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प्रादेशिक

महिला को चलती ट्रेन से फेंका, पांच लोग गिरफ्तार

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ट्रेन टिकट, रेल मंत्रालय,  स्पेशल ट्रेनें 

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भोपाल। मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले के इटारसी स्टेशन और भोपाल के बीच एक महिला को चलती ट्रेन से फेंकने वाले गिरोह के पांच लुटेरों को राजकीय रेल पुलिस (जीआरपी) ने गिरफ्तार कर लिया है। दो अन्य आरोपी अब भी फरार हैं।

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जीआरपी भोपाल के पुलिस अधीक्षक टी.के. विद्यार्थी ने यहां गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि समता एक्सप्रेस में दुर्ग से निजामुद्दीन के लिए भुनेश्वरी अपने पति राम सिंह के साथ यात्रा कर रही थी। राम सिंह सीआरपीएफ में तैनात है।

विद्यार्थी के मुताबिक, सात अप्रैल की सुबह लगभग चार बजे गाड़ी जैसे ही इटारसी स्टेशन से आगे भोपाल की ओर बढ़ी, तभी एक व्यक्ति ने महिला का बैग छीनकर भागने की कोशिश की।

नींद खुलने पर महिला ने पीछा करते हुए उस व्यक्ति को पकड़ लिया, तभी लुटेरे के अन्य साथी भी आ गए, महिला और लुटेरों में धक्का-मुक्की हुई, इसी दौरान महिला ट्रेन से नीचे गिर गई और उसका एक पैर कट गया।

विद्यार्थी के अनुसार, लुटेरे गिरोह में कुल सात सदस्य हैं, जिनमें से पांच को गिरफ्तार कर लिया गया है। इनके पास से लूट का माल और हथियार भी बरामद किए गए हैं। ये आरोपी उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के निवासी हैं। इस गिरोह के दो अन्य सदस्यों की तलाश जारी है।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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