्पेंड
सस्पेंड किए गए ये वे मोबाइल नंबर थे जो किसी तरह के संदिग्ध लेन-देन से जुड़े थे। दरअसल, इस मामले को लेकर वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने मंगलवार को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के समय में डिजिटल पेमेंट को लेकर हो रही धोखाधड़ी को देखते हुए ऐसा किया गया है। बता दें, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने यह जानकारी डिजिटल पेमेंट को लेकर धोखाधड़ी और इससे जुड़े मुद्दों पर बैठक के बाद दी है।
जनवरी में होगी अगली बैठक
जोशी ने कहा है कि डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं। बैंकों को उनकी प्रक्रियाओं और प्रणालियों को पहले से मजबूत बनाने को कहा गया है। उन्होंने बैठक को लेकर जानकारी देते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर आगे भी बैठकें होती रहेंगी। इसी के साथ मामले पर अगली बैठक अगले साल जनवरी में रखी गई है।
वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS) धोखाधड़ी को लेकर कहा है कि राज्यों को इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है। इसी के साथ राज्य सरकारों को डेटा सुरक्षा को भी मजबूत बनाने पर गौर देना चाहिए।
फ्रॉड के मामले कैसे होंगे कम
विवेक जोशी ने कहा है कि डिजिटल धोखाधड़ी को लेकर जागरुकता बेहद जरूरी है। इस तरह की धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है कि समाज को इन मामलों से अवगत करवाया जाए और जागरुक किया जाए। मालूम हो कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी साइबर धोखाधड़ी को लेकर समाज को जागरुक करने की बात पर जोर दिया था।
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