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अन्तर्राष्ट्रीय

फ्रांस में राष्ट्रपति चुनाव से पहले टेरिस्ट अटैक, एक की मौत, आईएस ने ली जिम्मेदारी

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पेरिस। फ्रांस की राजधानी पेरिस में राष्ट्रपति चुनाव से तीन दिन पहले गुरुवार को हुए हमले में एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई। देश में पहले दौर के राष्ट्रपति चुनाव से तीन दिन पहले यह घटना हुई है। आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। इस घटना में हमलावर सहित एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई जबकि तीन घायल हो गए।

आईएस ने जिम्मेदारी ली
गोलीबारी की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने ली है। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, आईएस ने ट्वीट कर हमलावर की पहचान बेल्जियम के नागरिक अबू युसूफ अल-बालजिकी के रूप में की है जो उनका लड़ाका है।

हालांकि, इस घटना के बाद पुलिसकर्मियों ने हमलवार को मौके पर ही मार गिराया। पुलिस बस गुरुवार रात नौ बजे चैम्प्स एलिस में ट्रैफिक सिग्नल पर रूकी। न्यूयॉर्क पोस्ट ने गृह मंत्रालय के प्रवक्ता पिएरे हेनरी ब्रैंडेट के हवाले से बताया कि वहां मौजूद बंदूकधारी ने स्वचालित हथियार से बस पर गोलीबारी करनी शुरू कर दी।

ब्रैंडेट ने कहा, “पुलिसकर्मियों को जानबूझकर निशाना बनाया गया। साक्ष्यों और प्रत्यक्षदशिर्यों के बयानों से पता चलता है कि हमले को एक ही शख्स ने अंजाम दिया।” पेरिस पुलिस ने चैम्प्स एलिस से लोगों को तुरंत हटाना शुरू किया और आसपास के मेट्रो स्टेशन बंद कर दिए।

पेरिस के मुख्य अभियोजक फ्रांस्वा मोलिन्स ने बताया कि पुलिस ने हमलावर की पहचान की पुष्टि कर दी है लेकिन अभी नाम का खुलासा नहीं किया गया है। समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, जांचकर्ता पहले ही उपनगरीय पेरिस में हमलावर के घर की तलाशी ले चुके हैं।

आईएस का कहना है कि इस घटना को उसके लड़ाके ने अंजाम दिया है। राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने कहा कि वह इस बात से सहमत हैं कि इस घटना को किसी आतंकवादी ने अंजाम दिया है। ओलांद ने टेलीविजन पर अपने संबोधन में कहा, “हम देश में और हर जगह आतंकवाद का सामना करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” उन्होंने कहा कि प्रशासन को विशेष रूप से चुनाव के दौरान संभावित खतरे के मद्देनजर हाई अलर्ट पर बरकरार रखा जाएगा।

ट्रंप ने की निंदा
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ओलांद के टेलीविजन संबोधन से पहले कहा कि पेरिस में हुई घटना आतंकवादी हमले जैसी प्रतीत हो रही है। उन्होंने वाशिंगटन में इटली के प्रधानमंत्री पाओलो गेंटीलोनी के साथ संयुक्त सम्मेलन में कहा कि यह हिंसा कभी खत्म नहीं होगी।

अन्तर्राष्ट्रीय

सरबजीत सिंह के हत्यारे की लाहौर में हत्या, अज्ञात हमलावरों ने घर में घुसकर मारी गोली

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नई दिल्ली। पाकिस्तान की जेल में सरबजीत सिंह की हत्या करने वाले शख्स अमीर सरफराज तांबा अज्ञात बंदूकधारियों ने घर में घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी है। जानकारी के मुताबिक, अमीर सरफराज तांबा लाहौर के इस्लामपुरा इलाके में रहता था, जहां मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने उसके घर में घुसकर उसे मौत के घाट उतार दिया।

सरबजीत सिंह की हत्या करने वाले अमीर सरफराज को लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद का करीबी माना जाता था। सरफराज को ‘लाहौर के असली डॉन’ के नाम से जाना जाता था। सरफराज पाकिस्तान में कई संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त था और और सरकार और प्रशासन का संरक्षण प्राप्त था। FIR में सरफराज के भाई जुनैद ने पूरे घटनाक्रम का सिलसिलेवार जिक्र किया है।

जुनैद ने बताया कि जिस समय अज्ञात बंदूकधारी घर में घुसे, तब वह अपने भाई सरफराज के साथ घर में मौजूद था। जुनैद ने बताया कि वो ग्राउंड फ्लोर पर था, जबकि अमीर सरफराज ऊपर वाले फ्लोर पर था। दोपहर में करीब 12.40 बजे पर 2 अज्ञात लोग मोटरसाइकिल पर सवार होकर उसके घर पहुंचे। इसमें से एक व्यक्ति ने हेलमेट पहना था और दूसरे व्यक्ति ने मास्क लगाया था। दोनों ने घर में घुसते ही अमीर सरफराज पर 3 गोलियां चलाई और फरार हो गए।

गौरतलब है कि भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह को पाकिस्तान ने जासूसी का आरोप लगाकर गिरफ्तार किया था। सरबजीत 30 अगस्त 1990 को गलती से पाक सीमा में चला गया था। तब पाक पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था और इस्लामाबाद में हुए बम धमाकों के मामले में गिरफ्तार किया था। पाक पुलिस का दावा था कि भारत के तरनतारन के गांव भिखीविंड निवासी सरबजीत सिंह भारतीय एजेंसियों का जासूस है। कई सालों तक पाक जेल में बंद रखने के बाद पाक खुफिया एजेंसी ISI के इशारों पर अमीर सरफराज ने साल 2013 में जेल में सरबजीत की हत्या कर दी थी।

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