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अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति बने डोनाल्ड ट्रंप 

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वाशिंगटन| डॉनल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स ने उन्हें पद की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण के बाद ट्रंप ने देशवासियों से कहा कि वे उनके लिए अंतिम सांस तक लड़ेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दुनिया से कट्टर इस्लामिक आतंकवाद को पूरी तरह खत्म कर देंगे। ट्रंप ने अपने संबोधन में कहा, “यह समय आपका है, उनका है, जो यहां आए हैं और अमेरिका के लोग जो इसे देख रहे हैं। हम अपना सपना पूरा करेंगे। हम देश का निर्माण करेंगे। नई सड़कें, नए पुल बनाएंगे, क्योंकि अब बात करने का समय खत्म हो चुका है और काम करने का समय आ गया है।”

ट्रंप ने कहा, “आज से अमेरिकी सरजमीं पर एक नए दृष्टिकोण का शासन होगा। आज से केवल अमेरिका पहले होगा। अमेरिका पहले। आज से व्यापार, कर, आव्रजन, विदेश मामले को लेकर कोई भी फैसला अमेरिकी कर्मचारियों और परिवारों के हितों को देखते हुए होगा। आज से हम वॉशिंगटन डीसी से लोगों को ताकत लौटा रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “मैं अपनी अंतिम सांस तक आपके लिए लड़ूंगा और कभी आपका सिर कभी नीचा नहीं होने दूंगा। हम दुनिया से कट्टर इस्लामिक आतंकवाद को पूरी तरह खत्म कर देंगे।”

राष्ट्रपति पद की शपथ लेने से पहले डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट किया कि अमेरिका के राजनीतिक और आर्थिक यथास्थिति को बदलने का काम आरंभ हो रहा है।

खास बात यह है ट्रंप ने शपथ के लिए उसी बाइबिल का इस्तेमाल किया, जिसका राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने किया था। शपथ ग्रहण समारोह में करीब आठ लाख लोग एकत्र हुए।

शपथ समारोह यूएस कैपिटॉल के वेस्ट ग्राउंड्स पर हुआ। कैपिटॉल हिल को अमेरिकी सीक्रेट सर्विस ने अपने सुरक्षा घेरे में ले रखा था।

अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण करने से पहले डोनाल्ड ट्रंप शुक्रवार को यहां प्रार्थना के लिए सैंट जॉन्स एपिसकोपल चर्च पहुंचे। ट्रंप के साथ उनके परिवार के सदस्य मौजूद थे।

ट्रंप और उनकी पत्नी मेलानिया का चर्च के द्वार पर पादरी ने स्वागत किया।

शपथ ग्रहण की तैयारी के लिए देश को एकजुट करने के आह्वान के साथ गुरुवार को ट्रंप के वाशिंगटन में प्रवेश करते ही उनके विरोधियों और पुलिस के बीच झड़प शुरू हो गई। सैकड़ों की संख्या में ट्रंप विरोधी प्रदर्शनकारियों ने प्रेस क्लब भवन के पास सड़क पर आग लगा दी। ट्रंप के समर्थक प्रेस क्लब में जश्न मना रहे थे। दंगा रोकने को तैयार पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को काली मिर्च स्प्रे से जवाब दिया।

इससे पहले लिंकन मेमोरियल में आयोजित एक संगीत कार्यक्रम में ट्रंप ने कहा, “हम देश को एकजुट करने जा रहे हैं और अमेरिका को उसके लोगों के लिए एक बार फिर महान बनाने जा रहे हैं।”

ट्रंप ने गुरुवार शाम लिंकन मेमोरियल पर अपने समर्थकों से कहा, “मैं आपसे वादा करता हूं कि मैं कड़ी मेहनत करूंगा। हम बदलाव करने जा रहे हैं।” उन्होंने कहा कि वह अमेरिका में नौकरियां वापस लाएंगे और सेना व देश की सीमाओं को मजबूत करेंगे।

‘पोलिटिको’ के मुताबिक, ट्रंप ने कहा, “हम कुछ ऐसे बदलाव करने जा रहे हैं, जो हमने अपने देश के लिए कई दशकों से नहीं किया। बदलाव होने जा रहा है। मैं आपसे वादा करता हूं। बदलाव होने जा रहा है।”

सीबीएस न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप गुरुवार को अपने परिवार के साथ शपथ-ग्रहण समारोह के लिए एक विमान से वाशिंगटन पहुंचे।

उपराष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित माइक पेंस के साथ ट्रंप ने अपने दिन की शुरुआत अर्लिगटन नेशनल सीमेंट्री में टॉम्ब ऑफ द अननोन सोल्जर्स पर पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ की।

वहीं डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने से चंद घंटे पहले राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपना विदाई पत्र सोशल नेटवर्किं ग साइट फेसबुक पर साझा किया।

अन्तर्राष्ट्रीय

हेलीकॉप्टर दुर्घटना में केन्या के रक्षा प्रमुख की मौत, राष्ट्रपति ने दिए जांच के आदेश

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नई दिल्ली। केन्या के आर्मी चीफ जनरल फ्रांसिस ओगोला की एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई है। उनके साथ हेलीकॉप्टर पर सवार 9 और लोगों की भी जान चली गई। केन्या के राष्ट्रपति विलियम रुटो ने घटना के संबंध में जानकारी दी। राष्ट्रपति विलियम रुटो ने कहा कि केन्या के रक्षा प्रमुख और नौ अन्य शीर्ष अधिकारियों की गुरुवार को देश के एक दूरदराज के इलाके में एक सैन्य हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु हो गई।

रुटो ने कहा, ‘मुझे केन्या रक्षा बलों के प्रमुख जनरल फ्रांसिस ओमोंडी ओगोला के निधन की घोषणा करते हुए गहरा दुख हो रहा है। दुर्घटना के कारण का पता लगाने के लिए एक जांच टीम गठित की गई है और उन्हें एल्गेयो मराकवेट काउंटी में दुर्घटना स्थल पर भेजा गया है।’

रूटो ने बताया कि जनरल ओगोला केन्या के उत्तरी रिफ्ट क्षेत्र में सैनिकों के साथ बैठक करने और वहां पर चल रहे स्कूल नवीकरण का निरीक्षण करने के लिए गुरुवार को नैरोबी से रवाना हुए थे। उन्होंने कहा, ‘मेरे लिए, केन्या रक्षा बलों के कमांडर-इन-चीफ के रूप में, यह केन्या रक्षा बलों की बिरादरी के लिए एक दुखद क्षण है और यह राष्ट्र के लिए सबसे दुर्भाग्यपूर्ण दिन है। हमारी मातृभूमि ने अपने सबसे बहादुर जनरलों में से एक को खो दिया है।’

राष्ट्रपति ने घोषणा की है कि केन्या में शुक्रवार से तीन दिनों का शोक मनाया जाएगा। केन्या के रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, जनरल ओगोला 1984 में केन्याई रक्षा बलों में शामिल हुए और केन्या वायु सेना में तैनात होने से पहले 1985 में वो दूसरे लेफ्टिनेंट बने थे। राष्ट्रपति के प्रवक्ता हुसैन मोहम्मद के अनुसार, हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद केन्याई राष्ट्रपति ने नैरोबी में देश की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की एक तत्काल बैठक बुलाई है।

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