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उप्र की 73 सीटों पर आज से नामांकन शुरू, मतदान 11 फरवरी को

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up-election-2017लखनऊ| उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के नामांकन की अधिसूचना मंगलवार को जारी होने के साथ ही सत्ता की जंग शुरूहो गई है। पहले चरण के तहत पश्चिमी उप्र के 15 जिलों की 73 सीटों के लिए 11 फरवरी को मतदान होगा।

अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी पी. के. पांडेय ने बताया कि हर कार्य दिवस पर पूर्वाह्न् 11 बजे से लेकर शाम तीन बजे तक नामांकन दाखिल किए जाएंगे। नामांकन दाखिल करने के लिए रिटर्निग ऑफिसर कार्यालय से 100 मीटर की दूरी पर केवल तीन गाड़ियां ले जाने की इजाजत होगी।

उन्होंने बताया कि एक उम्मीदवार के साथ अधिकतम तीन लोग हो सकते हैं और शपथ पत्र का कोई कॉलम खाली नहीं छोड़ा जा सकेगा।

पहले चरण के तहत शामली जिले की कैराना, थाना भवन, शामली मुजफ्फरनगर की बुढ़ाना, चरथावल, पुरकाजी, मुजफ्फरनगर, खतौली, मीरापुर विधानसभा सीटों पर मतदान होगा। इसके अलावा बागपत जिले की छपरौली, बड़ौत व मेरठ जिले की सिवालखास, सरधना, हस्तिनापुर, किठोर, मेरठ कैंट, मेरठ, मेरठ साउथ विधानसभा सीटों पर मतदान होगा।

गाजियाबाद की लोनी, मुरादनगर, साहिबाबाद, गाजियाबाद, मोदी नगर व गौतमबुद्धनगर की नोएडा, दादरी, जेवर विधानसभा सीट पर भी पहले चरण के तहत ही मतदान होगा।

हापुड़ की धौलाना, हापुड़, गढ़मुक्ते श्वर, बुलंदशहर की सिकंदराबाद, स्याना, अनूपशहर, देबाई, शिकारपुर, खुर्जा के साथ ही अलीगढ़ जिले की खैर, बरौली, अतरौली, छर्रा, कोइल, अलीगढ़, इगलास विधानसभा सीटों पर मतदान होगा।

मथुरा जिले की छाता, मांट, गोवर्धन, मथुरा, बलदेव व हाथरस जिले की हाथरस, सादाबाद, सिकंदर राव व आगरा जिले की एतमादपुर, आगरा कैंट, आगरा साउथ, आगरा नॉर्थ, आगरा ग्रामीण, फतेहपुर सीकरी, खेरागढ़, फतेहाबाद, बाह सीटों पर मतदान होगा।

फिरोजाबाद की टूंडला, जसराना, फिरोजाबाद, शिकोहाबाद, सिरसागंज व एटा जिले की अलीगंज, एटा, मरहरा, जलेसर कासगंज जिले की कासगंज, अमनपुर, पटियाली सीट पर पहले चरण के दौरान मतदान होगा।

पहले चरण के लिए प्रत्याशी 24 जनवरी तक अपना नामांकन कर सकेंगे। नामांकन पत्रों की जांच 25 जनवरी को की जाएगी। 27 जनवरी को नामांकन वापस लिए जा सकेंगे। पहले चरण के तहत 11 फरवरी को मतदान होगा।

नेशनल

दूसरे चरण में धार्मिक ध्रुवीकरण के समीकरण का चक्रव्यूह भेद पाएंगे मोदी!

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सच्चिदा नन्द द्विवेदी एडिटर-इन-चीफ

लखनऊ। राजस्थान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि अगर कांग्रेस केंद्र में सत्ता में आती है, तो वह लोगों की संपत्ति लेकर मुसलमानों को बांट देगी. इसके बाद ही विकास की रफ्तार पर चलने वाला चुनाव दूसरे चरण के पहले हिन्दू मुस्लिम के बीच बंट गया है। दरअसल मोदी का ये बयान यूं ही नहीं आया है, दूसरे चरण में जहां जहां मतदान होना है वहाँ की बहुतायत सीटों पर मुस्लिम मतदाता निर्णायक स्थिति में है… इसमें राहुल गांधी की वायनाड सीट भी है जहां मुस्लिम वोटर करीब 50 फीसदी है।

26 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान होना है। पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को हो चुका है जिसमें कम मतदान प्रतिशत ने सत्तारूढ़ बीजेपी के केन्द्रीय नेतृत्व को चिंता में डाल दिया है। दूसरे चरण में 88 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हैं। केरल की सभी 20 लोकसभा सीटों पर इसी चरण में मतदान हो जाएगा। कर्नाटक की 14 और राजस्थान की 13 लोकसभा सीटों पर भी मतदान होगा।

