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प्रादेशिक

अपनी मांगों को लेकर जाट समुदाय का प्रदर्शन

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जाट समुदाय, नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों,उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, दिल्ली

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नई दिल्ली | जाट समुदाय ने आरक्षण की मांग को लेकर अपना आंदोलन तेज कर दिया है। नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण की मांग कर रहे जाट समुदाय के हजारों लोगों ने गुरुवार को नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया।

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उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, दिल्ली और पंजाब से आए प्रदर्शनकारी अपनी मांग को लेकर एकत्रित हुए। उनकी मांग है कि आरक्षण के साथ ही 2016 में आंदोलन के दौरान मारे गए लोगों के परिजनों को नौकरी दी जाए, जाट समुदाय के लोगों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिए जाएं और मामले में शामिल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति (एआईएजेएएसएस)के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा, “हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर सरकार द्वारा हमारी मांगों को नरअंदाज किए जाने के खिलाफ हम प्रदर्शन कर रहे हैं। हम अपनी मांगों को लेकर संसद तक मार्च करेंगे।”

उन्होंने कहा कि जाट समुदाय लंबी लड़ाई के लिए तैयार है। मलिक ने कहा, “सरकार को इसका हल निकालना है, लेकिन हरियाणा सरकार का हमारे प्रति जिस प्रकार का रवैया है, हमें नहीं लगता कि वह इसका कोई हल निकालना चाहती है। हम लंबी लड़ाई के लिए तैयार हैं और यह मार्च उसी लड़ाई की शुरुआत है।”

मलिक ने साथ ही बताया कि आंदोलन में 13 राज्यों के 50 लाख से भी अधिक लोग जुड़ेंगे।

 

उत्तर प्रदेश

हरदोई में 16 बार चुनाव लड़ा, हर बार मिली हार, फिर से मैदान में उतरे शिवकुमार

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हरदोई। देश भर में चुनाव का माहौल गरमाया हुआ है और ऐसे में हरदोई में भी चुनाव की गरमा गरमी अब खूब देखने को मिल रही है। यहां पर एक ऐसे प्रत्याशी भी है जो 17 वी बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं। अब तक कुल 16 बार चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन उन्हें आजतक किसी भी चुनाव में जीत नहीं मिली है। इनका नाम है शिवकुमार और यह शहर कोतवाली क्षेत्र के मन्नापुरवा के रहने वाले है।

इनका कहना है कि वह हारने के बाद भी वह चुनाव लड़ते रहेंगे क्योंकि जनता उनका सम्मान बरकरार रखती है। उन्होंने कहा कि इस बार अगर वह जीतते हैं तो लोकसभा क्षेत्र के लोगों की हर समस्या के समय उनके साथ खड़े रहेंगे और उनका सहयोग करेंगे। शिवकुमार ने प्रत्येक बार निर्दलीय होकर चुनाव लड़ा है।

शिवकुमार ने 3 प्रधानी के चुनाव 3 जिला पंचायत के साथ 7 चुनाव विधानसभा और अब तक 3 चुनाव दिल्ली वाले यानी लोकसभा ले लड़े है और अब वह चौथी बार 2024 में लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। उनका कहना है कि उनके मुद्दे क्या है अगर वह बता देंगे तो लोग नकल कर लेंगे।

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