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एचपी ने दुनिया के पहले मिनी वर्कस्टेशन का अनावरण किया
नई दिल्ली | एचपी इंक ने सोमवार को देश में दुनिया के पहले वर्कस्टेशन का अनावरण किया जिसका नाम जेड2 मिनी रखा गया है। कंपनी ने बताया कि इसे कंप्यूटर एडेड डिजाइन (सीएडी) और अन्य गणना पर आधारित उद्योगों को ध्यान में रखकर विकसित किया गया है। एचपी जेड2 मिनी वर्कस्टेश देश में 25 जनवरी से 72,000 रुपये की कीमत पर बिक्री के लिए उपलब्ध होगा।
कंपनी ने एक बयान जारी कर बताया कि यह केवल 2.3 इंच ऊंचा है और पारंपरिक बिजनेस क्लास टॉवर पीसी से 90 फीसदी छोटा है। यह छह डिस्प्ले का समर्थन करने में सक्षम है।
एचपी इंक, इंडिया के वरिष्ठ निदेशक (पर्सनल सिस्टम्स बिजनेस) केतन पटेल ने बताया, “एचपी जेड2 मिनी वर्कस्टेशन को भविष्य के वर्कस्पेस को ध्यान में रखकर बनाया गया है, जोकि उल्लेखनीय रूप से बहुमुखी है और उच्च स्तर की क्षमता को प्रदर्शित करता है, क्योंकि यह बिजनेस क्लास के पारंपरिक मिनी पीसी की तुलना में दोगुना शक्तिशाली है।”
यह वर्कस्टेशन विंडोज 10 प्रो या लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ आता है। इसमें अगली पीढ़ी का जेओन प्रोसेसर है, जिसके साथ एनवीडिया का प्रोफेशनल ग्राफिक कार्ड और एचपी जेड टर्बो ड्राइव है।
एचपी इंक के उपाध्यक्ष और महाप्रबंधक (वर्कस्टेशन और थिन क्लाइंट्स) जेफ वुड ने बताया, “एचपी जेड2 मिनी दुनिया का पहला वर्कस्टेशन है जो छोटे आइकॉनिक डिजायन में इतनी क्षमता और बहुविज्ञता प्रदान करता है।”
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केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन, 70 लाख मोबाइल नंबर हुए सस्पेंड; जानें क्या है कारण
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बड़ा एक्शन लेते हुए 70 लाख मोबाइल नंबर को सस्पेंड कर दिया है। यानी इन मोबाइल नंबर का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अब आपके जेहन में ही यही सवाल आ रहा होगा कि आखिर सरकार की ओर से यह कदम क्यों उठाया गया है। दरअसल, यह कदम बढ़ते डिजिटल फ्रॉड को देखते हुए उठाया गया है।
इस वजह से हुए मोबाइल नंबर सस्पेंड
सस्पेंड किए गए ये वे मोबाइल नंबर थे जो किसी तरह के संदिग्ध लेन-देन से जुड़े थे। दरअसल, इस मामले को लेकर वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने मंगलवार को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के समय में डिजिटल पेमेंट को लेकर हो रही धोखाधड़ी को देखते हुए ऐसा किया गया है। बता दें, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने यह जानकारी डिजिटल पेमेंट को लेकर धोखाधड़ी और इससे जुड़े मुद्दों पर बैठक के बाद दी है।
जनवरी में होगी अगली बैठक
जोशी ने कहा है कि डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं। बैंकों को उनकी प्रक्रियाओं और प्रणालियों को पहले से मजबूत बनाने को कहा गया है। उन्होंने बैठक को लेकर जानकारी देते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर आगे भी बैठकें होती रहेंगी। इसी के साथ मामले पर अगली बैठक अगले साल जनवरी में रखी गई है।
वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS) धोखाधड़ी को लेकर कहा है कि राज्यों को इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है। इसी के साथ राज्य सरकारों को डेटा सुरक्षा को भी मजबूत बनाने पर गौर देना चाहिए।
फ्रॉड के मामले कैसे होंगे कम
विवेक जोशी ने कहा है कि डिजिटल धोखाधड़ी को लेकर जागरुकता बेहद जरूरी है। इस तरह की धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है कि समाज को इन मामलों से अवगत करवाया जाए और जागरुक किया जाए। मालूम हो कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी साइबर धोखाधड़ी को लेकर समाज को जागरुक करने की बात पर जोर दिया था।
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