प्रादेशिक
नैनो सामग्रियों के संश्लेषण व केरेक्टराइजेशन पर कार्यशाला का आयोजन
नैनो टेक्नोलोजी पर सीएसआईआर आइआइटीआर की कार्यशाला
लखनऊ। नैनो सामग्रियों के संश्लेषण, केरेक्टराइजेशन और सुरक्षा आंकलन पर एक कार्यशाला का उद्घाटन देश के आधारभूत प्रमुख विषाक्तता संस्थान सीएसआईआर भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान में आज 22 मार्च को हुआ।
कार्यशाला के सह.संयोजक डॉ. आलोक पांडे ने सभा का स्वागत किया और डॉ डी॰ कार चौधरी मुख्य वैज्ञानिक सीएसआईआर भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान और आयोजन समिति के अध्यक्ष ने कार्यशाला की उत्पत्ति, भूमिका एवं संस्थान द्वारा नैनो टेक्नोलोजी विज्ञान के क्षेत्र में किए गए कार्यों के बारे में अतिथियों और प्रतिभागियों को अवगत कराया।
सभा को संबोधित करते हुए डा. पीएस चौहान. पूर्व प्रमुख, सेल बायोलॉजी डिविजन, बीएआरसी मुंबई ने मानव एक्सपोजर के विभिन्न क्षेत्रों में नैनोमेटीरियल के बढ़ते उपयोग के कारण, इनके सुरक्षा मूल्यांकन के लिए एक केंद्रित दृष्टिकोण की आवश्यकता पर बल दिया।
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प्रोफेसर आलोक धवन, निदेशक, सीएसआईआर भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान ने अपने भाषण में कहा कि प्रतिभागियों को संस्थान के नैनोटेक्नोलोजी के क्षेत्र में प्रमुख वैज्ञानिकों के साथ मिलकर कार्यशाला का अधिक से अधिक लाभ उठाना चाहिए।
इस कार्यशाला में व्याख्यानों और प्रयोगशाला में विभिन्न तकनीकों के उपयोग जैसे इलेक्ट्रोन माइक्रोस्कोपी, डाइनामिक लाइट स्केटेरिंग, इन-विट्रो और इन-विवो एसे द्वारा नैनो मेटीरियल संश्लेषण, केरेक्टराइजेशन और सुरक्षा जैसे विषयों का एक विवेकपूर्ण मिश्रण शामिल किया गया है। कार्यशाला के सह.संयोजक डॉ सत्यकाम पटनायक ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया।
उत्तर प्रदेश
जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।
अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,अस्पताल ले जाते समय ,अस्पताल में इलाज के दौरान ,झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,झूठी आत्महत्या दिखाकर ,किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।
सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।
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