इसके पहले कि मोदी के बयान के गूढ़ार्थ को समझा जाए एक बार दूसरे चरण की सीटों का गणित समझना जरूरी हो जाता है। इसमें सबसे ज्यादा जरूरी है केरल राज्य जहां पर चल रहे लव जिहाद के किस्से और धार्मिक ध्रुवीकरण के समीकरण का चक्रव्यूह आज तक बीजेपी नहीं भेद पाई है। केरल में हिन्दू आबादी करीब 54 फीसदी है तो मुस्लिम आबादी करीब 26 फीसदी तो ईसाई वहां 18 फीसदी हैं। जबकि सिख बौद्ध और जैन महज 1 फीसदी हैं। यही वो धार्मिक समीकरण का तिलिस्म हैं जिसे बीजेपी इस बार तोड़ने का प्रयास कर रही हैं।

इतना ही नहीं केरल में करीब 15 लोकसभा सीट ऐसी हैं मुस्लिम बहुतायत में हैं। वहीं वायनाड में तो मुस्लिम आबादी करीब 50 फीसदी है जहां से राहुल गांधी पिछले बार जीत कर सांसद चुने गए थे और इस बार भी वायनाड़ के रास्ते दिल्ली पहुंचना चाहते हैं। राज्यवार नजर डालें तो पिक्चर काफी हद तक साफ हो जाती है। आखिर शब्दों पर संयम रखने वाले मोदी ने चुनावी फिजा बदलने वाला ये बयान क्यों दिया? इसके लिए इन सीटों पर नजर डालिए।

इन सीटों पर दूसरे चरण में मतदान

असम: दर्रांग-उदालगुरी, डिफू, करीमगंज, सिलचर और नौगांव।
बिहार: किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, भागलपुर और बांका।
छत्तीसगढ़: राजनांदगांव, महासमुंद और कांकेर।
जम्मू-कश्मीर: जम्मू लोकसभा ।
कर्नाटक: उडुपी-चिकमगलूर, हासन, दक्षिण कन्नड़, चित्रदुर्ग, तुमकुर, मांड्या, मैसूर, चामराजनगर, बेंगलुरु ग्रामीण, बेंगलुरु उत्तर, बेंगलुरु केंद्रीय, बेंगलुरु दक्षिण,चिकबल्लापुर और कोलार।
केरल: कासरगोड, कन्नूर, वडकरा, वायनाड, कोझिकोड, मलप्पुरम, पोन्नानी, पलक्कड़, अलाथुर, त्रिशूर, चलाकुडी, एर्णाकुलम, इडुक्की, कोट्टायम, अलाप्पुझा, मवेलिक्कारा, पथानमथिट्टा, कोल्लम, अट्टिंगल और तिरुअनंतपुरम।
मध्य प्रदेश: टीकमगढ़, दमोह, खजुराहो, सतना, रीवा और होशंगाबाद।
महाराष्ट्र: बुलढाणा, अकोला, अमरावती, वर्धा, यवतमाल- वाशिम, हिंगोली, नांदेड़ और परभणी।
राजस्थान: टोंक-सवाई माधोपुर, अजमेर, पाली, जोधपुर, बाड़मेर, जालोर, उदयपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, भीलवाड़ा, कोटा और झालावाड़-बारा।
त्रिपुरा: त्रिपुरा पूर्व।
उत्तर प्रदेश: अमरोहा, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़ और मथुरा।
पश्चिम बंगाल: दार्जिलिंग, रायगंज और बालूरघाट।

दरअसल देश की 543 लोकसभा सीटों में से 65 सीटें ऐसी हैं जहां मुस्लिम वोटर जीत और हार में बड़ी भूमिका निभाते हैं। ये वो सीटें हैं जहां मुस्लिम वोटरों की संख्या 30 फीसदी से लेकर 80 फीसदी तक है। वहीं, करीब 35-40 लोकसभा सीटें ऐसी हैं जहां इनकी मुस्लिम समुदाय के वोटरों की अच्छी खासी संख्या है। यानि करीब 100 लोकसभा सीट ऐसी हैं जहां अगर वोटों का ध्रुवीकरण हो गया तो भाजपा के लिए उसके लक्ष्य 400 के आंकड़े को हासिल करना आसान हो जाएगा। ऐसे में एक बार फिर ये साफ हो गया विपक्षी कितनी भी कोशिश कर लें वो चुनाव बीजेपी की पिच पर ही लड़ने को मजबूर हैं।

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