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बिजनेस

आरबीआई बना रहा शीर्ष 40 डिफॉल्टरों की सूची : जेटली

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योकोहामा। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और संबंधित बैंक मिलकर गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) की समस्या के समाधान के लिए शीर्ष 40 डिफाल्टरों की सूची बना रहा है। इससे पहले शुक्रवार को सरकार ने एक अध्यादेश लाकर केंद्रीय बैंक को इस संबंध में और अधिक अधिकार दिए थे।

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को यहां यह बात कही है। जेटली ने एनडीटीवी से कहा, “आरबीआई बैंकों के साथ मिलकर एक सूची बना रहा है। आरबीआई को यह अधिकार दिया गया है कि वह कर्जदारों से ऋण वसूली के लिए दीवालिया प्रक्रिया शुरू करे और बैंकों द्वारा कर्ज की वसूली के लिए रास्ता सुझाने और सहयोग देने के लिए समिति गठित करे।”

उन्होंने कहा कि बुरे कर्ज की वसूली के लिए यह एक नया प्रयोग किया जा रहा है। मंत्री ने ध्यान दिलाया कि यही एक क्षेत्र है, जो उनसे संभल नहीं रहा है। हालांकि वे इसे पटरी पर लाने का पूरा प्रयास कर रहे हैं।

जेटली ने कहा यह समस्या शीर्ष के 20-30-40 खातों में है। उन्होंने कहा, “या तो इन लोगों को साझेदारी में संयुक्त उद्यम लगाना चाहिए या फिर प्रबंधन में बदलाव लाना चाहिए।”

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मुंबई बना एशिया के अरबपतियों की राजधानी, बीजिंग को पीछे छोड़ा

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मुंबई। मुंबई में अरबपतियों की संख्या बीजिंग से अधिक हो गई है। हुरुन रिसर्च की 2024 ग्लोबल रिच लिस्ट के अनुसार, मुंबई में 92 अरबपति हैं, जबकि बीजिंग में 91 अरबपति हैं। हालांकि चीन में भारत के 271 की तुलना में कुल मिलाकर 814 अरबपति हैं। ग्लोबल लेवल पर, मुंबई अब न्यूयॉर्क के बाद अरबपतियों के मामले में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है, न्यूयार्क में अरबपतियों की संख्या 119 है। लिस्ट के मुताबिक, सात साल बाद लंदन 97 के साथ दूसरे स्थान पर है।

रिपोर्ट में कहा गया है, “मुंबई दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते अरबपतियों की राजधानी है, इस साल इसमें 26 अरबपति शामिल हुए और यह दुनिया में तीसरा व एशिया में अरबपतियों की राजधानी बन गया है। नई दिल्ली पहली बार शीर्ष 10 में शामिल हुई।” भारत की आर्थिक शक्ति उसकी अरबपति आबादी में उल्लेखनीय वृद्धि से और भी अधिक रेखांकित हुई। देश में आश्चर्यजनक रूप से 94 नए अरबपति जुड़े, जो संयुक्त राज्य अमेरिका को छोड़कर किसी भी देश में सबसे अधिक है। कुल मिलाकर यहां 271 अरबपति हो गए। यह उछाल 2013 के बाद से सबसे ज्‍यादा है और भारतीय अर्थव्यवस्था में बढ़ते आत्मविश्‍वास का प्रमाण है।

2024 हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अरबपतियों की संचयी संपत्ति चीन की प्रति अरबपति औसत संपत्ति (3.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर बनाम 3.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर) को पार करते हुए 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गई।

रिपोर्ट में बताया गया है कि उद्योग के लिहाज से फार्मास्युटिकल क्षेत्र 39 अरबपतियों के साथ सबसे आगे है, इसके बाद ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट उद्योग (27) और रसायन क्षेत्र (24) का स्थान है। सामूहिक रूप से भारतीय अरबपतियों की संपत्ति 1 खरब डॉलर के बराबर है, जो वैश्विक अरबपतियों की संपत्ति का 7 फीसदी है, जो देश के पर्याप्त आर्थिक प्रभाव को दर्शाता है।

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